पूर्व मंत्री की मौत के साथ दफन हुए व्यापमं घोटाले के कई राज 2200 आरोपितों में से अब तक 50 से ज्यादा की संदिग्ध मौत

भोपाल ।पूर्व मंत्री लक्ष्मीकांत शर्मा की मौत के साथ ही देश के सबसे बहु-चर्चित व्यापमं घोटाले के कई सारे राज भी दफन हो गए। बताते हैं कि अब तक व्यापमं घोटाले से जुड़े 50 से ज्यादा लोगों की संदिग्ध मौत हो चुकी है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर व्यापम घोटाले की जांच सीबीआई को 9 जुलाई 2015 को सौंपी गई थी। सीबीआई कुल 185 प्रकरणों की जांच की, जिनमें 24 संदिग्ध मौत के मामलों में 15 पीई दर्ज की गई थी। इन सभी मामलों को हत्या मानकर जांच की गई थी, लेकिन इस जांच में बहुत कुछ निकल कर सामने नहीं आया। हम बता दें कि मध्य प्रदेश के पूर्व मंत्री लक्ष्मीकांत शर्मा का सोमवार रात निधन हो गया था। वह कोरोना वायरस से संक्रमित थे। उन्हें 12 मई को भोपाल के चिरायु अस्पताल में भर्ती कराया गया था। हालत गंभीर होने पर उन्हें सोमवार दोपहर एयर एंबुलेंस से चेन्नई ले जाने की तैयारी थी, लेकिन उससे पहले ही उनका निधन हो गया। उन्हें अस्पताल में दो बार हार्ट अटैक भी आया था। डॉक्टरों ने बताया कि लक्ष्मीकांत शर्मा को बाईलेटरर सीवियर कोविड निमोनिया हुआ था। वह डेढ़ दिन से से वेंटिलेटर पर थे। गौरतलब है कि पूर्व मंत्री शर्मा का नाम व्यापम घोटाले की वजह से चर्चा में रहा था। उनके साथ मामले में करीब 2200 से ज्यादा लोगों को आरोपी बनाया गया। व्यापमं में तैयार की जा रही चार्जशीट में सिर्फ नेताओं के नहीं, बल्कि बिचौलियों, छात्रों, पुलिसकर्मियों, अभिभावकों के भी नाम दर्ज हैं।

यहां से शुरू हुआ मौत का सिलसिला
व्यापमं घोटाला सबसे पहले 2013 में सामने आया, जिसमें 1995 की मध्य प्रदेश व्यावसायिक परीक्षा बोर्ड (एमपीपीईबी) की परीक्षा में दाखिले और भर्ती को लेकर बड़े-बड़े लोगों के खिलाफ आरोप लगे। नेताओं और नौकरशाहों से लेकर कारोबारियों के नाम भी इस घोटाले में जुड़े। इस घोटाले में जिनके नाम आए। उनकी किसी न किसी वजह से मौत हो गई। व्यापमं के तहत प्रवेश परीक्षाओं में गड़बडिय़ों की शुरुआत 1990 के दशक से ही शुरू हो चुकी थीं। पहली एफआईआर साल 2000 में छतरपुर जिले में दर्ज हुई। 2004 में खंडवा में 7 केस दर्ज हुए। इसके बाद यह घोटाला बढ़ता चला गया और इंदौर क्राइम ब्रांच ने 2013 में फिर इस घोटाले से जुड़े गिरोह को पकड़ा और बाद में इस मामले को एसटीएफ को सौंपा गया। झाबुआ की मेडिकल छात्रा नम्रता डामोर का शव जनवरी 2012 में उज्जैन जिले में रेलवे ट्रैक पर मिला था। व्यापमं घोटाले में मप्र के तत्कालीन राज्यपाल स्व. रामनरेश यादव के बेटे शैलेश यादव का नाम भी आया था। 25 मार्च 2015 को शैलेश लखनऊ के मॉल एवेन्यू स्थित अपने पिता के सरकारी आवास में मृत पाए गए थे।

अब तक 50 से ज्यादा मौतें
व्यापमं घोटाले में जो आरोपित थे, उनमें से एक-एक कर अब 49 लोगों की मौत हो चुकी है। पूर्व मंत्री लक्ष्मीकांत शर्मा के निधन के साथ यह मौत का आंकड़ा 50 से ज्यादा पहुंच गया है। हर मौत के पीछे की अपनी एक कहानी थी, जिसे हर कोई जानना चाहता था। जांच एसटीएफ से लेकर सीबीआई तक के पास आई, लेकिन गुत्थी सुलझ न सकी।

सपा के प्रवक्ता ने कहा
मप्र समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता यश यादव ने बताया कि व्यापम घोटाले में शामिल 50 से अधिक आरोपियों की मौत हो चुकी है। प्रवक्ता यादव ने कहा कि घोटाले के समय तत्कालीन मंत्री लक्ष्मीकांत शर्मा भी अब दुनिया में नहीं रहे। कई राज वह अपने सीने में दफन कर चले गए। भाजपा ने उन्हें प्राथमिक सदस्यता भी बाहर किया था।

राजकीय सम्मान के साथ पंचतत्व में विलीन हुए लक्ष्मीकांत शर्मा
सिरोंज, निसं। पूर्व मंत्री और भाजपा नेता रहे लक्ष्मीकांत शर्मा का मंगलवार सुबह उनके गृह नगर सिरोंज में अंतिम संस्कार किया गया। राजकीय सम्मान के साथ उन्हें उनके पैतृक गांव सिरोंज में पंचतत्व में विलीन किया गया। कोरोना से जंग लड़ते हुए सोमवार को उनका निधन हो गया था। पूर्व मंत्री लक्ष्मीकांत शर्मा का पार्थिव शरीर एक सुसज्जित वाहन में उनकी फोटो और फूल मालाओं के साथ सिरोंज लाया गया। उनके समर्थकों, रिश्तेदारों और ग्रामीणजनों ने बड़ी संख्या में पहुंचकर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। उनके अंतिम संस्कार से पहले उन्हें पुलिस की खास टुकड़ी ने बिगुल और हवाई फायर के साथ गार्ड ऑफ ऑनर दिया। जिसके बाद उनका रीति रिवाज के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया। हम बता दें कि सिरोंज में एक शिक्षक के रूप में लक्ष्मीकांत शर्मा ने जब राजनीति में कदम रखा तो भाजपा में उनका बहुत अच्छा सम्मान रहा।

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