कलेक्टर ,सीओ ,एसडीएम ,कमिश्नर ,के बाद अब एस पी डॉक्टर शिवदयाल सक्रिय, कौन बनेगा महापौर पति, 10 मार्च को क्या लगेगी आचार संहिता, आबकारी विभाग में फेरबदल,

भगत -बाबा प्रणाम। बाबा -हां बेटा प्रणाम बहुत दिनों बाद दिखाई दिया।

भगत -कोरोना आपदा के बाद अब पटरी पर जीवन आया है।

बाबा -देवास जिले के एसपी भी अब सक्रिय है।

बाबा- हां बेटा इनकी गाड़ी भी पटरी पर आते-आते फिर उतर जाती है देवास जिले में अधिकारियों के मामले में अभी अच्छा समय चल रहा है एक अच्छी टीम मिली है । कलेक्टर चंद्रमौली शुक्ला कमिश्नर विशाल सिंह और एसडीएम प्रदीप सोनी देवास के लिए बहुत कुछ कर रहे हैं इनके अंदर कुछ करने का जज्बा जुनून है फिर एडीएम पद पर अपनी भूमिका जिम्मेदारी से निभाने वाले प्रकाश चौहान की वापसी भी जिला पंचायत सीईओ के रूप में शानदार तरीके से हुई है। अब लंबे समय बाद जब जिले एसपी डॉक्टर शिवदयाल ने ब्याज खोरो पर कार्रवाई के बाद भू माफियाओं पर भी कार्रवाई की है अब एसपी भी फार्म पर आ गए हैं शहर में या ग्रामीण क्षेत्र में दिन-रात गश्त चौराहे चौराहे पर पुलिस नजर आती है टीआई थाने से बाहर आकर आमजन से मिल रहे हैं लग रहा है पुलिस भी जिले में है।

भगत – पुलिस विभाग में अभी अच्छी टीम है बाबा।

बाबा – सही बात है बेटा अभी अनुभवी एडिशनल एसपी डाबर, ग्रामीण में सूर्यकांत शर्मा । सारे बेकार झेलने के साथ संकटमोचक के रूप में भूमिका निभाने वाले किरण शर्मा और सीएसपी सहित शहर के प्रमुख स्थानों पर टी आई और जवान भी मुस्तैद नजर आते हैं।

भगत -कमजोर कड़ी यातायात विभाग।

बाबा -यह सच में सबसे कमजोर कड़ी है क्योंकि आम जन को सीधा सब सच दिखता है पर पुलिस अधिकारियों को नहीं जनप्रतिनिधि प्रशासनिक अधिकारी सबके सामने बीच सड़क पर मुख्य पॉइंट पर सब कुछ चलता है पुलिस अधिकारी बस यही नहीं देख पाते हैं जो भी हो अभी तो डॉक्टर शिवदयाल फार्म पर है।

भगत – आबकारी विभाग में भी फेरबदल हुआ है।

बाबा – ठेकेदार ठेका छोड़कर अधबीच मैं चला गया वर्तमान जिला अधिकारी भी तबादला होने के बाद निरस्त कराने के बाद लंबे समय से विराजमान हैं ऊपर संभाग में देवास में शानदार कार्यकाल पूरा करने वाले वीरेंद्र सक्सेना की वापसी हुई है। जादौन तो फार्म पर चली रहे हैं अवैध शराब पकड़ने का अपना रिकॉर्ड बना है इंस्पेक्टर में महेश पटेल के बाद अब राजकुमारी मंडलोई को भी देवास से सोनकच्छ रवानगी लेना पड़ रही है हालांकि मंडलोई को संतोष इसलिए करना चाहिए कि वह जिले मैं ही है जबकि पटेल लंबी दूरी पर शिकायत के बाद गए हैं। मैं के दीवानों के लिए भी अभी अच्छा समय आ गया है ठेकेदार लोकल होने के साथ अब भाव में भारी कमी के बोर्ड तो नहीं लगे परंतु भाव में भारी कमी जरूर हो गई है। भगत -आचार संहिता लगने वाली है। बाबा- हां बेटा सरकार के आचार व्यवहार से तो यही लग रहा है की 10 मार्च को आचार संहिता की घोषणा हो सकती है यह बात अलग है कि कभी परीक्षा और महाराष्ट्र में फैला कोरोना स्पीड ब्रेकर बन सकता है वरना अब मोहल्ले मोहल्ले अपने नेता जी नजर आएंगे ।

भगत – बाबा सबसे ज्यादा तो दीवानगी पति परमेश्वर की देखी जा रही है पत्नियों के प्रति। बाबा -बेटा महापौर पति ही पूरी इस बार चुनाव में टिकट लेकर आएंगे क्योंकि मेहनत तो वही करते हैं आम जनता के बीच और रही बात महिला नारी शक्ति की तो जो महिला पार्टी के झंडे उठाती है वे दावेदार तो है परंतु दोनों ही पार्टी को जीत चाहिए जनता क्या कहेगी क्या सिद्धांत के नीति बस जीत के लिए नेताजी की श्रीमती जी को ही मैदान में उतारना पड़ेगा वैसे दोनों तरफ से उम्मीदवार लगभग तय है फिर भी आखिर में क्या समीकरण बनते हैं और इसे टिकट मिलेगा यह भाग्य पर भी निर्भर है परंतु इस बार नगर निगम पर्दे के पीछे महापौर पति और सर्वशक्तिमान नेता ही चलाएंगे। भगत – सीएमएचओ शर्मा जी की वापसी हो गई। बाबा – कोरोना आपदा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाला चिकित्सा विभाग एक बार फिर सीएमएचओ शर्मा की वापसी और उनकी जगह आए पूर्व सीएमएचओ डॉ सरल की वापसी में चर्चा में आ गया है वैसे सरल भी सरल भी सरल स्वभाव के हैं और देवास में 2 दशक से अधिक चिकित्सा क्षेत्र में कार्य करने के बाद सीएमएचओ की अच्छी पारी खेल चुके हैं परंतु इस बार वे देवास में सत्ता के सिरमोर राज परिवार के बिना सहमति के आ गए थे बस यही गलती दुख दे गई। भगत – भावी पार्षद दावेदार भागवत कथा में ज्यादा रूचि ले रहे है। बाबा -बेटा इतनी भागवत कथा भजन संध्या कभी नहीं हुई थी हर वार्ड में चार-पांच जगह भागवत कथा भजन संध्या और कई आयोजन यहां के पार्षद के दावेदार की संख्या की तरह बढ़ गए हैं कभी घर घर प्रसाद देने नहीं गए कभी कोरोना में घर घर जाकर पूछा नहीं जैसे चेहरे भी घर-घर प्रसाद देते नजर आते हैं यह पब्लिक है बाबू सब जानती है की भैया जी और दादा पहलवान जैसे चेहरे वाले इतने भोले भाले बनकर हमारी खैर खबर क्यों पूछ रहे हैं। इस बार वार्ड में पार्षदों के दावेदार सबसे ज्यादा है हर वार्ड में नए नए दावेदार उभर कर सामने आ रहे हैं। सबसे बड़ी बात किराने डेरी केबल कनेक्शन और सार्वजनिक व्यापार वाले कई पार्षद के प्रबल दावेदार बन गए हैं हमारे भैया इतने ग्राहक है तो हम को इतने वोट मिली जाएंगे अब यह नहीं मालूम कि सबको सुविधा नेताजी फ्री में तो नहीं देते थे कई लोगों ने तो इनकी दुकान से कुछ समय के लिए व्यापार बंद कर दिया है तो कई उधार करने वालों के मजे हो गए हैं भैया जी आप तो चुनाव लड़ो तो आपके साथ ही रहेंगे । भगत -निर्दलीय इस बार सबसे ज्यादा सबसे ज्यादा खड़े होंगे। बाबा – सही बात है बेटा इस बार इतने दावेदार हैं कि इतने को को टिकट देना तो संभव नहीं बगावत कर निर्दलीय खड़े होंगे ही सबसे बड़ी बात महापौर के लिए भी दो बड़े नेता निर्दलीय में सामने आ सकते हैं। निर्दलीय पूर्व में महापौर सभापति के साथ कई पार्षद रहे संगठन से बगावत की चुनाव जीते पार्टी ने वापस ले लिया इस कारण अब संगठन से बगावत करने में भी नेता नहीं डरते क्योंकि उनको मालूम है कि बाद में पार्टी वापस ले लेगी चुनाव जीत गए तो ठीक हार गए तो भी पार्टी में वापसी हो ही जाएगी अभी तो आजमा लो। भगत -कांग्रेसमें इस बार भी गंगा बहेगी। बाबा- हां बेटा इस बार तो नेताजी संगठन में पावरफुल है सत्ता जाने के बाद भी प्रदेश अध्यक्ष नहीं बदले तो नगर अध्यक्ष कहां से बदलते हैं इस बार भी मनोज राजानी के कोटा में सबसे ज्यादा टिकट रहेंगे उसके बाद जय सिंह ठाकुर शौकत हुसैन और कुछ टिकट जीत के मापदंड पर सीधे कांग्रेसी नेता को मिल सकते हैं वरना गंगा का पानी तो पीना ही पड़ेगा और अंदर की बात तो यह है कि महापौर का टिकट भी लगभग पहले से तय है। भगत -भारतीय जनता पार्टी में पैलेस की महत्वपूर्ण भूमिका होगी। बाबा- सत्ता में पूरी बागडोर अपने हाथ में लेने के साथ अब पैलेस संगठन में भी मजबूत स्थिति में आ गया है हाटपिपलिया सांवेर उपचुनाव के बाद विधायक गायत्री राजे पवार का कद बड़ा है मंत्री ना सही संगठन में भी इनकी मेहनत और काबिलियत रंग लाई है । महापौर और पार्षद में सबसे ज्यादा पैलेस की भूमिका ही महत्वपूर्ण रहेगी। जिलाध्यक्ष राजू खंडेलवाल और प्रदेश संगठन के प्रमुख नेता के सहारे महापौर और कुछ पार्षद के टिकट बदल सकते हैं देवास जिले में एक और उभर कर आए सामने भारतीय जनता पार्टी के नेता सांसद महेंद्र सिंह सोलंकी के कोटे से भी हुई टिकट आने की बात कही जा रही है परंतु वे गुटबाजी से दूर होकर केवल संगठन के लिए जो टिकट लाएगा उसके लिए काम करने की बात कर रहे हैं। वैसे इस बार भारतीय जनता पार्टी को फूंक फूंक कर कदम रखना चाहिए क्योंकि कांग्रेस भी बाजी मार सकती है। और कांग्रेसी नगर निगम का चुनाव 2018 की तरह लड़ने की पूरी तैयारी के साथ मैदान में है और वह विधानसभा का सेमीफाइनल भी इस चुनाव को मानकर चुनाव लड़ रहे हैं। भगत -पर्यावरण विभाग ने कहीं पर कार्रवाई की। बाबा -बेटा उद्योगपतियों से मासिक वार्षिक वसूली के लिए बने यह पर्यावरण और प्रदूषण नियंत्रण विभाग आम जनता को तो ढूंढने पर भी नहीं मिल सकते किसी पास कॉलोनी में बंगले में बने हैं यह विभाग उद्योगपति को आसानी से मिल जाते हैं और इनके साथ ही श्रम विभाग खाद्य और औषधि विभाग ड्रग नापतोल विभाग केवल औपचारिकता पूरी करते हैं इन विभागों पर किसी का नियंत्रण नहीं है यहां पर एक ही मुहावरा चलता है बाप बड़ा ना भैया सबसे बड़ा रुपैया।

भगत -एक अजगर जैसे हार पहनाने वाले और मधुर नेता बहुत चर्चा में है ।

बाबा – चाटुकार का कभी इतिहास में नाम नहीं होता जब भी नाम लिया जाएगा सामने बिना रीढ़ की हड्डी वाले चमचे रूपी चेहरे नजर आते हैं। मधुर संबंध चाहे कितने भी मधुर हो एक दिन खटास पढ़ना ही है और कभी ना कभी गाय तो गिरना ही है बस समय का इंतजार करो।

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