इंदौर देवास रोड अर्जुन बरोदा के जाम से त्राहिमाम त्राहिमाम, जाम में फंसी एम्बुलेंस से बुजुर्ग की मौत, मुख्यमंत्री जी अब कब आओगे और कितनी मौत और बेमौत का इंतजार, प्रकरण दर्ज होना चाहिए दोषियों पर

और आखिर वही हुआ जो सभी यातना सहने के बाद भी यही कह रहे थे कि कहीं ऐसे में एंबुलेंस ना फंस जाए। हम तो जैसे तैसे निकल रहे कोई आपदा में यहां पर न फंस जाए फस जाए। और हुआ भी यही और रोज हो रहा है हर दो-तीन घंटे में कोई एंबुलेंस या अन्य वाहन में इंदौर उपचार के लिए ले जाते बीमार व्यक्ति फस रहे हैं। ऐसे ही इंदौर से देवास अपने रिश्तेदार के यहां आयोजन में आ रहे कमल पांचाल बुजुर्ग व्यक्ति की मौत एंबुलेंस फंसने के कारण हो गई । अब यह बात अलग है कि इस बात को दबाने का बहुत प्रयास किया जा रहा है । कमल पांचाल की मौत का दोषी कौन है व्यवस्था। यह व्यवस्था दे रहे हम आम जनता को जो केवल अपनी मूलभूत सुविधा के लिए सारे टैक्स देने के बाद भी एक नया टैक्स टोल टैक्स दे रही है। सबसे बड़ी बात यह अभी की समस्या नहीं तीन-चार वर्षो से लगातार हम भुगत रहे हैं इस बार तो दो से तीन घंटे लगातार रोज जाम लगने से यह सामने आ गई लेकिन सामने वह लोग नहीं आए जिनका इस समस्या का निराकरण करना था मध्य प्रदेश शासन के मुख्यमंत्री से लेकर मंत्री और विधायक सभी तक यह खबर पहुंच गई लेकिन कोई वहां पर मौके पर पहुंचकर केवल थोड़ा सा भी सहारा दे देता तो आम जनता को बड़ी राहत मिलती। क्या यह सब भी दोषी नहीं है। हम सरकार इसलिए चुनते की कुछ अच्छा होगा बदलाव आएगा यह बदलाव आ रहा है कि हमको केवल मूलभूत सुविधा और गलत व्यवस्था के कारण तिल तिल कर मरना पड़ रहा है। विपक्ष पत्र लिख रहा है चलो शहर कांग्रेस अध्यक्ष ने पत्र तो लिखा लेकिन इसके बाद पूरा इंदौर का विपक्ष जहां मध्य प्रदेश के कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी छोटी से छोटी बात पर आवाज उठाते हैं और कहीं बार तो उनको ट्रैफिक जाम में ट्रैफिक व्यवस्था संभालते भी देखा है लेकिन इतना बड़ा आम जनता का दर्द उनको भी नहीं दिख रहा है क्या। फिर इसी क्षेत्र में विधायक प्रदेश के टॉप मंत्री है और उनका वर्चस्व भी है लेकिन वह भी कहीं नजर नहीं आ रहे हैं नजर आ रहा है तो तिल तिल कर मारता व्यक्ति रेंगता और अपने आप को कोसता सरकार को कोसता जैसे तैसे नैया पार करता जाम में फंसा व्यक्ति। देवास और इंदौर का व्यापारिक रिश्ता ही नहीं है राजनीति और सबसे ज्यादा शिक्षा और चिकित्सा में तो देवास पुरा इंदौर पर आधारित है जहां पर रोज हजारों बच्चे केवल शिक्षा के लिए जाते हैं तो मजबूरी में चिकित्सा के लिए भी पूरे जिले के लोग। कोई मां अपने बेटे का इंतजार कर रही है तो पिता अपनी बेटी का पत्नी अपने पति का। रोज घर से तो निकलते हैं लेकिन वापस कब आएंगे कह नहीं सकते कोई भरोसा नहीं। अब देखिए राजनीति में इंदौर को नंबर वन कहा जाता है कि यहां के नेता सब कुछ कर सकते हैं लेकिन यहां पर बड़े से बड़ा नेता बोना नजर आ रहा है। हमारे के देवास के नेता की फिर क्यों बात करें हमारे यहां तो राजनीति भी इंदौर से ही चलती है। मुख्यमंत्री मोहन यादव और मंत्रियों को विधायकों को तुरंत मोर्चा संभालना चाहिए सबसे पहले तो टोल टैक्स से ही बंद कर देना चाहिए जब तक यह व्यवस्था नहीं सुधरे और दूसरा यातायात व्यवस्था के लिए पूरा प्रशासन लगा देना चाहिए।वरना भगवान ना करें और कोई इस तरह की मौत हो गई या कोई हादसा हो गया तो उसका जिम्मेदार कौन होगा स्वयं सरकार। अभी तो हम यह दर्द है कि ना चाह कर भी सह रहे है।