परेशानी का भी इतिहास बना दिया इंदौर देवास रोड ने, नाम से ज्यादा बदनाम हो गया अमलतास, अमृत सहजने का मौसम, कांग्रेसियों के लिए भाग्यशाली जिला अध्यक्ष का पद, नगर निगम ठेकेदार का चेक, विद्युत वितरण कंपनी से थोड़ी राहत, और डिवाइडर हटाना पड़े,

भगत ….बाबा प्रणाम। बाबा…. बेटा प्रणाम। इतनी देर कर दी इंदौर से देवास आने में।
भगत….. हां बाबा इंदौर देवास रोड अर्जुन बड़ौदा के पास इस बार तो समस्या का इतिहास बन गया है।
बाबा…. हां बेटा कभी हम ग्रामीण क्षेत्र और पिछड़े क्षेत्र में देखे थे की समस्या लंबे समय से चली जाती है और लंबे समय तक चलती है। लेकिन प्रदेश की सबसे मुख्य सड़क जहां पर मुख्यमंत्री से लेकर मंत्री और प्रशासन के प्रमुख अधिकारी दिन रात निकालते हो वहीं पर यह हालत है ।कि अब हद हो गई है। स्मार्ट शहर की जगह कछुआ चाल का शहर बन गया है। जबकि टोल पूरा वसूला जा रहा है ऐसा नहीं है कि यह समस्या अभी की है ।यह विगत 3 वर्ष से लगातार चली आ रही है ।कहीं पुलिया बनने से तो कहीं पर सड़क जगह-जगह खस्ता हाल होने से। जब हमारी इस मुख्य सड़क पर किसी मंत्री विधायक और विपक्ष तक नहीं कोई अभी तक एक्शन नहीं लिया तो आम ग्रामीण क्षेत्र की सड़कों का क्या हाल होगा सभी समझ सकते हैं ।यही हमारा प्रदेश है जो तेजी से बढ़ रहा है। लेकिन आम आदमी हर समस्या से रोज दो-चार हो रहा है। फिर सबसे बड़ी बात एंबुलेंस और रोज अप डाउन करने वाले नौकरी करने वाले लोग जिनके पास मुश्किल से बहुत कम समय बचता है वह भी इसमें निकल रहा है तो छात्र-छात्राएं बच्चे सभी परेशान हो रहे हैं।
भगत…. विपक्ष भी चुप है। बाबा… सारे दमदार सत्ता पक्ष के नेता भी इंदौर और आसपास ही है जब वह सब सहन कर सड़क पर से निकाल कर जा रहे हैं तो फिर विपक्ष भी तो वही है जो कभी सत्ता पक्ष बन जाता है। इतनी बड़ी विडंबना है की दो से ढाई घंटे लगातार रोज परेशान होने के बाद भी कोई कुछ नहीं कर पा रहा है। हम सारे टैक्स देने के बाद टोल टैक्स से भी इसलिए देते हैं कि कम से कम रोड अच्छे मिले और समय भी कम लगे लेकिन जबरिया टैक्स के बाद भी जबरिया समस्या गले पड़ गई है जो आज हल भी हो गई तो फिर इसी मार्ग पर दूसरी जगह तैयार मिलेगी नहीं तो गड्ढे तो आपको गिफ्ट मिलेंगे ही सही। जैसे भी हो हम तो यही कहेंगे कि कम से कम अभी तो इससे थोड़ी तो राहत दिलाओ आदमी तिल तिल जी रहा है इस मार्ग से निकले तो यही सब देखने को मिलेगा।
भगत…. अमलतास का जितना नाम हुआ था उससे ज्यादा तो बदनाम हो गया। बाबा…. इंदौर के भदोरिया कंपनी ने जब देवास में एक बड़े निजी चिकित्सालय की नींव रखी थी तो देवास ही नहीं उज्जैन के आसपास के गांव की जनता भी खुश थी हमारे क्षेत्र में आसपास कोई सौगात मिल रही है। हुआ भी प्रारंभ में कुछ अच्छा जब सस्ते दर पर और बड़े मेहमान की तरह रोगी का उपचार चिकित्सा और स्टाफ करते तो कहीं आसपास के लोगों को रोजगार भी मिला । क्षेत्र की जमीन के भाव भी बढ़ गए। धीरे-धीरे अमलतास ऐसा लग रहा था कि देवास और उज्जैन के आसपास के लोगों के लिए एक बड़ी सौगात बनकर आया है लेकिन धीरे-धीरे ही अचानक यहां पर वह सब होने लगा की यह एक मात्र रिसर्च सेंटर है। हम लोग प्रयोग के लिए हैं और प्रयोगशाला में सब कुछ संभव है।
भगत…. चिकित्सा क्षेत्र एक सेवा का क्षेत्र है चाहे तो नाम कमा लो या पैसा। बाबा…. सही बात है कई डॉक्टर है जिनकी आज भी नाम आमजन की जबान पर है और फिर अगर आप ईमानदारी से अपना कार्य कर रहे हैं तो प्रचार प्रसार की भी आवश्यकता नहीं मौखिक प्रचार छोटे से गांव में भी भीड़ लगा देता है या छोटी सी कॉलोनी में भी और उन डॉक्टर का नाम जीवन भर के लिए अमर हो जाता है । बच्चे परिवार सुखी रहते हैं भले ही आप अरबपति से ख़रबपति बन जाओ एक एक और बड़ा चिकित्सk है इसके फैसले में दिए थे अंधेर नहीं और अंधेरगर्दी की हद यह हो गई की एक मासूम छात्रा के साथ वही के चिकित्सक ने गलत कार्य किया यही नहीं और भी कितने ही ऐसे प्रकरण बंद दीवारों में दब गए। प्रबंधन केबल आर्थिक आय और दिखावे के लिए प्रचार प्रसार में लगा रहता है । भगत…. शासकीय चिकित्सालय एमजी हॉस्पिटल की भी एजेंसी बन गया है। बाबा…. हमारे देवास का महात्मा गांधी चिकित्सालय तो अधिकांश इस अस्पताल में ही कैस रेफर करने के लिए पहले ही मन से तैयार रहता है फिर धन का मामला आने के बाद तो 100% वहीं पर जाना है। भगत… इसके कारण हमारे यहां पर मेडिकल कॉलेज नहीं आ पा रहा है। बाबा… असल में यह मेडिकल कॉलेज ही है और छात्रों के अनुसंधान के लिए सारी व्यवस्था है हम समझ रहे थे हमारे लिए भदोरिया बंधु आए हैं लेकिन उनको नाम नहीं कमाना है अभी भी समय है चाहे तो क्षेत्र के मसीहा बन सकते हो क्या लगता है ईमानदारी से और अच्छा कुशल प्रबंधन अगर हो तो धीरे-धीरे ही सही फिर संस्था के नाम के साथ अपना और अपने परिवार का नाम अमर कर सकते हैं। और पुण्य तो मिलेगा ही क्योंकि बहुत ही मजबूर व्यक्ति शासकीय चिकित्सालय से परेशान होने के बाद आपके यहां पर मजबूरी मे रेफर होकर आता है। अब तो सुधार लो महंगी चमकदार गाड़ी से नहीं आपका व्यक्तित्व आपके व्यवसाय और आपके व्यवहार और ईमानदारी से चमकता है। बाकी जनप्रतिनिधि और शासन प्रशासन के भले ही आपके यहां पर केवल उद्घाटन और आयोजित समझ में दिखाई दे और कुछ देखकर भी अनदेखा कर दे लेकिन ईश्वर के यहां पर सबका पन्ना लिख रहा है छोटा सा एक व्यापन का मामला समझकर ही आगे अब कुछ सुधार कर ले तो ठीक है नहीं तो मजबूरी का नाम पहले चिकित्सालय में शासकीय …हे hi दूसरा आपका भी लिखा ही जाएगा।
भगत… पुलिस ने ढूंढ ही लिया छेड़छाड़ के आरोपी को। बाबा…. पुलिस अपनी जगह पूरी ईमानदारी से लगी हुई है सारे सीसीटीवी और कई प्रमुख जगह पर तलाश करने के बाद पुलिस ने इस गुत्थी को भी सुलझा लिया नहीं तो इनका मुद्दा दूर पुलिस पर सारी बात आ जाती है अभी तक आरोपी नहीं पकड़े गए अब पकड़े गए तो कोई तो बोल दो कि अच्छा करा।
भगत….. पुलिस अधीक्षक की चली तो पूरा जिला एक दिन सीसीटीवी मैं प्रदेश में नंबर वन होगा। बाबा…. चलो कोई तो लगा है अपने शहर को सुधारने में और अपने विभाग को सुधारने में कुछ तो बदलाव हुआ है फिर अभी कहीं गांव पूर्ण सीसीटीवी से सज्जित हो गए हैं लेकिन शहर की जनता को थोड़ा देर से समझ में आएगा । अगर सभी अपने घर के ही अपने प्रतिष्ठान में सीसीटीवी लगा ले तो आधे अपराध तोवैसे ही काम हो जाएंगे और होंगे भी तो बहुत जल्द पकड़ में आ जाएंगे। जागरूक बने कम से कम आपके प्रतिष्ठान में तो सीसीटीवी लगा ले।
भगत…चीन की दीवार तोड़ दी। बाबा…. सुविधा के लिए कभी कोई व्यवस्था बनती है तो आधे लोगों के लिए वह सुविधा तो आधे के लिए दुविधा बन जाती है बस यही इस डिवाइडर का हुआ। अब आधे लोगों का प्रतिशत ज्यादा बढ़ गया ट्रैफिक से ज्यादा दबाव इनका बढ़ गया फिर जन प्रतिनिधि तो सब कुछ है सफल हुए और खोलना पड़ा डिवाइडर। भगत…. श्रेय दोनों ही ले रहे है। बाबा….. छोटा सा डिवाइडर बड़ी समस्या बन गया तो बड़े लोग आ गए। और बड़े आने से समस्या छोटी हो गई हल भी हो गई।
भगत…. शहर के यातायात का भगवान ही मालिक है। बाबा…. कुछ नए प्रयोग करो तो तकलीफ और नहीं करो तो तकलीफ। बस अभी यह अच्छा देखने में मिल रहा है की खुलेआम यातायात विभाग वसूली करते जनता को नहीं दिख रहा है शहर के बाहर और अंदर भी। फिर शहर में सबसे बड़ी समस्या पार्किंग की है। और दुकानदारों ने अतिक्रमण अलग कर रखा है।
भगत…. नगर निगम ने नोटिस दिए थे। बाबा…. नगर निगम की परिषद को भी पूरे 3 वर्ष होने जा रहे हैं अब नोटिस बारिश के बाद अमल हो तो अच्छा है वरना गई भैंस पानी में। और व्यापारी को भी समझना चाहिए कि आपका व्यापार शहर से बाहर जा रहा है। अगर सड़क चोड़ी होगी पार्किंग होगा तो ग्राहक शहर में आएंगे नहीं तो ए रोड रोड मक्सी रोड, उज्जैन रोड पर ग्राहक अलग-अलग विभाजित हो गए हैं। भगत…. नगर निगम में 7 करोड़ का चेक चर्चा का विषय बना है। बाबा….. पहले पूरी नगर निगम कुछ इंजीनियर के हाथ में थी आप कुछ खास लोगों के हाथ में है विभाग के ही उनकी चांदी है फिर जल व्यापारी को 7 करोड़ का चेक सीधे अगर मिलता है तो बीच में जनता द्वारा चुने गए नेताजी क्या करेंगे थोड़ी सी तो तकलीफ होगी।
भगत….. वर्षों से कार्य कर रहे कई ठेकेदार पेमेंट के इंतजार में पलायन कर गए। बाबा…. नगर निगम में अधिकांश तो गंगाधर ही शक्तिमान है। और उसका लाभ लाभ थोड़ा सा मिल जाता है कि पेमेंट हो जाता है। कुछ पार्षद को छोड़ दो तो अधिकांश पार्षद के अपने स्वयं के ठेकेदार है या कहे वह स्वयं ही ठेकेदार है फिर अपना बिल तो पास कर लेते हैं नहीं तो विरोध प्रदर्शन और बहुत कुछ है। बस बड़े ठेके में इनका बस नहीं चलता और अधिकारी भी सीधे ठेकेदार को ही ठेके देते हैं बड़े वाले अब उसमें भी कोई बड़े आ जाए तो फिर आपस में भिड़ंत होना ही है।
भगत…. अच्छा हुआ 3 साल से एल्डरमैन नहीं बने नहीं तो उनके भी खर्च और ठेकेदार। बाबा…. यह सरकार की कमी है कि अपने ही कार्यकर्ता को उपकृत नहीं कर पा रही है। पूरे 3 वर्ष होने जा रहे हैं और अभी तक एल्डरमैन तक नहीं बना सकी। तो और भी कई महत्वपूर्ण पद अभी तक खाली पड़े हैं। भगत… भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बहुत जल्द घोषणा होने वाली है। बाबा…. इस बार चौंकाने वाला नाम सामने आएगा वह चेहरा आएगा जो कोई सोच भी नहीं सकता। और इसी कारण कई नियुक्तियां अभी तक रुकी हुई है। पहले प्रदेश अध्यक्ष उसके बाद राष्ट्रीय अध्यक्ष होना है इसके बाद फिर हमारे जिले में पदाधिकारी और प्रमुख पदों पर नियुक्तियां होगी।
भगत ….कांग्रेस में भी जिला अध्यक्ष के लिए घमासान हो गया है। बाबा…. कांग्रेस जिला अध्यक्ष का पद अभी तक भाग्यशाली रहा है। अधिकांश जिला अध्यक्ष को या तो कांग्रेस से विधानसभा का टिकट मिला है। अभी तक तो लगातार कैलाश कुंडल को जिला अध्यक्ष के बाद ही खातेगांव, स्वर्गीय राजेंद्र सिंह बघेल को भी जिला अध्यक्ष और हाटपिपलिया टिकट स्वर्गीय श्याम होलानी को भी जिला अध्यक्ष के बाद बागली से टिकट मिला इस तरह जिला अध्यक्ष के पद कुछ हद तक तो भाग्यशाली है अब हार जीत अलग बात है । भगत….. ऐसे तो नगर निगम का भी पद भाग्यशाली है। बाबा…. हां नगर निगम में भी सभापति रहे स्वर्गीय रतनलाल चौधरी, और फिर उनके पुत्र प्रदीप चौधरी को विधानसभा का टिकट मिला। दूसरा प्रतिपक्ष नेता और महापौर पति हारून शेख को दो महापौर जय सिंह ठाकुर और रेखा वर्मा दोनों को टिकट मिले सभी को कांग्रेस से टिकट मिले अब हार जीत अलग बात है। सभी हार गए परंतु टिकट तो मिले। इस तरह देवास नगर निगम महापौर सभापति और प्रतिपक्ष नेता पद राजनीति me भाग्यशाली है।
भगत…. वन विभाग ne बारिश में अतिक्रमण हटा दिया बड़ी उपलब्धि है। बाबा…. जंगल में एक गरीब की का घर बारिश में हटा दिया तो कौन सा बड़ा काम कर दिया कम से कम बारिश का मौसम तो पूरा हो jaane देते भगवान ने सीमांकन नहीं किया है हमने अपना सीमांकन स्वयं किया और किसी को अपना घर बसाने का अधिकार भी अब सरकार तय करती है। व्यक्तिगत लड़ाई जमीन पर आ गई और जमीन से जमीन पर रहने वाले परिवार को बेदखल कर दिया तोड़ना हो तो उन नेताओं के और रसूखदार के तोड़ो जहां पर आपकी सीमा समाप्त हो जाएगी। जंगल हमारा जमीन हमारी का नारा देने वाले वनवासी की हकीकत है कि वह आज भी जमीन पर ही खड़ा है और उनके साथ बहुत कम लोग खड़े हैं दिन-रात मेहनत कश मजदूरी करने वाले हाथ की ही पूरे देश में बिल्डिंग है तो क्या उनको अपने स्वयं के जंगल में रहने का अधिकार नहीं बहुत सी जगह लीगल होने के बाद भी हटा दिए जाते हैं थोड़ी तो मानवता रखो फिर कहोगे बगावत और धर्मांतरण हो रहा है। जब घर से बेदखल हो जाएंगे तो क्या करेंगे। पुलिस ने अपना व्यवहार बदल दिया प्रशासन में बदल दिया वन विभाग क्या थोड़ी सी अपनी शैली बदल लो जो जंगल बचे उनको ही बचा लो यह तो आरा मशीन आज भी बेदर्दी से हरे भरे पेड़ रात के अंधेरे में काट रही है। अब मौसम आ गया है पौधारोपण का कम से कम इस बार ईमानदारी से लगा दो।
भगत…. मौसम बारिश के पानी को सहेजने का भी है। बाबा…. हां बेटा अभी देवास में तो बहुत अच्छा अमृत संचय अभियान चल रहा है । जिसमें देवास पूरे प्रदेश में टॉप में चल रहा है हम अपने लिए ना सही अपनी आने वाली पीढ़ी के लिए जल को सहेज कर रखें छोटा सा घर में रूप वाटर हार्वेस्टिंग अगर लगवा ले तो कम से कम आत्म संतोष तो रहेगा कि हमने कुछ पुण्य का कार्य किया जितना प्रकृति से जल ले रहे हैं कम से कम उसका आधा ही वापस लौटा दे। साथ में बधाई की पात्र जल यानी अमृत सहेजने वाली टीम भी है जो निस्वार्थ पूरे जिले में कार्य कर रही है।
भगत….. युद्ध भी रुक गया। बाबा….. हमारे अपने देश में तो बहुत सही बदला लेकर युद्ध विराम की बात मान भी ली और पूरे विश्व में भारत की ऐसा देश है जो शांति चाहता है और हमेशा शांति के लिए प्रयास करता है लेकिन सर्वशक्ति वाले अमेरिका ईरान और इजराइल जैसे देश जिनके नेतृत्व बड़े बुजुर्ग होकर भी केवल आपस में लड़ रहे हैं इस उम्र में तो लड़ने वाले भी एक हो जाते हैं और शांति के पक्ष में रहते हैं लेकिन इन देश के बुड्ढे ही कहना होगा क्योंकि उनके कार्य ही ऐसे हैं कि अभी भी लड़े जा रहे हैं। युद्ध विराम अभी हुआ है आगे कुछ नहीं कह सकते क्योंकि यह बुड्ढे हमारे यहां बुजुर्ग कहते हैं ।लेकिन इनको यही नाम देना होगा जो मान नहीं रहे है।
भगत… मध्य प्रदेश विद्युत वितरण कंपनी से थोड़ी सी तो राहत है। बाबा… नाम मत ले नहीं तो अभी बिजली काट देंगे। चलो खूब परेशान किया खूब सताया और अब शायद इसलिए राहत दे दे कि हम टोल टैक्स और इंदौर से लेकर अमलतास और बारिश के पानी से लेकर अन्य समस्या से परेशान है तो कर्फ्यू में ढील की तरह अभी विद्युत वितरण कंपनी ने राहत दी है कि आप सब इन समस्याओं से निपट जाओ तो फिर हम हैं ही। फिर मिलेंगे जय हिंद जय भारत।