उपचार से गंभीर कुपोषण से मुक्त हुआ देव

————– देवास, देवास पोषण पुनर्वास केन्द्र में उपचार से देव गंभीर कुपोषण से मुक्त हुआ है। देवास शहरी क्षेत्र के शांति नगर सेक्टर विकास नगर निवासी दीपा पति श्री मांगीलाल तावडे निवास करते है। श्री मांगीलाल अपना घर चलाने मजदूरी करते है। इनके 3 बच्चे है, जिसमें 2 लड़के और एक लड़की है। देव तीसरा लड़का है। जिसका स्वास्थ्य ठीक नहीं रहता और बीमारी होने से कमजोर रहता। क्षेत्र की आशा कार्यकर्ता श्रीमती बबली सारोलिया द्वारा परामर्श और समझाइश एवं चिकित्सकीय जांच उपरांत जिला चिकित्सालय देवास के पोषण पुनर्वास केंद्र भर्ती किया गया। पोषण पुनर्वास केन्द्र (एनआरसी) में पोषक प्रशिक्षक अर्चना दुबे ने बताया कि देव बहुत कमजोर था और वजन नहीं बढ़ रहा था। एनआरसी में भर्ती के समय देव का वजन 4.104 कि.ग्रा. तथा उचाई 58 सेंटीमीटर थी, जो कि कुपोषण की श्रेणी मे आ रहा था। देव को एनआरसी में भर्ती कर डायल्युट फुड डाइट दी गई। नियमित चिकित्सकीय देखभाल व उपचार किया सेहत में सुधार हुआ। पोषक प्रशिक्षक श्रीमती दुबे द्वारा देव की माता की पोषण के सम्बंध में काउंसिलिंग की गई। बच्चे को किस प्रकार दूध पिलाना है। डाइट को किस प्रकार देना है। स्वास्थ्य का ध्यान रखने की निरन्तर समझाईश और परामर्श दिया गया, जिससे बच्चे के वजन में वृद्धि होने लगी। देव एनआरसी में 14 दिन तक भर्ती रहा। नियमित चिकित्सक द्वारा उपचार एवं पोषक प्रशिक्षक द्वारा डाईट देने से 14 दिन बाद को छुटटी के समय वजन 4.660 कि.ग्रा. हो गया। स्वास्थ्य विभाग द्वारा नियमित फोलोअप किये गये, देव अब पूरी तरह स्वस्थ है। एनआरसी नोडल अधिकारी डा.कपिल गांगिल ने बताया कि बच्चे को भर्ती कर नियमित बच्चे और मॉ की जांच कर उपचार किया गया। अब उसके माता-पिता भी खुश हैं, एनआरसी में भर्ती के समय चिकित्सक पोषक प्रशिक्षक व एएनएम, सपोर्टिंग स्टॉफ द्वारा नियमित देखभाल व उपचार किया गया। जिले में पोषण पुनर्वास केन्द्रों में गम्भीर कुपोषित बच्चों का आशा, आंगनवाडी कार्यकर्ता, स्वास्थ्य कार्यकर्ता द्वारा चिंहित कर भर्ती कराया जाता है। साथ ही जिला अस्पताल में नियमित वार्ड में भी ऐसे बच्चो को चिंहित कर पोषण पुनर्वास केन्द्र में 14 दिनों तक बच्चों को भर्ती किया जाता है। निर्धारित डाईट प्रदान की जाकर माता को समझाइश दी जाती है।