अतिक्रमण हटाओ मुद्दा महापौर की अनुपस्थिति में सभापति का अभियान और उसे पर सांसद का तंज, राजनीति मुद्दा बन गया, जबकि होना यह चाहिए

राजनीति में अकेले कुछ करने चलो तो संभल कर चलो। अवसर का लाभ ले लेकिन थोड़ा सोच समझ के लिए नहीं तो पासा उल्टा भी पड़ जाता है। ऐसा ही कुछ नगर निगम की राजनीति में महापौर  सभापति के संबंध सभी को पता है। अब बात आती है देवास नगर निगम के महापौर गीता दुर्गेश अग्रवाल धार्मिक यात्रा पर है और ऐसे में पूरा नगर निगम का प्रभार राजनीति के रूप से सभापति रवि जैन के पास आना स्वाभाविक है। और मौका भी अच्छा था की महापौर रहते बहुत कम चार्ज मिलता महापौर रहते बहुत कम चांस मिलता है ।क्योंकि महापौर हर जगह चाहे भीषण बारिश में शहरों में पानी भरा हो तो घुटने घुटने पानी में महापौर प्रतिनिधि नजर आते हैं तो प्रति बुधवार जनसुनवाई के साथ हर जगह मौजूद रहते हैं ।ऐसे में सभापति को वैसे भी कम ही मौका मिलता और नजर भी कम ही आ रहे थे शहर में । तो सभापति ने अचानक शहर के एमजी रोड का दौरा कर व्यापारियों को अतिक्रमण हटाने के लिए फुल भेट किए।

इलेक्ट्रॉनिक मीडिया और सोशल मीडिया के लिए अच्छी खबर बनी बनती भी है। अब पहली बात तो महापौर शहर में नहीं है तो जो भी होना है महापौर के आने के बाद ही होना है दूसरा विधायक राजे द्वारा धार्मिक आध्यात्मिक बड़ा आयोजन के कारण व्यस्त है ऐसे में सभापति के लिए अच्छा एक अवसर राजनीति का मिला और उन्होंने देवास शहर के एमजी रोड के व्यापारियों को फूल देकर अतिक्रमण स्वेच्छा से हटाने के निर्देश दिए। बात यहीं पर समाप्त नहीं होती । जवाब में एक छोटी सी फेसबुक पर पोस्ट सांसद महेंद्र सिंह सोलंकी ने की सम्मान की बात और जवाब भी फेसबुक पर ही सभापति दे रहे हैं। ज्यादा समय नहीं कभी सभापति सांसद के भी सबसे खास कहे जाते थे लेकिन सांसद और देवास विधायक राजे के राजनीतिक संबंध बिगड़ने के बाद सभापति को सांसद से अलग होना ही था। अब उनके बीच फेसबुक पर वार हो रहा है ठीक है। शहर में और राजनीति में चर्चा होगी ही ।

लेकिन आज हम करते हैं मुख्य चर्चा देवास के अतिक्रमण पर। शहर के विकास के लिए अतिक्रमण हटाना आवश्यक है लेकिन यहां बात आती है ।कि हर बार केवल एमजी रोड और मुख्य एबी रोड पर ही अतिक्रमण अभियान चलाकर बंद हो जाता है ।जबकि कहीं शहर में ऐसे मार्ग है जहां पर से भी अतिक्रमण हटाना आवश्यक है खासकर धार्मिक क्षेत्र के आसपास का अतिक्रमण तो सबसे पहले हटाना चाहिए। फिर अतिक्रमण के पीछे दोषी कौन है । नेता तो है जो अतिक्रमण करवाते हैं। और सबसे बड़ी गलती नगर निगम के इस विभाग की जो कि अतिक्रमण होते देखती है और उसे समय कुछ नहीं कहती । क्या इन अधिकारियों पर कार्रवाई नहीं होना चाहिए शहर में एक रिमूवल गैंग बनाना चाहिए जो हर जगह अतिक्रमण पर नजर रखें और इतनी नौबत ही नहीं आए बड़ी बिल्डिंग बड़े कॉलोनाइजर द्वारा मॉल नेताओं के मॉल से इसकी शुरुआत होना चाहिए। और फिर जब हटाए तो पूरे शहर में चले और एमजी रोड पर सबसे अंतिम समय में चलेगा तो व्यापारी स्वयं से तैयार हो जाएंगे। आपके राजनीति के गुट चाहे कितने हो शहर का कितना लाभ है यह सबसे पहले होना चाहिए अतिक्रमण के कारण शहर में व्यापारियों का भी नुकसान है पार्किंग की जगह नहीं होने के कारण पूरा व्यापार शहर के बाहर चला गया है उसके बाद भी ना व्यापारी समझ पा रहे हैं ना राजनेता अब सब कुछ भूल कर एक मंच पर बैठकर शहर का एक अच्छा प्लान बनाकर बिना भेदभाव के अतिक्रमण हटे तो बात है ।

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