कृषि विज्ञान केन्द्र देवास में वैज्ञानिक सलाहाकार समिति बैठक का हुआ आयोजन
————- देवास कृषि विज्ञान केन्द्र देवास द्वारा वैज्ञानिक सलाहकार समिति की बैठक का आयोजन हाईब्रिड माध्यम से किया गया। कार्यक्रम में निदेशक विस्तार सेवायें रा.वि.सि.कृ.वि.वि. ग्वालियर डॉ. वाय.पी.सिंह एवं अधिष्ठाता कृषि महाविद्यालय इंदौर डॉ. शरद चैधरी उपस्थित थे। साथ ही कृषि विज्ञान केन्द्र उज्जैन, शाजापुर एवं इंदौर से प्रधान वैज्ञानिक एवं प्रमुख डॉ. आर.पी.शर्मा, डॉ. जी.आर. अम्बावतिया, प्रधान वैज्ञानिक एवं प्रमुख एवं वैज्ञानिक डॉ. डी.के. मिश्रा द्वारा भागीदारी की गई। जिले के कृषि से संबद्ध विभागों के प्रमुख उप-संचालक कृषि श्री आर.पी.कनेरिया, उप संचालक उद्यानिकी श्री पंकज शर्मा, डॉ. गिरोठिया, श्री अविनाश तिवारी, श्री एम.एल.सोलंकी, श्री लोकेश गंगराड़े साथ ही जिले के विभिन्न कृषक उत्पादक संगठन एवं गैर-शासकीय संस्थाओं के अधिकारीगण उपस्थित थे। बैठक में सर्वप्रथम केन्द्र के प्रधान वैज्ञानिक एवं प्रमुख डॉ. ए.के. बड़ाया ने कार्यक्रम की रूपरेखा एवं उद्देश्य के बारे में बताया। तत्पश्चात् डॉ. महेन्द्र सिंह, शस्य वैज्ञानिक द्वारा विगत 6 माह की आयोजित गतिविधियों का प्रगति प्रतिवेदन एवं आगामी 6 माह की प्रस्तावित कार्ययोजना के बारे में विस्तृत प्रस्तुतीकरण दिया गया। कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि डॉ. वाय.पी.सिंह, निदेशक विस्तार सेवाएं, रा.वि.सिं.कृ.वि.वि., ग्वालियर ने मृदा स्वास्थ्य के लिए फसल अवशेष प्रबंधन पर विशेष जोर देने की बात कही। साथ ही प्लास्टिक मल्चिंग के स्थान पर फसल अवशेष मल्चिंग को अपनाने के बारे में बताया। साथ ही सिंचाई की विधियों में सुधार करने एवं सिंचाई के पानी को संरक्षित करने पर जोर दिया एवं सूक्ष्म पोषक तत्वों व नैनो डीएपी के प्रयोग करने की बात कही। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉ. शरद चैधरी, अधिष्ठाता, कृषि महाविद्यालय, इंदौर ने केन्द्र के कार्यों को सराहा एवं किसान की आय बढ़ोत्तरी पर कार्य किये जाने का सुझाव दिया। डॉ. रमेश आसवानी, वैज्ञानिक, रा.वि.सिं.कृ.वि.वि., ग्वालियर ने सूक्ष्म पोषक तत्वों के पर्णीय छिड़काव करने के साथ-साथ जैविक कीटनाशकों का अधिक से अधिक उपयोग करने का सुझाव दिया। साथ ही मछली पालन से किसानों की आय बढ़ाने संबंधी गतिविधियां संचालित करने हेतु सुझाव दिया। डॉ. आर.पी.शर्मा, प्रधान वैज्ञानिक एवं प्रमुख, कृषि विज्ञान केन्द्र, उज्जैन ने के.वि.के. द्वारा विपणन हेतु बनाये गये उत्पादों की विधि एवं तकनीकी को किसानों तक पहुंचाने की बात कही एवं फसल विवधिकरण अपनाने हेतु किसानों को जागरूक करने का सुझाव दिया। तत्पश्चात् श्री आर.पी. कनेरिया, उप-संचालक कृषि ने शासन की योजना के अनुसार कृषक प्रक्षेत्र पर फसल विवधिकरण को बढावा देने के लिए दलहनी एवं रबी में अन्य फसलों जैसे: सरसों, अलसी आदि को अपनी कार्य योजना में शामिल करने एवं केन्द्र के प्रक्षेत्र पर प्राकृतिक खेती का अनुप्रयोग करने हेतु सुझाव दिया। नाबार्ड के प्रबंधक श्री अविनाश तिवारी द्वारा खाद्य प्रसंस्करण एवं मूल्य संवर्द्धन के साथ-साथ उच्च उपज क्षमता वाली फसल किस्मों को अपनाने का सुझाव दिया। श्री लोकेश गंगराड़े, सहायक संचालक कृषि ने केन्द्र के क्लस्टर क्षेत्र में खातेगांव एवं कन्नौद विकासखण्ड को अंगीकृत करने का सुझाव दिया। कृषि उपज मण्डी देवास के उपनिरीक्षक श्री निशांत व्यास द्वारा हाल में लॉन्च हुए एम.पी. फार्म गेट ऐप की जानकारी दी एवं यह ऐप किस प्रकार किसानों के लिए लाभकारी है इस बारे में बताया। उन्होंने बताया कि इस ऐप द्वारा किसान घर बैठे ही अपनी उपज का भाव एवं विपणन आसानी से कर सकते हैं। इस बैठक में जिले के प्रगतिशील कृषकों के साथ साथ केन्द्र के वैज्ञानिक डॉ. निशिथ गुप्ता, डॉ. महेन्द्र सिंह, डॉ. मनीष कुमार, डॉ. लक्ष्मी, श्रीमती नीरजा पटैल तथा तकनीकी अधिकारी श्री विनेश मुजाल्दा, श्रीमती अंकिता पाण्डेय, डॉ. सविता कुमारी, श्री विद्याभूषण मिश्रा एवं श्री पवन राजपूत की सराहनीय भूमिका रही।
