महापौर में मनीषा चौधरी के मत करेंगे फैसला
देवास नगर निगम चुनाव में इस बार महापौर के लिए निर्दलीय मनीषा चौधरी ने जब फॉर्म भरा था तो यही कहा जा रहा था कि 1000 -2000 से ज्यादा वोट नही मिलेंगे । और सही बात भी है सामान्यतः निर्दलीय की यही स्थिति रहती है। महापौर और विधानसभा के चुनाव में कुछ निर्दलीय को छोड़ दे तो सभी इस आंकड़े पर या इससे भी कम सिमट जाते हैं।
देवास में निर्दलीय के रूप में केवल एक बार भारतीय जनता पार्टी से टिकट नहीं मिलने के बाद शरद पाचुनकर चुनाव लड़े और ऐतिहासिक जीत हासिल की दूसरी बार टिकट नहीं मिलने के बाद फिर निर्दलीय चुनाव लड़े और परंतु 30 हजार मत लाए । इतने अभी तक कोई निर्दलीय नहीं ला सका।
अब बात करें मनीषा चौधरी की तो मनीषा कांग्रेसी पूर्व पार्षद दीपक चौधरी की पत्नी और कांग्रेसी नेता शिवा चौधरी जिनको शिवा पहलवान के नाम से पहचाना जाता है पहलवान के कारण ही ये कहीं पर राजनीति में प्लस रहते हैं तो कहीं पर माइनस। इस सबकी परवाह किए बिना पहलवान ने चुनाव एक योद्धा की तरह चुनाव लड़ा और पूरे शहर में एक एक वार्ड में जनता से सीधा संपर्क किया। इस बार दोनों पार्टी के वोट अलग और सीधे व्यक्तिगत प्रत्याशी को देखकर वोट जो दिए गए हैं उसमें मनीषा चौधरी सर्वाधिक वोट मिले हैं। एक तरफ भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस पूरी ताकत से चुनाव जीतने के लिए लगी थी बैठकों का दौर सभा और सभी हथकंडे लेकिन इन सबसे हटकर शिवा चौधरी ने कुशल प्रबंधन के साथ सुबह से लेकर रात तक बस एक ही काम रखा। आम जनता से सीधा संपर्क ना कोई सभा ना कोई बैठक ।सुबह से पूरी टीम को साथ लेकर निकलते तो भोजन भी उसी वार्ड में जहां पर दोपहर हो जाए और रात को भी उसी वार्ड में बिना रुके बिना थके बस लगे रहे प्रचार में और कहते हैं ईमानदारी से जो कार्य किया जाए उसमें सफलता निश्चित है। आज दो राष्ट्रीय पार्टी के सामने एक निर्दलीय का नाम अगर अच्छी पोजीशन में है तो वहां केवल चुनाव में एक ही लक्ष्य जनता से सीधा संपर्क का परिणाम है फिर मनीषा चौधरी का उद्बोधन और जनता से सीधे बात करना भी जनता को भा गया। पहले कहा जा रहा था इतने वोट मिलेंगे बीच में इनका प्रचार प्रसार देख यह कहा जाने लगा कि अच्छे वोट मिलेंगे वोट काटेंगे और अब जीत के करीब मनीषा चौधरी को देखा जाने लगा है ।जीत हार का परिणाम जो भी हो अभी तो मनीषा चौधरी इस स्थिति में है कि दोनों ही दलों की नींद उड़ गई है ।मनीषा के वोट गीता दुर्गेश अग्रवाल और विनोदनी व्यास के बीच जीत हार मैं महत्वपूर्ण है अभी तक के सर्वे में तो कांग्रेस के वोट ज्यादा कटने की बात सामने आ रही है परंतु अंदर ही अंदर यदि भारतीय जनता पार्टी के वोट भी ज्यादा कट गए तो परिणाम रोचक होगा। कांग्रेस के कई कार्यकर्ता बीच में यही कहते पाए की पहलवान के परिवार में यदि टिकट मिल जाता तो माहौल ही बदल जाता ।भारतीय जनता पार्टी के सामने कांग्रेसी प्रत्याशी से ज्यादा दमदार से शिवा पहलवान ने चुनाव लड़ा वह भी उस समय जब कुछ समय पहले ही पहलवान के खिलाफ सरकार का डंडा चला था और यह कहा जा रहा था कि अब पहलवान की राजनीति समाप्त ।परंतु संघर्ष कर फिर मैदान में उठकर खड़े होने वाले शिवा पहलवान ने अपनी बहू मनीषा चौधरी के माध्यम से अपनी राजनीति का परचम लहरा दिया है आगे परिणाम जो भी हो अभी तो शहर में भारतीय जनता पार्टी कांग्रेस के साथ तीसरे उम्मीदवार मनीषा चौधरी की चर्चा आम है। अभी तक के सर्वे में भारतीय जनता पार्टी प्रत्याशी गीता अग्रवाल कांग्रेस की उम्मीदवार विनोदिनी व्यास से कुछ ही आगे है अब सब कुछ मनीषा चौधरी के वोट पर टिका हुआ है।
