जिला पंचायत चुनाव परिणाम में भाजपा की करारी हार से जिलाध्यक्ष के ऊपर लटक रही तलवार, अब नगरीय चुनाव में भी हालत खराब संगठन को देना होगा ध्यान

देवास जिले में भारतीय जनता पार्टी के अधिकृत प्रत्याशी पहले चरण में तो बुरी तरह हार गए और दूसरे चरण में कुछ सम्मान बचा सके। दोगुना प्रत्याशी की विजय भारतीय जनता पार्टी पदाधिकारियों पर भारी पड़ सकती है भारतीय जनता पार्टी जिला अध्यक्ष राजू खंडेलवाल पर। अब सवाल उठने लगे हैं विरोधी ने मोर्चा खोल दिया है । अब नगरीय निकाय के चुनाव मैं अच्छा प्रदर्शन होता है तो ही खंडेलवाल का पद बच सकता है। वरना विरोधी तो पूरी तरह सक्रिय है वैसे राजू खंडेलवाल के कार्यकाल में कई उपलब्धियां रही तो विवाद भी बहुत हुए। सबसे पहले पदाधिकारियों की नियुक्ति और सबसे ज्यादा बाद में युवा मोर्चा नियुक्ति रही ।उसके बाद अभी टिकट बंटवारे में तो पुतला दहन तक हो गया और कई जगह प्रत्याशी बदलना पड़े। अब राजू खंडेलवाल जो अपनी पत्नी के लिए महापौर का टिकट लेने के लिए अंतिम प्रयास तक डटे रहे जबकि उनको संगठन के लिए लगे रहना था परंतु महापौर में अपनी पत्नी का टिकट और पार्षद में अपने समर्थकों के टिकट के लिए लगे रहे तो महामंत्री राजू यादव अपना टिकट लाने में सफल रहे। महामंत्री तो पार्षद की दौड़ में लग गए अब रहे जिलाध्यक्ष तो उनके पास बस नगरी निकाय के चुनाव हे जहां अच्छा प्रदर्शन करने पर उनका पद यथावत रह सकता है ।

वरना विरोधियों ने तो कमर कस ली है की पूरा डाटा प्रदेश और ऊपर तक भेजने की नगरी निकाय में शहरी क्षेत्र में सबसे ज्यादा निर्दलीय प्रत्याशियों ने समीकरण बिगाड़ दिए हैं और भारतीय जनता पार्टी द्वारा निष्कासन के बाद कई निर्दलीय प्रत्याशी के लिए मैदान में खड़े हैं अगर ज्यादा और निष्कासन होता है तो नुकसान पार्टी को ही है जो अभी दबे छुपे काम कर रहे थे वह बिल्कुल खोल कर काम करेंगे। कई वार्ड में जहां पर राजू खंडेलवाल के समर्थक को टिकट मिला है उनकी हालत पतली है। क्या खंडेलवाल डैमेज कंट्रोल कर पाएंगे और बहुत कम दिन का समय है और अपने प्रत्याशी की जीत के साथ अपने पद और विरोधियों से भी निपटना है खंडेलवाल को बाहर हाल पूरे हार का जवाबदार विरोधियों द्वारा राजू खंडेलवाल को ही बताया जा रहा है। विरोधी का कहना है कि राजू खंडेलवाल ने पूरे जिले में बिना सर्वे बिना जनाधार के अधिकृत किए और फिर उसके बाद उतना प्रचार-प्रसार भी नहीं किया जिले में वह देवास में ही काम करते रहे अगर पूरे जिले में सक्रिय रहते तो परिणाम अलग हो सकता था खैर अब भी समय है देवास वह पूरे जिले में नगर पंचायत में अच्छा प्रदर्शन कर विरोधियों को मात दे सकते हैं।

You may have missed