अनुकरणीय मानव सेवा 85 बार ब्लड डोनेट कर बचाई जिंदगियां, नेत्रदान करने का भी श्री शर्मा ने लिया संकल्प

85 बार ब्लड डोनेट करना, नेत्रदान कर दुसरो को रोशनी देना अतुलनीय मानवीय सेवा है..श्री बंसल देवास। ब्लड की कमी और समय पर ब्लड उपलब्ध नहीं होने के कारण कई जिंदगियां असमय ही दम तोड़ देती हैं। ऐसे में मधुसूदन शर्मा द्वारा 85 बार ब्लड डोनेट करना व अपने नेत्रों को दान करना मानवीय धर्म, सेवा और संवेदना का अनुकरणीय कार्य है। नेत्रदान महादान है, जो किसी के अंधकारमय जीवन को रोशन कर देता है। जिसकी आंख नहीं होती हैं उसका सारा जीवन अंधकारमय हो जाता है। जिंदगी की जंग लड़े रहे ऐसे जरूरतमंद लोगों के लिए मधुसूदन शर्मा द्वारा किया गया कार्य मानवीय संवेदनाओं से ओतप्रोत है। यह बात पूर्व मुख्य महाप्रबंधक राजेश बंसल ने बैंक नोट मुद्रणालय व मां चामुंडा सेवा समिति मैं विगत 40 वर्षों से सेवा कार्य में जुटे बैंक नोट प्रेस के मधुसूदन शर्मा के आयोजित सम्मान समारोह में कही। मुख्य महाप्रबंधक वीएन आर नायडू, महाप्रबंधक अशोक अरोरा, एजीएम केदारनाथ महापात्रा, डीजीएम प्रशांत महाजन, परीक्षित जोशी,सुनील यादव, रामकेश सिंह, कंट्रोल मैनेजर जितेंद्र कुमार, दिगंत कुमार डेका ने श्री शर्मा का शाल, श्रीफल मां चामुंडा की तस्वीर भेंटकर व चुनरी ओढ़ाकर पुष्प मालाओं से अभिनंदन किया। इस अवसर पर गजानंद यादव, नवरत्न प्यासी, दुर्गाचरण तिवारी, जयप्रकाश सोनी, ह्रदय गहलोत, कैलाश परमार, समिति के रामेश्वर जलोदिया, नरेंद्र मिश्रा, नारायण व्यास, उमेद सिंह राठौड़, इंदर सिंह गौड़, शशिकांत गुप्ता, दिनेश सांवलिया, प्रशांत मिश्रा, चंद्रशेखर दुबे, घनश्याम पंडित, राजेंद्र पंडित, विक्रम चौधरी आदि उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन रामेश्वर जलोदिया ने किया। आभार जय प्रकाश सोनी ने माना ।