आरक्षण प्रक्रिया पर एड. शर्मा ने ली आपत्ति, कलेक्टर को दिया लीगल आपत्ति पत्र, आरक्षण पुन: नहीं हुआ तो लेंगे न्यायालय की शरण

देवास। जिला कलेक्टर द्वारा 25 मई 2022 को देवास शहर के 45 वार्डो में नगरीय निकाय चुनाव के लिए आरक्षण की घोषणा करते पूर्व में किए गए आरक्षण को सही ठहराते नई आरक्षण प्रक्रिया नही की गई। जिस पर एडवोकेट मुकेश शर्मा ने आपत्ति लेते हुए लीगत आपत्ति पत्र जिला कलेक्टर चंद्रमौली शुक्ला के समक्ष प्रस्तुत किया। एडवोकेट शर्मा ने बताया की दिनांक 17 मई 2022 को माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा एप्लीकेशन फार मॉडिफिकेशन पर आदेश पारित करते यह बताया कि आगामी नगरीय निकाय चुनाव ओबीसी आरक्षण के साथ संपन्न कराए जाएंगे। जिसमें चक्रानुक्रम (रोटेशन प्रोसेस) का पालन किया जाएगा। देवास शहर में एससी/एसटी वर्ग के आरक्षण के पश्चात शेष वार्डों का आरक्षण किया जाना था। श्री शर्मा ने बताया कि देवास शहर के संबंध में पिछड़ा वर्ग कल्याण आयोग की जो रिपोर्ट माननीय सर्वोच्च न्यायालय में प्रस्तुत की गई है वह त्रुटिपूर्ण है। जिसका देवास जिला निर्वाचन द्वारा वार्डों में ओबीसी वर्ग के अनुपात के आधार पर सत्यापन किया जाना था, जो नहीं किए जाते हुए रिपोर्ट को सत्य मानकर पूर्व में किए गए आरक्षण पर ही आगामी चुनाव कराए जा रहे है। देवास शहर में ऐसे कई वार्ड हैं जहां ओबीसी वर्ग का अनुपात अन्य वर्गो के अनुपात की अपेक्षा कम है। उसके बावजूद भी उन वार्डो में को ओबीसी वर्ग के लिए आरक्षित किया गया है। श्री शर्मा ने बताया कि देवास जिला निर्वाचन द्वारा माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा पारित आदेश व दिशा निर्देशों का पालन नहीं किए जाते मध्यप्रदेश शासन नगरीय विकास एवं आवास मंत्रालय भोपाल के आदेश को आधार मानकर पुन: वार्डों का आरक्षण नहीं किया है जो अनुचित है। एडवोकेट शर्मा ने कलेक्टर से मांग की है कि माननीय सर्वोच्च न्यायालय के आदेशानुसार देवास शहर के समस्त वार्डो का आरक्षण पुन: चक्रानुक्रम प्रक्रिया (रोटेशन प्रसोस) से किया जाए। यदि तत्काल पुन: आरक्षण कलेक्टर द्वारा नही किया जाता है तो एडवोकेट श्री शर्मा न्यायालय की शरण में जायेंगे।

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