धर्मेश्वर धाम महादेव मंदिर पर कब्जा करना चाहता है उदासीन अखाड़ा, समिति ने कलेक्टर को सौंपा आवेदन

– कई वर्षो से श्री धर्मेश्वर धाम सेवा समिति जन सहयोग से करती आ रही है मंदिर का संचालन देवास। विगत दिनों 3 मई को हरदा में हुए ट्रेन हादसे में सतवास तहसील के ग्राम पोखर बुजुर्ग में स्थित धर्मेश्वर धाम महादेव मंदिर के संत श्री काशी मुनी जी का स्वर्गवास हो गया था। उनके निधन के बाद से मंदिर संचालक में उदासीन अखाड़ा द्वारा नियुक्ति में धांधली की जा रही है। जिसकी शिकायत मंगलवार को जनसुनवाई में श्री धर्मेश्वर धाम सेवा समिति अध्यक्ष रामभरोस सारण ने सदस्यों के साथ मिलकर कलेक्टर को आवेदन देकर की। श्री भरोस ने बताया कि ग्राम पोखर बुजुर्ग में हजारों भक्तों की आस्था जुड़ी हुई है। इसका संचालन व आर्थिक सहयोग क्षेत्रीय जनता द्वारा मंदिर स्थापना के दिन से किया जाता रहा है। यहां पर पूज्यनीय ब्रह्मलीन संत काशीमुनी जी महाराज उदासीन अखाड़े के संत थे। परंतु मंदिर निर्माण पूर्व मंदिर धर्मेश्वर धर्मपुरी घाट से प्राप्त मुआवजा राशि से हुआ है एवं अन्य व्यवस्था जैसे अन्न क्षेत्र विशेश पर्वो पर आयोजन व श्रावण मास में होने वाले सम्पूर्ण खर्च की व्यवस्था क्षेत्रीय जन सहयोग से संचालित होती रही है। आजतक उदासीन अखाड़े से यहां न तो कोई व्यय नही किया गया। मंदिर में वर्षभर होने वाले धार्मिक आयोजन समिति द्वारा किए जाते है। प्रत्येक माह की 1 तारीख को समिति की बैठक होती है। जिसमें होने वाले खर्च का ब्यौरा आमजन को दिया जाता है। यह मंदिर शासन संधारित है। इसके अध्यक्ष देवास जिला कलेक्टर स्वयं है। श्री धर्मेश्वर धाम सेवा समिति ने कलेक्टर से मांग की है कि उदासीन अखाड़े का इस मंदिर कोई लेना देना नही है। मंदिर का संचालन समिति को कही करने दिया जाए। अखाड़ा के संतों द्वारा दुर्भावना पूर्ण तरीके से मंदिर पर कब्जा करना चाहते है। इस अवसर पर रामेश्वर पटेल खपरास, घनश्याम पटेल, ओम दुकतावा, जगदीश बेंदा, कैलाश स्याग, राधाकिशन, गगन सिंह पटेल, लालसिंह बागवान आदि अन्य उपस्थित थे।