कोरोना में सरकारी कुप्रबंधन के सबूतों की जानकारी सीबीआई को सौपी
भोपाल । सीबीआई (सेंट्रल ब्यूरो आफ इनवेस्टीगेशन) को भोपाल के वकील जगदीश छावानी ने कोरोना महामारी के दौरान लोगों को मदद नहीं मिलने, सरकारी कुप्रबंधन, मरीजों को इलाज में लापरवाही, जीवनरक्षक दवा और इंजेक्शन की अस्पतालों में अनुपलब्धता, कालाबाजारी, सरकारी तंत्र के फेल होने समेत सप्रमाण कई तथ्य एवं ममलों की जानकारी सौंपी। वकील छावानी ने अपील की है कि जो भी इलाज, इंजेक्शन, दवाएं, ऑक्सीजन एवं सरकारी तंत्र से सहयोग नहीं मिलने से पीडि़त हैं वे सीबीआई की ओर से दिए गए मोबा. नंबर 7587604272 पर अपनी शिकायत सप्रमाण दे सकते हैं और वाट्सअप भी कर सकते हैं। दरअसल वकील जगदीश छावानी की ओर से यह सार्वजनिक तौर पर कहा गया था कि कोरोना महामारी के दौरान भोपाल में लोगों को मदद नहीं मिलने के सप्रमाण तथ्य व जानकारी हाईकोर्ट के समक्ष भोपाल के वकीलों द्वारा पेश किए जाएंगे। इस बारे में इंटरवेशन आवेदन तैयार किया जा रहा है। उन्होंने लोगों से अव्यवस्था, कुप्रबंधन, इलाज नहीं मिलने, सरकारी अफसरों की भर्राशाही, कोई ध्यान नहीं देना, किसी की नहीं सुनने समेत लोगों के मामले सप्रमाण सोशल मीडिया पर जारी करने और उन्हें उपलब्ध कराने की अपील भी की है ताकि उन्हें हाईकोर्ट में पेश किया जा सके। उल्लेखनीय है कि 19 अप्रेल को म.प्र. हाईकोर्ट में कोरोना महामारी की गंभीरता और उनमें कुप्रबंध के 17 बिंदुओं पर सुनवाई करने के उपरांत 19 बिंदुओं के दिशा निर्देश केन्द्र और राज्य सरकार को जारी हुए हैं। इनके पालन की रिपोर्ट आगामी 10 मई को म.प्र. हाईकोर्ट में सुनवाई से पहले पेश होनी है। वकील जगदीश छावानी से उनकी अपील और इस संबंध में किए जा रहे काम के बारे में बुधवार सुबह सीबीआई की ओर से पूछताछ की गई। उनसे इंटरवेंशन आवेदन और एकत्र की गई जानकारियों व सबूत प्रमाण मांगे गए। वकील छावानी ने उन्हें बुधवार को उनके पास आए वीडियो, आडियो रिकार्डिंग, शिकायतों के पत्र, दस्तावेज आदि तत्काल उपलब्ध करवा दिए। वकील ने सीधे लोगों द्वारा अपनी शिकायत व प्रमाण सीबीआई तक पहुंचाने के लिए उनके नंबर को सार्वजनिक करने की अनुमति मांगी। जिस पर सहमति प्रदान की। इस प्रकार सीबीआई भी अब लोगों की परेशानी और इलाज को लेकर सिस्टम के कुप्रबंधन के तथ्य इकट्ठे कर रहा है। आप भी दे सकते हैं। सीबीआई के श्री राजेन्द्र मिश्रा को उनके मोबाइल नंबर 7587604272 पर बताएं और उन्हें वाट्सअप भी कर सकते हैं। बशर्ते अपनी पहचान और सप्रमाण शिकायतें होनी चाहिएं। उनके स्क्रीन शाट्स लोगों को सोशल मीडिया पर साझा किया जावे। कोई भी जानकारी हवा-हवाई, सुनी-सुनाई या काल्पनिक नहीं होनी चाहिए। वकील छावानी ने बताया सीबीआई की ओर से एकत्र की जाने वाली समस्त जानकारी व सबूत हाईकोर्ट में भी पेश होंगी क्योंकि केन्द्र भी प्रकरण में एक पक्षकार है और उसे भी आदेश की पालन रिपोर्ट पेश करना है। जीवनरक्षक दवाओं एवं इंजेक्शन की कालाबाजारी म.प्र. हाईकोर्ट के 19 अप्रेल को दिए गए दिशा निर्देशों का भोपाल में बिल्कुल भी पालन नहीं हो रहा उल्टा उसकी अवमानना हो रही है। कोरोना संक्रमण से पीडि़त मरीजों को अभी भी जीवन रक्षकर दवाएं एंव इंजेक्शन नहीं मिल पा रहे हैं। उनकी कालाबाजारी हो रही है वो भी अस्पताल के स्तर से होने की शिकायतें मिल रही हैं। लोगों को इलाज, दवा, अस्पताल, ऑक्सीजन, एंबुलेंस, मरीजों की हालत की जानकारी, भोजन आदि की शिकायतें कम नहीं हुई हैं। सरकार की ओर से पाबंद अफसर- कर्मचारी न तो लोगों से मिल रहे हैं और उनकी शिकायतों को सुनना तो दूर उनकी शिकायतें लेने वाला कोई नहीं है। जिला कलेक्टर की ओर से पाबंद अफसरों के नाम और उनके मोबाइल नंबर में से कई अभी भी बंद हैं और जिनके चालू हैं वे रिस्पांड नहीं कर रहे हैं। बाजार व अस्पतालों से जीवन रक्षक इंजेक्शन व अन्य दवाएं अभी भी गायब हैं। औषधी नियंत्रक की ओर से किसी को भी कोई मदद नहीं मिल रही है। इलाज एवं दवाओं की व्यवस्था में शासन तंत्र पूरी तरह फेल हो चुकी है। कोई सुनवाई नहीं हो रही है। इस संबंध में एक वीडियो जिसमें मरीज के परिजन को बताया जा रहा है कि मरीज के नाम का इंजेक्शन अस्पताल पहुंचाया गया है। लेकिन मरीज के परिजन का कहना है अस्पताल इससे इंकार कर रहा है और उल्टा 30000/- में एक इंजेक्शन की व्यवस्था करने की बात की जा रही है। चौदहवें अपर जिला अदालत की क्रिमनल रीडर की हालत गंभीर चिरायु हॉस्पिटल में पिछले 15 दिनों से भोपाल के चौदहवें अपर जिला एवं सत्र अदालत की क्रिमनल रीडर सुश्री राधना रावत इलाजरत हैं। शिकायत मिली है कि उनके इलाज में लापरवाही हो रही है। अतिरिक्त पैसों की मांग की जा रही है। उन्हें वेंटिलेटर पर रख दिया गया है। ऑक्सीजन लेवल कम होता जा रहा है। याने उनकी हालत गंभीर है। उनकी बहन वंदना जी ने वकील जगदीश छावानी से मदद मांगी है। उनकी डॉक्टर और नर्स से बातचीत के आडियो रिकार्डिंग भेजी गई है। (आप भी सुनिए और उनके हाथ का लिखा लेटर भी आप पढि़ए और हालात का अंदाजा लगाइए)। रात में 12 बजे बात करने का बोलते हैं डाक्टर जानकारी देने के लिए । वैसे जज श्रीमती तृप्ती शर्मा खबर मिलने के बाद अपने मातहत के लिए चिंतित और सक्रिय हो गई हैं। अस्पताल के संपर्क में हैं।
