बेरोजगारों के लिए सफेद हाथी साबित हो रहे हैं रोजगार कार्यालय, कांग्रेस

देवास = मध्यप्रदेश में रोजगार कार्यालय बीते कई सालों से पूरी तरह से सफेद हाथी साबित हो रहा है इसकी वजह हर साल हजारों बेरोजगारों द्वारा रोजगार के लिए पंजीयन कराने के बाद इन कार्यालयों के द्वारा किसी को भी रोजगार नहीं दिला पाना रहा है। प्रदेश में रोजगार कार्यालयों की हालत इसी से समझी जा सकती है कि देवास जिले में बीते 2019,20 में 28000 हजार युवाओं द्वारा पंजीयन कराया गया लेकिन इसमें से किसी को भी नौकरी रोजगार कार्यालय के माध्यम से नहीं मिल पाई ।रोजगार अधिकारी का कहना है कि हम पंजीयन करते हैं । नौकरी के लिए सरकार के द्वारा जो समाचार पत्रों में वैकेंसी निकाली जाती है उसमें पंजीयन करता अप्लाई करते हैं और यह पंजीयन उसमें काम आता है वह यह भी बताने में असमर्थ है कि पिछले 2 वर्षों में 28000 रोजगार के लिए जिन युवाओं ने पंजीयन कराए थे उनमें से कितनों को नौकरी मिली । पिछली भाजपा सरकार के द्वारा 2017 में प्रदेश के 15 रोजगार दफ्तर को निजी हाथों में देकर उनको रोजगार दफ्तर प्लेसमेंट सेंटर के रूप में संचालित करने का फैसला किया था इसके बाद संचालनालय कौशल विकासनिगम ने पुणे की कंपनी यशस्वी अकैडमी फॉर टैलेंट मैनेजमेंट के साथ 10 साल के लिए एमओयू साइन किया था इसमें शर्त रखी गई थी कि कंपनी 10 साल में प्रदेश के 11 लाख 80 हजार युवाओं को रोजगार दिलाएगी इसके लिए कंपनी को 19 करोड़ 50 लाख रुपये की राशि दी जाएगी । विश्वस्त सूत्रों से पता चला है कि कंपनी ने अभी तक अपने माध्यम से किसी भी युवाओं को रोजगार नहीं दिया है ।प्रदेश सरकार ने कंपनी को कितना रुपया दिया इसकी पर्याप्त जानकारी नहीं मिल पाई है। शहर जिला कांग्रेस अध्यक्ष मनोज राजानी व प्रवक्ता सुधीर शर्मा ने प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से मांग की है कि जब इन रोजगार कार्यालयों का काम सिर्फ युवा बेरोजगार युवाओ का पंजीयन करना ही है तो इसे पीपी मोड़ पर देने की क्या आवश्यकता है 19 करोड़ पचास लाख की राशि 10 वर्षों में कंपनी को देने की बजाय जो कर्मचारी पिछले लंबे समय से काम कर रहे हैं उन्हें ही काम कर ने देना चाहिए । सरकार की आर्थिक स्थिति को देखते हुए उक्त कंपनी के अनुबंध करने का कोई औचित्य नहीं है यह सारे रोजगार कार्यालय आज सफेद हाथी साबित हो रहे हैं