मंडी सचिव आनंद सिंह ठाकुर एक शख्सियत को कभी नहीं भूल पाएंगे
हो जाने वाले हो सके तो लौट के आना
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आगर व नलखेड़ा कृषि उपज मंडी के सचिव आनंदसिंह ठाकुर का मंगलवार की अलसुबह नलखेड़ा में हृदयघात से 61 वर्ष की आयु में निधन हो गया। वे स्व. विक्रमसिंह मास्टर साहब के पुत्र, दिलीपसिंह के बड़े भाई, अनिकेत सिंह के पिता तथा पत्रकार अनिलराजसिंह सिकरवार के जीजा थे। ठाकुर की अंतिम यात्रा चामुण्डापुरी राधागंज स्थित निज निवास से निकली, जिसमें बड़ी संख्या में मंडी अधिकारी-कर्मचारी, व्यापारी, राजनेताओं, पत्रकारों व गणमान्य नागरिकों ने हिस्सा लिया।
बात करें स्वर्गीय श्री आनंद सिंह ठाकुर की तो वह केवल एक मंडी के अधिकारी नहीं थे l वरन एक ऐसी शख्सियत थे जो अधिकारियों के अधिकार से हटकर अपनी पहचान अपने कार्य से आमजन मैं अलग छाप छोड़कर चली गई गईl
देवास कृषि उपज मंडी में अपनी नौकरी की शुरुआत ही दबंगता के साथ शुरू की थी खास बात यह है कि वह हमेशा किसानों के पक्ष में रहे तो अपने साथी कर्मचारियों के लिए भी एक ढाल बनकर खड़े रहे और देवास कृषि उपज मंडी आज प्रदेश के चुनिंदा मंडी में गिनी जाती है तो उसमें आनंद सिंह जी जैसे नीव के पत्थर का भी महत्वपूर्ण योगदान रहा है l
एक शासकीय कर्मचारी के साथ वे किसी भी धार्मिक आयोजन सामाजिक आयोजन में सक्रिय भूमिका के साथ अन्न दान मैं उनका महत्वपूर्ण योगदान रहता तो सभी का हौसला भी बढ़ाते और खास कर जब मालवा क्षेत्र के लोग व्यापार में कम रुचि रखते थे तब उनको पूर्ण साथ देकर व्यापार में लाना और कई युवाओं को नौकरी दिलाई l
शासकीय नौकरी में कर्मचारी संगठन में हमेशा कर्मचारी की मदद करने के साथ आनंद सिंह जी ने भ्रष्टाचार के कई मुद्दे उजागर किया यहां यह इसलिए आवश्यक है कि देवास में सबसे बड़ा मंडी का भूमि आवंटन और दुकान आवंटन का घोटाला प्रेस के माध्यम से उजागर करने के इसका निराकरण तक करवाया था और आज कई लोगों को मंडी में दुकान और प्लांट उचित दाम पर मिले जो उसके पात्र हैl ऐसे कई नामी व्यापारी जो वन टू का फोर करने में माहिर है वे इनसे खौफ खाते थे l मंडी की करोड़ों की टैक्स चोरी रोकने के साथ मंडी के राजस्व को बढ़ाया भी है lतो गरीब वर्ग को मंडी में कई रोजगार भी उपलब्ध कराए हैं l
हमेशा चेहरे पर मुस्कुराहट और बुलंद हौसला सभी का सम्मान उनकी एक अलग पहचान थी जब भी मिलने जाओ तो बिना अतिथि सत्कार भला कोई कैसे आ जाएl वैसे में पत्रकार के हिसाब से देवास मंडी में खबर लेने जाता था l तो सबसे पहले उनसे ही जाकर मिलता तो मंडी की खबर के साथ शहर की खबर कई चेहरे के अंदर और बाहर की पुरी स्टोरी उनके पास होती और मुझसे पत्रकार होने के साथ खासकर वह स्वर्गीय अजय राज से सिकरवार जब उन्होंने मिलवाया था और फिर अनिल राज सिकरवार के खास में मित्र होने पर विशेष स्नेह रखते थे l
आनंद सिंह जी के उस योगदान को जब हमारी संस्था मानस ने 28 वर्ष पहले सेवा बस्तियों के बच्चों के लिए 31 दिसंबर की शाम गरीबों के नाम भंडारा शुरू किया था तब आनंद सिंह जी ने हौसला बढ़ाते हुए एक क्विंटल आटा दान दिया था जब संस्था की ओर मेरी हालत भी कमजोर थी और वह योगदान लगातार चल रहा आपके द्वारा ऐसे सैकड़ो जगह गुप्त दान इसलिए बोलना पड़ेगा कि उन्होंने बताया था किसी को बताना मत कि मेरे द्वारा हैअब उनके जाने के बाद लिख सकते हैं तो दादा आपको जीवन भर नहीं भूल सकते l
आप सदा दिल में रहोगे आपको दिल से नमन 🙏 🙏💐💐
