जिले में लोहे एवं अन्य धातु के पाइपों में विस्फोटक पर पूर्ण प्रतिबंध
इस साल दिवाली पर कार्बाइड गन या देसी पटाखा गन ने कई बच्चों को गंभीर चोटों का शिकार बना दिया। ये गन प्लास्टिक पाइप और कैल्शियम कार्बाइड से बनी होती है, जिसमें पानी डालने पर रासायनिक प्रतिक्रिया होती है। यह प्रतिक्रिया तेज़ धमाके के साथ होती है, जिससे प्लास्टिक के टुकड़े और गर्म गैस* निकलते हैं, जो आंखों और चेहरे को गंभीर नुकसान पहुंचाते हैं। मध्य प्रदेश में इस बार 300 से अधिक लोग घायल* हुए, जिनमें से कई ने अपनी आंखों की रोशनी खो दी। भोपाल, ग्वालियर, इंदौर, और विदिशा जैसे इलाकों में ये हादसे सबसे ज़्यादा हुए। डॉक्टरों ने इसे खिलौना नहीं, बल्कि चलता-फिरता बम बताया है। इस गन के इस्तेमाल पर प्रशासन ने पहले ही प्रतिबंध लगाया था, लेकिन यह फिर भी खुलेआम बाज़ारों में बिकती रही। सोशल मीडिया पर इसके वीडियो वायरल होने के कारण बच्चों ने इसे ज्यादा इस्तेमाल किया, जिससे हादसे और बढ़ गए। यह अब स्पष्ट हो गया है कि इस तरह की वस्तुएं बच्चों के लिए बेहद खतरनाक हैं और इन्हें पूरी तरह से प्रतिबंधित किया जाना चाहिए। और देवास जिला प्रशासन में इस पर प्रतिबंध लगा दिया l ……….. देवास कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी श्री ऋतुराज सिंह ने भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 की धारा 163 में प्रदत्त अधिकारों का प्रयोग करते हुए, देवास जिले की संपूर्ण राजस्व सीमा में तत्काल प्रभाव से लोहे एवं अन्य धातु के पाइपों में विस्फोटक रूप से पटाखे भरने एवं उनका विक्रय / उपयोग करने पर पूर्णतः प्रतिबंध लगाया हैं। कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी श्री ऋतुराज सिंह ने आदेश दिए हैं कि कोई भी व्यक्ति / संस्था / व्यापारी प्रतिबंधित प्रकार के पटाखे , आतिशबाजी , धातु / पी.वी.सी के पाईपों में विस्फोटक पदार्थ भरकर अत्याधिक ध्वनि उत्पन्न करने वाले अवैध संशोधित पटाखे ( कार्बाइड गन ) का निर्माण , विक्रय , भंडारण या उपयोग नहीं करेगा ।कोई भी व्यक्ति प्रतिबंधित प्रकार के पटाखे , आतिशबाजी , धातु / पी.वी.सी के पाईपों में विस्फोटक पदार्थ भरकर अत्याधिक ध्वनि उत्पन्न करने वाले अवैध संशोधित पटाखे ( कार्बाइड गन ) की बिक्री नहीं करेगा , किसी अन्य को नहीं देगा और न ही उनका प्रदर्शन करेगा । उल्लेखनीय हैं कि मध्यप्रदेश राज्य के अन्य जिलों में दीपावली पर्व के दौरान गैरा लाइटर , प्लास्टिक पाइप और कैल्शियम कार्बाइड के उपयोग से बनी ” कार्बाइड गन ” के निर्माण और उपयोग से कई व्यक्तियों की आँखों की रोशनी चले जाने के गंभीर विभिन्न स्त्रोतो / समाचार के माध्यम से प्राप्त हुए हैं । कार्बाइड गन में उपयोग होने वाला कार्बाइड और पानी का मिश्रण एसिटिलीन गैस ( Acetylene Gas ) उत्पन्न करता है , जो न केवल आँखों के लिए , बल्कि दिमाग और नर्वस सिस्टम के लिए भी अत्यंत घातक है , भविष्य में भी इसका उपयोग विवाह समारोह एवं अन्य सार्वजनिक / निजी आयोजनों में किए जाने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है , जिससे जन – धन की हानि का गंभीर खतरा उत्पन्न हो गया है । अतः देवास जिले में आम नागरिकों की जान – माल , स्वास्थ्य , सुरक्षा , पर्यावरण एवं कानून व्यवस्था बनाए रखने की दृष्टि से इसके निर्माण , क्रय – विक्रय , उपयोग एवं प्रदर्शन पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाया जाना अत्यावश्यक है । आदेश का उल्लंघन भारतीय न्याय संहिता की धारा 223 के अंतर्गत दण्डनीय अपराध की श्रेणी में आता है , अपने अनुभाग क्षेत्र में संबंधित एसडीएम / एसडीओ ( पी ) आदेश का पालन सुनिश्चित कराएंगे । परंतु यह कार्रवाई कब हुई जब पूरी दीवाली निकल गई और अब दिवाली के बाद प्रदेश शासन जागा और जिला प्रशासन जागा है चलो अच्छा है जागा तो सहीl परंतु अब ईमानदारी से कार्रवाई होना चाहिए नहीं तो और दुर्घटना संभावित है
