अब तो अवार्ड से भी भरोसा उठ गया, दर्द की ऐसी आदत सी हो गई है की अब दर्द नहीं होने पर दर्द होता है,  तेंदुआ  अब शहर की ओर, गोवंश और कलेक्टर का अभियान

भगत …… बाबा प्रणाम।       अपने देवास की नगर निगम को अवार्ड मिल गया बधाई बाबा ।

बाबा….. बधाई बेटा परंतु हजम नहीं हो रही है बात की पूरे शहर में सबसे ज्यादा हालत खराब स्वास्थ्य विभाग की है ।उसके कारण आमजन का स्वास्थ्य बिगड़ रहा है निजी स्वास्थ्य विभाग पनप रहे हैं कहीं इसी कारण तो दिल्ली के दिल वालों ने अवार्ड तो नहीं दे दिया। कह रहे मूल्यांकन अलग-अलग होता है तो ठीक है किसी क्षेत्र में यदि मिला अवार्ड तो उसके लिए बधाई के पात्र लेकिन अब इस अवार्ड की इज्जत रखने के लिए कम से कम महीने में 10 दिन ही अच्छा रख दो तो सार्थक होगा। बड़ा विश्वास था की हमारे जिले में ना सही तो प्रदेश में सुनवाई होगी प्रदेश नहीं तो केंद्र में लेकिन केंद्र में से ही यदि इस तरह का अवार्ड मिल जाए तो एक अच्छी भली नगर निगम भी और अवार्ड देने वालों पर से भी विश्वास भरोसा उठ रहा है। कुछ बातें जरूर नगर निगम में जन्म प्रमाण पत्र मृत्यु प्रमाण पत्र और नामांतरण के लिए सुधार हुआ है। जनसुनवाई भी अच्छी शुरुआत है परंतु स्वास्थ्य विभाग का हाजमा पूरा बिगड़ा हुआ है। किसी बच्चे से भी पूछ लेंगे तो वह बता देगा कि देवास में स्वच्छता की क्या हालत है ठीक है मिल गया हमारे शहर के लिए अच्छी बात है बाहर वाले क्या जाने उनको तो ठीक ही लगेगा कि देवास नंबर वन किसी में तो आया है भले ही ऊंट पर बैठकर बकरी हकलाने की तरह अधिकारी काम कर रहे हैं और वही शायद सर्वे टीम ने कर दिया।

बाबा…… अच्छा सावन में थोड़ा पानी तो लेकर आया। आषाढ़ तो सुखा निकल गया ।           भगत…. भूमिपुत्र का सोयाबीन बिगड़ गया।                   बाबा….. क्या करें भूमिपुत्र कृषि विभाग जमाने भर की बात करें लेकिन कभी जमीन पर काम कर ले तो किस को कभी दिक्कत ही नहीं आएगी। आषाढ़ महीना सुखा रहा तो सावन में उम्मीद है और खूब बरसेगा सावन । बेफिक्र हो ऊपर वाले को हमारा नहीं तो पशु पक्षियों का तो ध्यान है।

भगत…. बाबा पक्षी शहर से पलायन कर गए और पशु शहर में आकर डरा रहे हैं।            बाबा….. पूरे वन विभाग की टीम से देवास में आया शेर कभी पकड़ा नहीं गया अब तेंदुआ छका रहा है। पाल नगर से लेकर शहर के औद्योगिक क्षेत्र तक में जब चाहे जब आ जाता है चल जाता है चलो शेर ना सही तेंदुआ तो पकड़ लो।

भगत ….खीवनी अभ्यारण कांड में आदिवासी के झोपड़े हटाने के बाद अब वन विभाग तेंदुए के कारण भी प्रदेश में चर्चा में है। बाबा…. वन विभाग जिले में बड़े अतिक्रमण नहीं हटा पा रहा लेकिन गरीब की झोपड़ी तोड़कर वाहवाही कर रहा था लेकिन जंगल क्षेत्र का विपक्ष बहुत मजबूत है सरकार को मजबूर कर दिया। देवास शहरी क्षेत्र में भी एक बड़ा जंगल था लेकिन भूमिया की नजर इस पर क्या पड़ी चारों ओर सीमेंट कंक्रीट का जाल है फिर वहां तक पहुंच गया तो भालू शेर और तेंदुए तो शहर में आएंगे ही ।बंदर और कुत्ते से जनता पहले ही परेशान है लेकिन अब तेंदुए से कुत्ते भी परेशान है क्योंकि तेंदुआ कुत्ते खा रहा है परंतु डर तो है आम जनता को खासकर बच्चे और पाल नगर के आसपास के किसान और मजदूर जो खेती करने और मजदूरी करने जाते हैं । तेंदुए के लिए बहुत जल्द कुछ करना चाहिए वरना अब किसी भी दिन कोई अनहोनी हो सकती है।

भगत….. पुलिस अधीक्षक के बाद अब कलेक्टर भी कुछ अच्छा कर तो रहे हैं। बाबा…. देवास पुलिस अधीक्षक पुनीत गहलोत ने अपने हर क्षेत्र में कुछ अच्छा करने का प्रयास किया यह बात अलग है कि कुछ अधीनस्थ के कारण हमेशा कुछ ना कुछ बड़े विवाद सामने आते रहे लेकिन जब आप अच्छा करने लगते हैं तो कहीं छोटी-मोटी बुराइयां उसमें कहां खो जाती पता नहीं चलता अब हम बात कर रहे हैं देवास जिलाधीश ऋतुराज सिंह की तो देर सही अब अधीनस्थ अधिकारियों को समझ में आने लगा कि साहब बारीकी पकड़ने वाले साहब है। तो थोड़ा सा अनुशासन के साथ अब अधीनस्थ जवाबदारी के साथ टी एल की बैठक में तैयारी के साथ जाते हैं नहीं तो बेव….नहीं सुनना है। फिर कलेक्टर ने हर क्षेत्र को अच्छी तरह समझ लिया है बस अब जिले में विकास के साथ व्यवस्था में सुधार के आसार नजर आ रहे है।

भगत… गोवंश के लिए भी अच्छा अभियान चलाया है।         बाबा….. चलो किसी कलेक्टर ने तो इनकी सुध ली । गोवंश पालने वाले कुछ तो सेवा के लिए पलते हैं लेकिन कुछ केवल अपने आर्थिक लालच के कारण । दूध निकालने के बाद गाय को सड़क पर छोड़ देते हैं मूक पशु पूजी जाने वाली गौ माता सड़क पर दुर्घटना का शिकार हो रही है तो उनके कारण कई बेकसूर भी दुर्घटना का शिकार हो रहे हैं। अब जबकि कलेक्टर ने अभियान चलाया है तो कुछ हद तक तो यह निश्चित सफल होगा गौ माता को रेडियम और सुरक्षित गौशाला पहुंचाने की पहल अच्छी है। अधीनस्थ इसे केवल औपचारिक अभियान तक ना चलाएं क्योंकि यह पुण्य कार्य भी है। अब पशु पालक में भी जागरूकता आना चाहिएऔर प्रशासन को भी उनके प्रति भी साथ सख्त होना चाहिए इन पर भी कड़ी कार्रवाई होना चाहिए और नेताओं ने भी बीच में नहीं आना चाहिए क्योंकि यह गौ माता का मामला है ।

भगत….. नेताओं में तो बेटा आपस में ही प्रतिस्पर्धा का दौर चल रहा है ।                  बाबा….. चलना भी चाहिए एक हो जाएंगे तो जनता का और कार्यकर्ता का भला नहीं होना है फिर मोनोपोली एकाधिकार भी हो जाएगा और फिर पार्टी से विद्रोह भी हो जाता है जब कार्यकर्ता देखता है कि सभी एक हो गए हैं तो वह पार्टी ही बदल देता है। भगत…. भाजपा में प्रदेश अध्यक्ष बदलने के बाद क्या देवास में कुछ नियुक्तियां होगी या शासकीय अधिकारी ही पूरी मलाई खाएंगे। बाबा… का रे अभी तो राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने की बात पर नियुक्ति टलने का बहाना है । अगर करना हो तो अभी ही कर देना चाहिए वरना सरकार का आधा कार्यकाल निकल जाएगा और कार्यकर्ता केवल जो उच्च पदों पर बैठे हैं उनको भी देखता रह जाएगा।

भगत…. नगर निगम चुनाव में तो अब 2 वर्ष ही बचे हैं एल्डरमैन के पैसे तो नगर निगम के बच जाएंगे। बाबा…. सही बात है नई सरकार डेढ़ साल बाद भी एल्डरमेन तक नहीं बना पाई है तो प्राधिकरण मंडी और सहकारिता तो बड़ी बात है। भगत…. जो पार्षद जनता द्वारा चुने गए वहीं परेशान है उनके ही काम नहीं हो रहे। बाबा…. इस परिषद में विकास कार्य के नाम पर बहुत ही कम पार्षद अपने क्षेत्र में कार्य कर पाए हैं। अब मात्र 2 साल बचे तो उनके विरोधी फिर सक्रिय हो गए हैं अब वार्ड में गणेश उत्सव दुर्गा जी और कावड़ यात्रा की भी धूम रहेगी। भगत…. चलो अच्छा है धार्मिक आयोजन में तो बढ़-चढ़कर भाग ले रहे हैं। बाबा… ठीक है धार्मिक आयोजन से ही कई नेता बन गए हैं अच्छा है युवा पीढ़ी भी धर्म की ओर बढ़ रही है। परंतु भावी पार्षद इतने समय बाद अचानक धार्मिक आयोजन में नजर आते हैं तो जनता तो सब समझता है।

भगत… अभी स्कूल सत्र में मूलनिवासी जाति और अन्य कार्य के लिए ऑफिस ऑफिस के चक्कर लगाते अभिभावक उनका ही दर्द समझ लेते पार्षद या दावेदार पार्षद महोदय। बाबा …..आय जाती मूलनिवासी या और कोई शासकीय कार्य योजना सबके लिए आमजन ऑफिस ऑफिस भटकता मजबूर है। इस संबंध में कोई उसकी मदद करने नहीं आता गरीब दो जून की रोटी कमाने वाला मजदूर वर्ग और मध्यम वर्ग सबसे ज्यादा पीड़ित शोषित। हर जगह बोर्ड लगे हैं कि आपका यह कार्य यहां पर हो जाएगा क्या कोई नेता इतना दमदार नहीं किया अपने कार्यालय पर बोर्ड लगा दिया चौराहे पर अपना आदमी बिठा दे कि आपका कोई भी शासकीय कार्य हो कम से कम आवेदन तो बना ही दे उनके कार्य लेकर।

भगत… एक नेताजी ने हां करी है कि हमारे नेताजी बैठेंगे और हम हम बहुत जल्द व्यवस्था करेंगे। बाबा….. नेताजी किसी के कार्यालय पर बैठने के बजाय अगर सीधे आम चौराहे पर और आम बनकर जनता से मिलोगे तो फिर 5 वर्ष में एक बार जनता के दरवाजे दरवाजे जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी और विपक्ष भी समझ ले की जनता में बहुत दर्द है केवल उनके दर्द को दूर ना कर सके केवल समझ ले वही जनता का हीरो होगा।

भगत…. वह तो जिला चिकित्सालय में बैठने की बात करते थे। बाबा…. वहां तो दर्द लेकर जाओ तो नया दर्द लेकर आ जाओ नहीं तो एक बाद निजी चिकित्सालय ही रेफर करने के लिए। विपक्ष के नेता खटिया डाल कर बैठने की बात कर रहे थे अब ना तो वह नजर आते है ना उनकी खटिया। खटिया से एक मजबूर मां जरूर गिरकर दुनिया छोड़ गई। यह प्रकरण भी दब गया। भगत… नई सिविल सर्जन खरे ने नोटिस दिए हैं लापरवाह को। बाबा… नोटिस के बाद जो नोट वाला मामला रहता है वही सही है। देवास जिला चिकित्सालय पर सीएमएचओ जिसका कार्यालय वही है और सत्ताधारी नेता और जिला प्रशासन एक साथ एक बार सुधार का बीड़ा उठा तो कुछ बदल सकता है वरना निजी चिकित्सालय का तो भला होना ही है।

भगत….. अर्जुन बड़ौदा का जाम की पड़ गया अब थोड़ी रहता है। बाबा…. बेटा बाईपास पर हम इतने वर्षों से निकल रहे हैं हम सरकार की उपलब्धि समझ ही नहीं पा रहे थे कि लगातार गड्ढे दचके भी विकास ही है कि जैसे तैसे समय थोड़ा बहुत ऊपर नीचे हो पहुंचे तो रहे हो लेकिन जनता समझ ही नहीं पा रही थी और टोल को भी कोस रही थी । अर्जुन बरोदा जाम ने बता दिया कि कम से कम इतने वर्ष यह मुसीबत तो नहीं आई यही क्या कम है। अब डर लगता कि कोई नई मुसीबत फिर ना आ जाए गड्ढे दचके उस से कम है इतना तो दर्द सहन कर लेंगे।

भगत …. शहर में सड़क की हालत खस्ता है। बिजली विभाग की मनमानी है और आमजन का कोई कार्य सरल तरीके से नहीं होता हर तरफ भ्रष्टाचार और जनता दर्द से कराह रही है । बाबा…. हम तो इतना ही कहेंगे कि अब दर्द की ऐसी आदत सी हो गई है कि दर्द न होने पर दर्द होता है। यह हम देवास वासियों की आदत में आ गया है।

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