संयुक्त मोर्चा के कर्मचारियों ने रैली निकालकर राष्ट्रपति के नाम 14 सूत्रीय मांगों को लेकर दिया ज्ञापन

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देवास। देशभर में आहूत अखिल भारतीय आम हड़ताल के तहत देवास में भी बुधवार को संयुक्त ट्रेड यूनियन मोर्चा के बैनर तले कर्मचारियों एवं श्रमिक संगठनों ने जोरदार प्रदर्शन कर रैली निकाली और ज्ञापन दिया। इंटक प्रदेश मीडिया प्रभारी कैलाश वर्मा ने बताया कि सर्वप्रथम बडी संख्या में संयुक्त मोर्चा के पदाधिकारी व कर्मचारी इंदिरा गांधी चौराहा स्थित एलआईसी कार्यालय पर एकत्रित हुए। जहां पर सभा का आयेाजन किया गया। सभा में मुख्य रूप से शहर कांगे्रस अध्यक्ष मनोज राजानी भी शामिल हुए। श्री राजानी ने सभा को संबोंधित करते हुए कर्मचारियों का प्रोत्साहन बढाया और हमेशा सहयोग करने की बात कहीं। सभा को फेडरेशन प्रदेश अध्यक्ष मकसूद पठान इंटक, इंटक प्रदेश संगठन मंत्री लाखन सिंह ठाकुर, एलआईसी मण्डल उपाध्यक्ष मोडसिंह राजपूत ने भी संबोंधित किया। इसके पश्चात रैली निकाली गई, रैली सयाजीद्वार, नॉवेल्टी चौराहा, सुभाष चौक, जवाहर चौक, मण्डी धर्मशाला, एबी रोड होते हुए कलेक्टर कार्यालय पहुंची। रैली के दौरान रास्ते में पडने वाली बैंकों के सामने भी नारेबाजी कर प्रदर्शन किया गया। कलेक्ट्रेट में राष्ट्रपति के नाम 14 सूत्रीय मांगों का ज्ञापन सौंपा गया। ज्ञापन के समय पूर्व महापौर ठा. जयसिंह भी मौजूद रहे। श्री ठाकुर ने केंद्र सरकार की नीतियों पर तीखा प्रहार करते हुए कहा कि आज तक की सभी सरकारें पूंजीपतियों के हित में कार्य करती रही हैं, जबकि मजदूरों और कर्मचारियों की समस्याएं लगातार उपेक्षित होती जा रही हैं। वर्तमान केंद्र सरकार देशी-विदेशी कारपोरेट घरानों के पक्ष में काम करते हुए मजदूरों के अधिकारों को खत्म कर रही है। उन्होंने कहा कि बेरोजगारी चरम पर है, लाखों पद खाली हैं, परंतु सरकार अनुबंध आधारित रोजगार को बढ़ावा दे रही है। पेंशन, सामाजिक सुरक्षा, स्थायी रोजगार जैसी बुनियादी मांगों की लगातार अनदेखी की जा रही है। ज्ञापन में मांग की गई की चारों श्रम संहिताओं को समाप्त किया जाए। सार्वजनिक क्षेत्रों व सरकारी उद्यमों के निजीकरण पर रोक लगे। नई पेंशन योजना (एनपीस) को समाप्त कर पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) को बिना शर्त लागू की जाए। ठेकेदारी प्रथा समाप्त कर सभी को स्थाई रोजगार दिया जाए। बिजली संशोधन विधेयक 2023 को रद्द किया जाए और स्मार्ट मीटर लगाने की प्रक्रिया बंद हो। सभी स्कीम वर्कर्स को सरकारी कर्मचारी का दर्जा मिले। 8 घंटे कार्य दिवस की व्यवस्था लागू हो। असंगठित क्षेत्र के मजदूरों को सामाजिक सुरक्षा और कल्याणकारी योजनाओं का लाभ मिले। बीमा क्षेत्र में 100 प्रतिशत एफडीआई का निर्णय वापस लिया जाए। बीमा कानूनों में प्रस्तावित संशोधन रद्द किए जाएं। एलआईसी के शेयरों के विनिवेश पर रोक लगे। बीमा प्रीमियम पर लगाए गए जीएसटी को वापस लिया जाए। एलआईसी में तृतीय व चतुर्थ श्रेणी के रिक्त पदों पर तत्काल भर्ती की जाए। समापन में कर्मचारियों ने चेतावनी दी कि यदि सरकार ने इन मांगों की ओर शीघ्र ध्यान नहीं दिया, तो आंदोलन को और व्यापक स्तर पर ले जाया जाएगा। इस दौरान शंकरलाल चौधरी, राजेन्द्रपुरी गोस्वमी, प्रवीण रायगांवकर, मुनीश नामदेव, शेषमणि पाण्डेय, विष्णु श्रीवास्तव, मोहन जोशी, अशोक चौहान, नारायण नागर, जसवंत रेडेकर, एटक के कैलाश सिंह राजपूत सहित बडी संख्या में मोर्चा युनियन के पदाधिकारी व कर्मचारी उपस्थित थे।