देवास में नकली नोट बनाने वाले गिरोह का पर्दाफाश, लाखों की नकली नगदी जप्त,5 आरोपी गिरफ्तार, जेल से रची थी साजिश, हाईटेक उपकरणों से बना रहे थे नकली नोट(पुलिस की सराहनीय कार्यवाही, सैकड़ो लोगों को ऑनलाइन धोखाधड़ी से बचाने के बाद नकली नोट की धोखाधड़ी से भी बचा लिया)

जब पुलिस अच्छा करे तो उसकी सराहना करने के साथ प्रोत्साहित भी करना चाहिए। देवास पुलिस अधीक्षक के पुनीत गहलोत के कार्यकाल में कई नवाचार हुए तो सबसे बड़ी ऑनलाइन ठगी की वारदात में सैकड़ो लोगों के पैसे वापस हुए और आज पुलिस ने आमजन के साथ नकली नोट चलाकर धोखाधड़ी करने वाले गिरोह को भी पकड़ कर कई लोगों को ठगने से पहले ही बचा लिया। देवास पुलिस द्वारा अपराधों पर प्रभावी नियंत्रण एवं समाज में कानून का भय स्थापित करने हेतु चलाए जा रहे अभियान के तहत थाना बैंक नोट प्रेस पुलिस को एक महत्वपूर्ण सफलता प्राप्त हुई है । नकली नोटों के निर्माण एवं अवैध संचालन में लिप्त अंतरजिला गिरोह का पर्दाफाश करते हुए लगभग ₹16 लाख से अधिक मूल्य के नकली नोट,उन्हें तैयार करने की सामग्री एवं उपकरण जब्त कर 5 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। 1 जून को अमित सोलंकी थाना प्रभारी बैंक नोट प्रेस को विश्वसनीय सूत्रों से सूचना मिली कि आरोपी सचिन नागर एवं शुभम वर्मा द्वारा नकली नोट लेकर जा रहे है । जिस पर से उक्त सूचना से तत्काल वरिष्ठ अधिकारियो को अवगत कराया गया । पुलिस अधीक्षक देवास श्री पुनीत गेहलोद ने उक्त सूचना की गंभीरता को देखते हुए तत्काल कार्यवाही हेतु निर्देशित किया । जिस पर से अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (शहर) श्री जयवीर सिंह भदौरिया के मार्गदर्शन में उप पुलिस अधीक्षक (एल-आर) श्री संजय शर्मा के निर्देशन में थाना प्रभारी बैंक नोट प्रेस श्री अमित सोलंकी के नेतृत्व में 2 विशेष टीमों का गठन किया गया । उक्त टीमों ने आरोपी सचिन नागर एवं शुभम वर्मा को गिरफ्तार कर उनके कब्जे से ₹1,96,200/- के नकली नोट एवं एक काली रंग की स्प्लेंडर मोटरसाइकिल जब्त की जाकर आरोपियो के विरूद्ध थाना बैंक नोट प्रेस में अपराध क्रमांक 556/2025 धारा 178,179,180, 61(2) BNS का अपराध पंजीबद्ध कर जांच में लिया गया । उक्त आरोपियो से पूछताछ की तो चौंकाने वाली बात सामने आई कि आरोपी राजकुमार मालवीय ग्राम सोनकच्छ, द्वारा अपने निवास पर नकली नोटों का निर्माण किया जा रहा है । यह खबर मिलता ही पुलिस के कान खड़े हो गए और तत्काल कार्यवाही करते हुए पुलिस टीमों के द्वारा आरोपी राजकुमार के घर पर दबिश दी गई, जहाँ से आरोपी राजकुमार मालवीय एवं सुनील पाटिल को गिरफ़्तार कर उनके कब्जे से ₹13,25,000/- के 500-500 की नकली नोटों की गड्डियाँ तथा नोट निर्माण में प्रयुक्त उपकरण एवं अन्य सामग्री बरामद की गई । इसके बाद जांच में में आरोपी शक्ति सिंह चावड़ा को भी गिरफ़्तार किया गया । पूरी कार्रवाई में अभी तक पुलिस ने ₹15,41,200/- के नकली नोट,लैपटॉप,प्रिंटर,स्केनिंग पेटी,100-200-500 के अर्द्ध छपे प्रिंट पेपर एवं 02 मोटर साइकिल जप्त की है। और इस गिरोह में मुख्य आरोपी सुनील पाटिल पिता बाबूराव पाटिल उम्र 38 वर्ष निवासी खकनार जिला बुरहानपुर । राजकुमार मालवीय पिता सिद्धनाथ उम्र 30 वर्ष निवासी ग्राम खेडाखजुरिया सोनकच्छ । सचिन नागर पिता तेज सिंह उम्र 27 वर्ष निवासी ग्राम दुधलाई सोनकच्छ । शुभम वर्मा पिता दिनेश वर्मा उम्र 23 वर्ष निवासी ग्राम आगरोद देवास । शक्ति सिंह चावड़ा पिता दिग्विजय सिंह उम्र 19 वर्ष निवासी ग्राम आगरोद देवास को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस ने जमीन का रिकॉर्ड सर्च किया तो इस तरह मिला। सुनील पाटिल पिता बाबूराव पाटिल उम्र 38 वर्ष निवासी खकनार जिला बुरहानपुर । क्रमांकथानाअपराध क्रमांकधारा 1पुनासा जिला खंडवा181/2006 489क,489 ख IPC 02हीरानगर जिला इन्दौर 75/2008489 क, 489 ख IPC 03पानीगेट जिला बडौदा गुजरात30/2018489 ख, 489 ग , 120 बी IPC 04रावपुरा जिला बडौदा गुजरातटी/11.24.201951ए,51 बी जेल अधिनियम 05किशनगंज जिला इन्दौर192/2020489क,489ख,489ग,120बी IPC 06एसटीएफ जिला भोपाल 142/20020489क,489ख,489ग,120बी IPC 07एसटीएफ जिला भोपाल148/2020489 क,489 ख,34 भादवि 08एसटीएफ जिला उज्जैन152/2020489क,489ख,489ग,120बी IPC इस सराहनीय कार्य में थाना प्रभारी बैंक नोट प्रेस श्री अमित सोलंकी,उनि तरूण कुमार बोडके,उनि गौरीशंकर यादव,उनि राहुल परमार,सउनि हितेन्द्र चंद्रवंशी,सउनि मनोज पटेल,सउनि ईश्वर सिंह मंडलोई,सउनि राजेश भारद्वाज पु.अ.कार्यलय,प्रआर रवि पटेल, आर राहुल शर्मा,सैनिक भगवान सिंह तथा सायबर सेल टीम प्रआर शिवप्रताप सिंह सेंगर,सचिन चौहान की महत्वपूर्ण भूमिका रही । अभी तक तो यह देखने में आ रहा था कि पुलिस ऑनलाइन ठग और ठगी से आम जनता को रोज जागरूक करने के साथ कई प्रकरण में त्वरित कार्रवाई कर पैसे वापस कर चुकी है। अब यहां स्थिति देखे तो यदि यह आरोपी नहीं पकड़े जाते तो हो सकता है यह सैकड़ो लोगों को जिसमें गरीब और आमजन खासकर कम पढ़े-लिखे अनपढ़ लोग ज्यादा होते। उनके पास यह नोट चलाए जाते और वह अपने आप को ठगे महसूस करने के साथ कई मुसीबत का सामना करते। क्योंकि एक गरीब व्यक्ति के लिए ₹500 का नोट भी बहुत कुछ होता है। कई बार लूट की वारदात करने से पहले ही लुटेरे पकड़े जाते हैं ऐसे ही सैकड़ो लोगों से नोट की धोखाधड़ी करने से पहले ही आरोपी पुलिस की गिरफ्त में है यही पुलिस की खोजी और सक्रियता का परिणाम है। इस कार्रवाई पर पुलिस को एक सेल्यूट कलयुग टाइम्स की ओर से की कितने ही आमजन को धोखाधड़ी से बचा लिया।