इंदौरी विधायक पुत्र का विवाद अब विपक्ष का प्रमुख मुद्दा, मामू के पुत्र की भगवा यात्रा, जिला पंचायत सीईओ बदले ,अभी भी ए डी एम का इंतजार,  ड्रग तस्कर पर पुलिस का शिकंजा, पूर्व महापौर जय सिंह  मैदान में , पूर्व महापौर सुभाष शर्मा का जन्मदिन

भगत….. बाबा प्रणाम।     बाबा…. बेटा प्रणाम।

भगत…. विधायक पुत्र ने गजब का कहर ढाया है।

बाबा….. किसी फिल्म का डायलॉग था कि बदनाम होंगे तो क्या नाम नहीं होगा। इंदौरी विधायक गोलू शुक्ला जितने धार्मिक और क्षेत्र की जनता में अपनी शैली से लोकप्रिय है ।तो उतना ही चर्चित उनका बेटा हो गया है ।लेकिन यह अलग मामला है। श्रद्धा और आस्था से जुड़ा हुआ मामला है। जिसमें अगर गोलू के बेटे रूद्र ने कुछ अच्छा किया होता तो लगता कि विधायक का पुत्र ऐसा होता है। लेकिन देवास नहीं पूरे प्रदेश की आस्था और श्रद्धा का केंद्र मां चामुंडा टेकरी पर पुजारी के बेटे के साथ व्यवहार और झांकी बाजी ने सारी झांकी निकाल दी।

भगत…. दर्शन करने गया था या स्टंट दिखावा करने।

बाबा…. मां चामुंडा टेकरी पर नवरात्रि पर्व में लाखों ऐसे भक्त दर्शन करने आते हैं जो देश में कहीं ना कहीं अपना बड़ा नाम रखते हैं ।लेकिन वह चुपचाप दर्शन कर चले जाते हैं। अब पहली गलती की आधी रात को झूठी शान दिखाते हुए मां चामुंडा की टेकरी पर इतने वाहन के साथ रील बनाने की हिसाब से जाना और फिर वहां पर भी यदि प्रेम स्नेह से पुजारी के बेटे को बोलते तो वह शायद पट भी खोल देता और दर्शन हो जाते नहीं तो समझदारी से बाहर से ही शिखर दर्शनम पाप नाशम कर आता । पूरे वर्ष भर दिव्यांग व्यक्ति तक जैसे तैसे पैदल मां के चरणों में नमन करने जाते हैं तो कई भक्त जो की माता रानी से मान रखते हैं। वहां दंडवत कठिन यात्रा कर मां के दरबार में जाते हैं । रूद्र अगर भक्ति के हिसाब से जाते तो पैदल ही इतने लोगों को साथ लेकर चढ़ जाते युवा हो जोश है । परंतु दिखावा रील बनाने का अलग चला है और माता रानी ने विधायक के बेटे की रील ही बना दी।

भगत…. अभी तो तीन दिनों से यही मुद्दा सबसे ज्यादा चल रहा है सारे मुद्दे भुला दिए गए है। बाबा… महापौर गीता अग्रवाल ने राहत की सांस ली है। देवास में अचानक जल संकट का मुद्दा पूर्ण रूप से गायब हो चुका है या जल संकट हल हो चुका है। फिर और भी ज्वलंत  मुद्दे थे ।

जब सब भूल गए तो हम क्यों याद दिलाए अभी तो यही चलने दो।

भगत… जल संकट तो अचानक ऐसा आया था की इस बार सत्ता पक्ष के नेता को पसीना आ गया था।

बाबा… फिर भी विधायक राजे महापौर सभापति और निगम कमिश्नर और निगम की पूरी टीम ने दिन रात मेहनत कर कम से कम जल संकट के आक्रोश से अपने आप को बचा लिया ।मुद्दा तो अभी ठंडा नहीं हुआ था लेकिन रूद्र ने ठंडा कर दिया।

भगत…. विपक्ष एक हो गया है।

बाबा… हाथी के दांत खाने की और दिखाने और। प्रदीप चौधरी ने प्रेस वार्ता रखी थी जब उसे व्यक्तिगत कहा जा रहा था। और लग रहा था कि इस बार प्रदीप चौधरी की अकेले यह लड़ाई लड़ेंगे । लेकिन अचानक पूर्व महापौर जय सिंह ठाकुर और शहर कांग्रेस अध्यक्ष मनोज राजानी सहित कांग्रेसी एक होकर मैदान में आ गए।

भगत…. नगर निगम वाला आंदोलन दमदार रहा।

बाबा… दीपेश कानून को राहुल पवार पहले ही शुरुआत कर चुके थे लेकिन इस बार नगर निगम के द्वार पर कांग्रेसी ने दमदारी के साथ दस्तक दिए और लगा कि कुछ आंदोलन हो रहा है जब पूरी कांग्रेस एक हो जाती है तो आंदोलन भी दमदार होगा ही।

भगत…. पूर्व महापौर जय सिंह ठाकुर की बात में दम है।

बाबा… दम क्यों नहीं होगा अभी नए लोगों को पता नहीं परंतु जय सिंह ठाकुर के महापौर के कार्यकाल में ही शिप्रा जलआवर्धन योजना मात्र 30 करोड़ के लगभग मंजूर होने के साथ काम भी चालू हो गया था और ईमानदार कंपनी एलएनटी ने कार्य शुरू कर दिया लेकिन देवास में जब सत्ता बदल गई तो योजना बदल गई और वह चार गुना और उसके बाद भी जल की मछरिया जल में ही प्यासी रह गई।

भगत… मतलब बाबा।

बाबा…. बेटा डबल खर्च करने के बाद भी शिप्रा जल वर्धन में पानी क्यों नहीं रुकता है जिसका कारण है सीपेज यानी पानी अंदर ही अंदर चले जाना । और कुछ पानी और वाष्पीकरण होकर  चले जाता है। फिर इतनी अच्छी योजना और खुद शिप्रा प्यासी रह जाती है और देखिए कि उसकी प्यास दूसरी नदी से बुझती है। यह भी कमाल की बात है ना की एक नदी में दूसरी नदी का पानी छोड़ना पड़ रहा है वह भी करोड़ों की लागत से शिप्रा जलावर्धन योजना बनने के बाद तो गलती किसकी है। यहां पर पूर्व महापौर जय सिंह ठाकुर का आरोप सही है उस समय समय 2008 की सरकार में सब बदल गया और एक अच्छी  शिप्रा नदी हमारे नेताओं पर और दूसरी नदी पर आश्रित हो गई है फिर हम भी आश्रित है। बस अच्छी बात यह रही कि शहर में अचानक आए  विकराल जल संकट से  कुछ तो राहत मिली है। अभी गर्मी शुरू हुई है और पानी पर राजनीति भी अभी ही शुरू हुई थी और मुद्दा बदल गया।

भगत… जिला प्रशासन पर भी आरोप लग रहे हैं।

बाबा…. क्या मां चामुंडा टेकरी पर वाहन ले जाने की अनुमति पहली बार दी गई। यह अनुमति वर्षों से चली आ रही है ।जब सबको अनुमति देते ही है तो मौखिक इनको भी दे दी। फिर मां चामुंडा टेकरी पर अगर प्रतिबंध लगाना है तो सभी के लिए लग जाए केवल इमरजेंसी और दिव्यांग के लिए ही मात्र अनुमति हो। जिला प्रशासन द्वारा  पूरा नवरात्रि पर्व साथ में ईद का त्यौहार भी शांतिपूर्वक निपट दिया। सब कुछ शांति से निपटने के बाद राहत की सांस ले ही रहे थे कि गोलू दादा के बेटे ने नया बवाल खड़ा कर दिया।

भगत.. पूर्व महापौर सुभाष शर्मा भी वापस मैदान में आ रहे हैं। बाबा… पूर्व महापौर सुभाष शर्मा ने सबसे ज्यादा नगर निगम में सबसे ज्यादा पद पर रहे हैं। प्रतिपक्ष नेता से दो बार सभापति बनने वाले पहले नेता है तो उसके बाद फिर महापौर और अब लूप लाइन में थे। जन्मदिन से फिर मैदान में आ गए हैं ।

भगत….. नगर निगम देवास में आज तक जो भी पद पर रहा उसे विधानसभा या और कहीं अच्छी जगह मौका मिला है। बाबा…. यह पद भाग्यशाली पद रहा है। चाहे महापौर का या सभापति का उनको विधानसभा में मौका जरूर मिला है। सबसे पहले सभापति स्वर्गीय रतन लाल चौधरी को कांग्रेस ने टिकट दिया। तो दूसरा महापौर जय सिंह ठाकुर को महापौर कार्यकाल के दौरान ही टिकट मिल गया। तीसरा रेखा वर्मा को भी महापौर कार्यकाल की दौरान ही टिकट मिला। और ऐसे ही महापौर पति और प्रतिपक्ष नेता हारून शेख को विधानसभा में कांग्रेस ने टिकट दिया। इसके साथ महापौर शरद पाचुनकर को भी दूसरा मौका प्राधिकरण अध्यक्ष के रूप में मिला। बस एकमात्र सुभाष शर्मा है जिनको महापौर पद जाने के बाद अभी तक कोई दूसरा मौका नहीं मिला है। अब कुछ तो कही से इशारा मिला है और सुभाष बाबू आ गए हैं मैदान में।

भगत… जिला पंचायत अध्यक्ष ने भी राहत की सांस ली है। बाबा…. खतरे की तलवार वैसे अभी तो लटक रही है लेकिन जल संकट और धार्मिक विधायक पुत्र मुद्दे में जिला पंचायत अध्यक्ष लीलाबाई और भैरू महाराज को राहत है। फिर प्रदेश में सरकार भाजपा की है।

भगत…. ग्रामीण क्षेत्र मे जल गंगा संवर्धन अभियान में तालाब का गहरीकरण एक अच्छा अभियान है।

बाबा… हमारे शहर में भी बहुत सारे तालाब है। यहां भी शुरू करना चाहिए जनप्रतिनिधि ने ध्यान देना चाहिए आम के आम गुठली के दाम की तरह तालाब तो फ्री खुद जाएगा जेसीबी पोकलैंड वाले को रोजगार भी मिल जाएगा और तालाब मुफ्त में खुद जाएगा । और अच्छी काली मिट्टी किस के काम आ जाएगी वह खरीद कर ही ले जाते हैं इस तरह देवास शहर और ग्रामीण में बहुत सारे तालाब गहरीकरण होता है तो सभी का लाभ है और आने वाला कल सुनहरा है जो आज पानी की समस्या ही नहीं रहेगी।

भगत…. एसडीएम पर वैसे ही ज्यादा लोड है।

बाबा… एसडीएम बिहारी सिंह के पास डबल चार्ज है। प्रमोशन तो हुआ नहीं लेकिन वर्तमान में प्रमोशन वाली सीट एडीएम का चार्ज भी उनके पास ही है। ऐसे में दोनों कार्य प्रभावित हो रहे हैं। उसे पर नवरात्रि पर्व और अन्य व्यवस्था सरकार को सबसे पहले देवास में ए डी एम  के लिए व्यवस्था की जाना चाहिए। भगत …. तबादलों की सूची में फिर निराशा।

बाबा… हां बेटा इस बार फिर छोटी सी सूची निकाली जिसमें देवास के जिला पंचायत सीईओ हिमांशु प्रजापत को बदलकर इंदौर एडीएम सीमा शर्मा को देवास जिला पंचायत सीईओ भेजा है। इस सूची में लग रहा था कि देवास में ए डी एम का पद भर जाएगा लेकिन अदला बदली हो गई। इंदौर से एडीएम देवास का और देवास के सीईओ को दूसरी जिम्मेदारी इंदौर में। अब एसडीएम तहसीलदार और टीम राजस्व से लेकर सारी बाहरी  तूफानी समस्या से अलग निपट रही है।

भगत…. पुलिस की ड्रग तस्कर के खिलाफ प्रभावी कार्यवाही रही।

बाबा…. बेटा जो होता है सामने दिखता है ।पुलिस कुछ अच्छा कर रही है तो दिख रहा है और बुरा कर रही तो वह भी दिख रहा है लेकिन फिर भी पुलिस अधीक्षक पुनीत गहलोत ने देवास में बहुत कुछ अच्छा करने का प्रयास किया है।

अब बात करें देवास में नशे जो की सबसे ज्यादा घातक ड्रग्स माफिया होते हैं जो युवा पीढ़ी को बर्बाद करते हैं पुलिस द्वारा एक ही दिन में 24 घंटे में 100 पुलिसकर्मी की टीम लगाकर और थानों के टी की टीम अलग-अलग जगह से 20 गांजा तस्करों को पड़कर तस्करों में हड़कंप मचा दिया है। फिर खुले के सट्टे के अड्डे बंद है। और क्या करें पुलिस  एसपी द्वारा ऑपरेशन  ऑपरेशन त्रिनेत्रm मैं जगह-जगह कैमरे लगाए जा रहे हैं ।आमजन को जागरूक किया जा रहा है फिर अपराधियों के बांड अच्छी राशि के साथ भराए जा रहे हैं। ताकि वह अपराध करने में डरे और बहुत कुछ बदलने का प्रयास किया जा रहा है लेकिन अपराध और अपराधी अपनी जगह है वह हम नहीं बदलेंगे हम नहीं सुधरेंगे की कसम खा कर बैठे हैं तो धीरे-धीरे ही परिवर्तन आएगा ना।

भगत… मामू के पुत्र ने भगवा यात्रा निकाल दी।

बाबा….  एक संगठन द्वारा निकाली जाती है तो उसमें अधिकांश हिंदू समाज आ जाता है और यह व्यक्तिगत यात्रा मामू के बेटे की थी। फिर भी अच्छा प्रयास है।  इसके पहले लगातार उमेश चौधरी द्वारा सफलतापूर्वक निकाल जाती है। मामू पुत्र का दूसरा वर्ष ठीक-ठाक रहा है। 

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