लोहारदा नगर परिषद का संकट टला, संकट मोचक बन गए जिला अध्यक्ष, भाजपा जिलाध्यक्ष सेंधव की समझाइश पर माने पार्षद
लोहारदा नगर परिषद के पार्षदों ने इस्तीफा वापस लिया

देवास। और आखिर मामला जिला अध्यक्ष के दरबार में आकर निपट ही गया। यह मामला देवास जिले के की लोहारदा नगर परिषद की है जहां नगर परिषद में विकास कार्यों में आ रही रुकावट को लेकर शनिवार को नगर परिषद के नौ पार्षदों ने सामूहिक रूप से अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। इन पार्षदों में भाजपा के सात और अन्य दलों के दो पार्षद शामिल थे। उनका आरोप था कि नगर परिषद के मुख्य नगरपालिका अधिकारी (सीएमओ) की कार्यशैली के कारण क्षेत्र के विकास कार्य बाधित हो रहे हैं और जनता से जुड़े कई महत्वपूर्ण कार्य ठप पड़े हुए हैं। इस घटनाक्रम के बाद मामला जिला मुख्यालय तक पहुंचा और राजनीतिक हलचल तेज हो गई। भाजपा जिलाध्यक्ष रायसिंह सेंधव ने स्थिति को गंभीरता से लेते हुए रविवार को सभी भाजपा पार्षदों को देवास बुलाया और उनकी समस्याएं सुनीं। बैठक के दौरान पार्षदों ने स्पष्ट किया कि सीएमओ के साथ उनके मतभेद लंबे समय से चले आ रहे हैं और इस कारण नगर परिषद के विकास कार्य प्रभावित हो रहे हैं। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि जनहित के कार्यों में लगातार अड़चनें डाली जा रही हैं, जिससे जनता को परेशानी हो रही है। बैठक में भाजपा जिलाध्यक्ष रायसिंह सेंधव ने पार्षदों को आश्वासन दिया कि उनकी समस्याओं का जल्द समाधान निकाला जाएगा और नगर परिषद में विकास कार्यों को गति दी जाएगी। उन्होंने पार्षदों से आग्रह किया कि वे अपना इस्तीफा वापस लें और क्षेत्र के विकास के लिए मिलकर काम करें। जिलाध्यक्ष के इस आश्वासन के बाद भाजपा के सभी सातों पार्षदों ने अपना इस्तीफा वापस ले लिया। बैठक के बाद पार्षदों का पुष्पहार पहनाकर स्वागत किया गया और मिठाई खिलाकर खुशी जताई गई। कुल मिलाकर इस राजनीति के मामले में संकट मोचक बनकर जिला अध्यक्ष सेंधव ने महत्वपूर्ण भूमिका निभा ।इस अवसर पर पूर्व जिला अध्यक्ष महेश दुबे, बहादुर मुकाती, देविप्रा के पूर्व अध्यक्ष राजेश यादव, भाजपा के वरिष्ठ नेता नरेंद्र बाडली, जयवर्धन जोशी, कमल अहिरवार मौजूद थे।