मुख्यमंत्री आगमन और जिलाध्यक्ष के 54 गांव, कलेक्टर की डेढ़ महीने की मोहलत, पुलिस अधीक्षक की बी टीम, दंड की जगह पुरस्कृत अधिकारी,  एडीएम हुए रिलीव, एडिशनल एसपी बाथम , फिल्मी स्टाइल में अपराधी का सरेंडर तो फिल्मी स्टाइल में टी आई ने… लूडो के भी रूप बदलते हैं….

भगत… प्रणाम बाबा। बाबा …..प्रणाम।

भगत….. मुख्यमंत्री सोनकच्छ विधानसभा में आए।

बाबा….. हां बेटा मुख्यमंत्री का आगमन जिस विधानसभा में हो पहले विधायक की जिम्मेदारी रहती थी कि वह भीड़ के साथ आयोजन सफल बनाएं लेकिन अब पिछले एक दशक से सिस्टम बदल गया है ।विधायक के साथ जिला कलेक्टर और एसपी की भी सुरक्षा व्यवस्था के साथ बहुत सारी जिम्मेदारी हो गई है ।जिला प्रशासन के सहयोग के कारण अब भारतीय जनता पार्टी में विधायक और संगठन को कम मेहनत करना पड़ती है। आंगनवाड़ी कार्यकर्ता से लेकर एन जी ओ और  सरकारी तंत्र के बाद कई जगह तो ऐसा लगता है कि भाजपा नेता मेजबान नहीं मेहमान है। फिर भी स्थानीय विधायक राजेश सोनकर ने पूरा लोड ले लिया था। राजेश सोनकर पूर्व मंत्री को हराने के बाद क्षेत्र में लगातार एक्टिव है, और उनके प्रयास से ही यह विकास की सौगात और मुख्यमंत्री का 2025 की शुरुआत में सफल आयोजन ही कहा जाएगा।  फिर जिला अध्यक्ष रायसिंह सेंधव भी एक अच्छा मुद्दा भुना ले गए।

भगत… राय सिंह सेंधव के 54 गांव।

बाबा…. हमारी सभ्यता संस्कृति के विपरीत कई बड़े शहरों के नाम तो कहीं गांव में ऐसे नाम रख दिए की जिससे उसे गांव का लेना देना ही नहीं है या कहीं गांव तो नाम लेने में भी गांव की परिभाषा ही बदल जाती है। तो आप समय आ गया है कि इन गांवों के नाम बदल ही देना चाहिए। जिला अध्यक्ष ने एक अच्छी पहल की है ।और समय लगेगा लेकिन कहीं गांव के नाम निश्चित बदल जाएंगे और इसका श्रेय हमेशा जिला अध्यक्ष को ही जाएगा।जिला अध्यक्ष ने पारी की शुरुआत में ही चौका लगाया है। इसे कहते हैं मौके का फायदा उठाना।

भगत ….नवागत कलेक्टर ने भी अल्टीमेटम दिया है अधिकारियों को।

बाबा….. देवास नवागत कलेक्टर ऋतु राज सिंह ने देवास जिला चिकित्सालय सुधार से श्री गणेश किया तो अब राजस्व में और व्यवस्था में कुछ सुधार के लिए देवास के जिलाधिकारी को डेढ़ माह का अल्टीमेटम दिया है कि कुछ अच्छा करो नहीं तो तलवार तो लटक ही रही है किसी पर तो गिरेगी।

भगत… अभी दो विकेट गिरा दिए हैं।

बाबा…. हां बेटा  कर्मचारी है वन स्टाफ की मैडम दूसरे अनुसूचित जाति विभाग के बाबूजी । देवास में कहीं विभाग ऐसे हैं जहां पर बाबू राज ही चलता है और फिर अभी भी इंदौर उज्जैन से अप डाउन करने वाले की संख्या वही की वही है। कलेक्टर ने प्रदेश के कामधेनु विभाग पर नकेल कसी है। अब परिणाम तो धीरे-धीरे ही सामने आएंगे चलो डेढ़ माह निकलते कितना समय लगता है।

भगत.. पुलिस अधीक्षक की बी टीम ने काम कर दिखाया। बाबा…. हर शहर में हर थाने में वर्षों से जमे पुलिसकर्मी का अपना राज रहता है जिसे हटाने के लिए पुलिस अधीक्षक को बड़ी मशक्कत करना पड़ती है फिर थानेदार भी अपनी अलग पहुंच रखते हैं। ऐसे में पुलिस अधीक्षक के सामने कई चुनौतियां रहती है अब देवास पुलिस अधीक्षक पुनीत गहलोत ने पहले तो सभी थानेदारों और पुलिसकर्मियों को खूब सम्मान दिया पुलिसकर्मी पहले पुलिस अधीक्षक की वाह वाही करते थे पहले पुलिस अधीक्षक के जिन्होंने अपने अधीनस्थ अधिकारी और पुलिसकर्मियों को बढ़ावा दिया लेकिन बदले में कई बार मुफ्त की बदनामी। ऐसे कई प्रकरण हुए जिसमें पुलिस की किरकिरी हुई है।

भगत…. जुआ कांड की बात कर रहे हो।

बाबा… पुलिस अधीक्षक के आगमन से लेकर अभी तक ग्रामीण क्षेत्र और शहरी में कहीं ऐसे प्रकरण हो गए हैं फिर बरोठा जुए की बात है तो पुलिस अधीक्षक पुनीत गहलोत ने बी टीम जिसमें पुलिस अधीक्षक कार्यालय में ही कार्यरत सी एस पी स्तर के अधिकारी ने सीधा जुए के अड्डे पर छापामारा और एक अच्छी सफलता हाथ लगी यह बात अलग है की राशि की सफलता की कहानी अलग होती है। मौके पर कितना होता है और प्रकरण कितने का बनता है ।फिर भी पुलिस अधीक्षक की इस टीम द्वारा सीधे कार्रवाई से अब जिले के थानों पर एक डर तो रहेगा कि कहीं सीधे पुलिस अधीक्षक की टीम ने छापा मार दिया तो कहीं के नहीं रहेंगे अभी तो पुलिस अधीक्षक अपने अधीनस्थ को खूब सराह रहे हैं। अब निश्चित दंडात्मक कार्रवाई भी हो सकती है। वैसे ट्रैफिक सहित कई जगह पर सुधार दिख रहा है। बस थाने पर जमीन वर्षों से पुलिसकर्मी के हृदय परिवर्तन हो जाए तो पुलिस की छवि सरकार की अच्छी छवि बना देगी नहीं तो सब जो चल रहा है चल ही रहा है।

भगत…. एडीएम फूलमाली भी रिलीव हो गए ।

बाबा…. कभी देवास में अधिकारी ज्यादा थे तो अभी सीधे कलेक्टर और जिला पंचायत सीईओ पर लोड आ गया है अधिकांश कार्य तो एडीएम प्रवीण फूल माली सरलता से संभाल लेते थे अब उनका भी तबादला दमोह होने के बाद पहले तो कलेक्टर रिलीव नहीं कर रहे थे लेकिन कब तक रोक कर रखते। इधर मध्य प्रदेश शासन द्वारा अभी तक किसी को नहीं भेजा है।

भगत…. खाद्य अधिकारी भी गई।

बाबा….. खाद्य विभाग में लंबा कार्यकाल शालू वर्मा का रहा अब  मनपसंद जिला उज्जैन मिल गया जो देवास से भी बड़ा है। इसी तरह देवास के कई जिलाधिकारी तीन से चार वर्ष पूरे होने पर स्वेच्छा से मनचाही जगह पर जुगाड़ जमा रहे हैं। नहीं तो देवास में अच्छा सब चल ही रहा है ।कुछ अधिकारी के पास दो-तीन जिलों का प्रभार है तो कई के पास इतना भार है कि वे अब राहत चाहते हैं। नवागत कलेक्टर के  तेवर देख कर भी कुछ अधिकारी पतली गली से चुपचाप निकल जाना ही बेहतर ही समझ रहे हैं। फिर भी जिले में अधिकारियों की कमी है।

भगत…. पुलिस विभाग में एडिशनल एस पी बाथम की चल निकली है।

बाबा…. लंबा समय देवास और उसके बाद महाकाल की नगरी उज्जैन का लाभ और देवास के लाभ के रूप में मिल रहा है सबसे कामधेनु विभाग यातायात की कमान के बाद जिले का दूसरा बड़ा ग्रामीण कन्नौद खातेगांव का प्रभार मिल गया है। साथ में खेल विभाग भी है इतनी सारी जिम्मेदारी एक अकेले बाथम पुराने अनुभव का लाभ लेकर ऑलराउंडर की भूमिका में निभा रहे है।

भगत… एक सहकारिता के अधिकारी को मिलना था दंड परंतु मंत्री जी ने दे दिया पुरस्कार।

बाबा… सही बात है दो बार जांच के घेरे में आने के बाद भी सहकारिता के यह अधिकारी बहुत भारी है। क्या प्रदेश के मंत्री जी को अपने ही विभाग के अधिकारी की कारगुजारी पता नहीं है या आंख देखें मक्खी निगल रहे हैं। जो भी हो अधिकारी का अपना जलवा है।

भगत…. जघन्य हत्याकांड के आरोपी का जुलूस निकाला।

बाबा… आरोपी ने न्यायालय में सरेंडर कर यह दर्शाया था कि अब कुछ नहीं होगा लेकिन देवास के दबंग टी आई ने रिस्क लेकर जुलूस निकल ही दिया।

बाबा…. बेटा जनता के बीच जुलूस निकालने का पुलिस अधिकारियों का बहुत सारे कानूनी बाधाओं की रिस्क पारकर रहता है। अधिकारी बहुत कम रिस्क लेते हैं ।लेकिन शहर कोतवाल तो फिल्मी स्टाइल में सरेंडर करने वाले को राउडी राठौर की तरह ही फिल्मी स्टाइल में जुलूस भी निकाल देता है। जुलूस का मुख्य कारण की आम जनता का भय समाप्त हो कई लोगों के प्रकरण से जो थाने पर नहीं आ पा रहे हैं। अब वह भी खुलकर थाने पर आ सकते हैं। और सीधे आए भी एक तरफ जुलूस निकल रहा था तो पीछे परिजन और पीड़ित खुला विरोध कर रहे थे ।ऐसा शायद पहली बार देखा हो शहर के अंदर लेकिन अपराधियों और गुंडो का यही होना चाहिए ।इसके बाद भी नहीं आए तो पुलिस तो फरियादी है ही। शहर कोतवाल अजय गुर्जर ने देर सही अपना काम तो कर ही दिया।

भगत…. लूडो के क्या हाल है।

बाबा…… समझ गया लूडो के भी रूप बदलते हैं। बात लूडो के जन्मदिन की कर रहा है तो श्वान वफादार होते हैं लेकिन उस व्यक्ति के ही वफादार होते हैं जो इनको पालता है। फिर भले ही वह अपराधी हो गुंडा हो या देशद्रोही या कसाई लूडो को जिसने पाला लूडो उसी का वफादार । फिर देवास में तो श्वान प्रेमी ज्यादा है ।मुंशी पार्टी की की गाड़ी इनको पकड़ने जाती है तो पकड़ने वाले से ज्यादा उनके प्रेमी खड़े हो जाते हैं। जिन बच्चों को काटा उनका दुख कौन जाने खैर अभी हम यहां बात उनके जन्मदिन की कर रहे हैं तो पूरे देश में केवल एक संदेश के लिए यह लूडो साहब का जन्मदिन मनाया जाता है अब देखिए रूप बदलते जाते हैं कल उनका जन्मदिन था आज इनका है परसों किसी और का होगा फिर लूडो के मालिक का भी होगा जिनका वफादार है। लूडो साहब किसी के वफादार है तो उस लूडो के भी सैकड़ो वफादार है यह बात अलग है कि सब बाते है बातों का क्या । तो सभी लूडो के पूर्व वर्तमान और अग्रिम बधाई जन्मदिन की अब शायद प्लेस तुम्हारे लगे नहीं वीडियो चले नहीं परंतु जनता के मन में आप बस गए हो लूडो भाई आपकी मोटी सोने की चेन , आपके दादा पहलवान जैसे चेहरे और आपकी वफादारी के सभी कायल है। बधाई वर्ष 2026 तक अंतिम दिन तक के लिए। जय हिंद जय भारत फिर मिलेंगे। ..

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