एमजी रोड पर भेड़िया आया भेड़िया आया ….. एसपी बदल गए… कमिश्नर क्यों हो रहे फ्लॉप…. नेताजी का वायरल ऑडियो… लव जिहाद का विरोध करने वाले कांग्रेसी नेता… पूर्व मंत्री की घर वापसी… जोर का झटका धीरे से… मंदिर का मामला ठंडे बस्ते में … देवास में शतरंज का महाकुंभ, कुत्तों का आतंक

भगत…. बाबा प्रणाम।    बाबा…. बेटा प्रणाम।   

भगत…. त्यौहार निपटते ही एमजी रोड की नपती चालू हो गई है।                       बाबा…… हां बेटा इस बार भेड़िया आया भेड़िया आया कि कहावत चरितार्थ नहीं होगी लगता तो ऐसा ही है। क्योंकि महापौर सभापति की इस संबंध में एक बार उड़ चुकी है। और फूल देने से जनता को लग रहा था कि फिर फूल बन गए ।क्योंकि सब है फूल वाले ही मतलब फूल वालों की ही सरकार है। फूल अलग-अलग तरह के हैं सांसद विधायक महापौर सभापति सभी फूल वाले हैं। अब बात करें महात्मा गांधी मार्ग की तो महात्मा गांधी मार्ग के नाम से तो शायद इसे देवास की जनता बहुत कम जानती है। सीधा एमजी रोड अंग्रेजी वाला नाम ही लेना पड़ेगा। अभी भी पूरे देवास शहर में व्यापार में नंबर वन एमजी रोड ही है ।कुछ व्यापार इंदौर और बाहर गया है।  तो शहर के बाहर एक और एमजी रोड की तरह ही मिश्रीलाल नगर रोड पर भी व्यापार फल फूल रहा है। एमजी रोड पर सबसे बड़ी समस्या ट्रैफिक जाम के साथ पार्किंग की है। यहां पर पार्किंग की समस्या के कारण कई बार आम जनता बाहर दूसरी जगह जाना पसंद करती है ।और अगर सड़क चौड़ा होता है तो सबसे ज्यादा यहां के व्यापारियों का ही लाभ होगा। नहीं तो एक दिन सारा धंधा बाहरी कॉलोनी में चला जाएगा। इसके चौड़ीकरण के लिए कई प्रयास हुए अभी तक सबसे ज्यादा पूर्व कलेक्टर गौरी सिंह को याद किया जाता है । उसके बाद जिलाधिकारी जनप्रतिनिधि के रवैए को देखकर अपने दूसरे कार्य अच्छे कर गए यहां फटे में कौन पैर डाले । आ बैल मुझे मार क्यों करें परंतु अब जनप्रतिनिधि के लिए भी यह एक मुद्दा बन गया है ।शहर का मुख्य मार्ग अच्छा होगा तो सब कुछ अच्छा होगा। अब विधायक महापौर सभापति ने इसको प्रमुखता से लिया है। बस देखना है कि नपती के बाद काम कितने दिनों में शुरू होता है कुछ बदलाव होता है या फिर गई भैंस पानी में।

भगत… बदलाव तो पुलिस विभाग में हो गया बस एसपी बदले हैं।                      बाबा…. भारतीय जनता पार्टी सरकार में सबसे ज्यादा एसपी कलेक्टर ही बदले हैं कलेक्टर ने तो बहुत कुछ किया है देवास में वर्तमान कलेक्टर की कई उपलब्धियां है ।लेकिन पुलिस विभाग की उपलब्धियां विपक्ष का मुद्दा बन गई थी ।और चुनाव में विपक्ष को लाभ भी मिला। अब नवागत एसपी पुनीत गहलोत कब पुराने हो जाएंगे पता ही नहीं चलेगा । यदि कुछ विभाग में सुधार कर गए एक चौकी भी इमानदारी से चलने लग गई ।उस दिन भाजपा सरकार सफल हो जाएगी। नहीं तो सट्टे जुए ड्रग्स के व्यापार के साथ देवास में लकड़ी और सारे अवैध धंधे चल ही रहे हैं। वर्षों से पदस्थ थाने पर पुलिसकर्मी और चौकी पर प्रभारी का अपना राज है। 2023 में तो फिल्म मैं जो देखे थे वहां आम जनता ने सब कुछ होते देवास में देखा है। 2024 में जरूर सट्टा बंद हो गया और अब खबर यह है कि सटोरियों को उम्मीद है कि हमारा कार्यकाल चालू हो जाएगा। अब नवागत एसपी पुनीत गहलोत को देवास में छोटा सा ही कुछ अच्छा कार्य ऐसा करके जाना चाहिए की यादगार रहे । कर्तव्य पथ ईमानदारी के पथ पर चलते हुए खुलेआम जो सब चल रहा है उसे पर अंकुश लगाने के साथ वर्षों से पदार्थ चौकी प्रभारी और थानों पर विधायक नेताजी के पैर पड़कर अंगद के पैर की तरह जमे कुछ पुलिसकर्मी ही इधर से उधर हो गए तो अन्य पुलिसकर्मी को भी राहत मिलेगी।

भगत.. पुलिस अधीक्षक के तेवर देखकर तो लग रहा है कि कुछ अच्छा होगा।        बाबा…..  हां अभी एक मासूम बच्चे की अपहरण के 5 घंटे में  पूरी फोर्स लगाकर बच्चा वापस दिलाने में सबसे अच्छी बातें करेगी आम आदमी का बच्चा था और अभी डी ओ सी माफिया और रिपोर्ट लिखने के कुछ देर बाद ही कार्रवाई अच्छी है। धर्म परिवर्तन गैंग और सबसे खास डी ओ सी का नया गिरोह पकड़ना और अभी तो रोज कुछ ना कुछ हो रहा है।पुलिस  विभाग में बस इतना हो जाएगी कोई पीड़ित थाने पर अपना दर्द लेकर आए तो साथ में और बड़ा दर्द ना लेकर जाए क्योंकि थाने पर पुलिस से वह बहुत उम्मीद रखता है और मजबूर होकर थाने पर आता है लेकिन थाने पर उसके साथ जो व्यवहार होता है वही अच्छा हो जाए तो थोड़ी राहत मिल जाती है। वरना पैसे वाले का कानून बनाकर रह गया है। कहने को बहुत कुछ है बस जनता तो छोटी सी बात की खुलेआम अवैध धंधे बंद होने के साथ बहन बेटी की सुरक्षा और पीड़ित के साथ सद व्यवहार हो । वैसे नवागत पुलिस अधीक्षक के आने के बाद कम से कम दो-चार दिन तो अवैध व्यापार बंद रहते हैं ।लेकिन अब शायद अवैध व्यापार वालों को पुलिस का डर नहीं पुलिस अधीक्षक बदले या मुख्यमंत्री उनका धंधा चलता रहता है। यह तो पहले था की नए अधिकारी के सम्मान में ही सही दो-चार दिन अवैध कामकाज बंद रहते थे अब गया हुआ जमाना।

भगत….. कांग्रेस में युवा नेता का विरोध के बाद राजनीति कद बढ़ गया ।                    बाबा….. मुद्दा ही कुछ ऐसा था लव जिहाद के खिलाफ फ्लेक्स वाला मुद्दा उल्टी गाजर की तरह विरोधियों को भारी पड़ा। लव जिहाद के विरोध में कांग्रेस नेता दीपेश कानूनगो एक मंच पर नहीं कई मंच पर उस फ्लैस को हाथों में लेकर गए। अब  विरोधी इस मुद्दे को खुले रूप से उठा ही रहे थे कि उनके आका जो समझदार के साथ राजनीति में चाणक्य है ने समझा दिया की किस माध्यम से उठाएंगे क्योंकि वे स्वयं विरोध का शिकार हो रहे थे।अब यह बात अलग है कि दीपेश को मुफ्त में इतना प्रचार प्रसार मिल गया और एक हिंदू नेता के रूप में पहचान अलग वह भी कांग्रेसी हिंदू नेता।

भगत…. एक और नेता का तो ऑडियो खूब वायरल हो रहा है। बाबा…. यह नेताजी वैसे भी चुनाव के बाद से शहर में कम ही दिखाई दे रहे थे चुनाव में बड़े-बड़े वादे और देवास की जनता को हर सब दुख में साथ देने की बात नैना सुख में नजर आए ना दुख में किसी को इनके बोल से दुख जरूर पहुंच गया। अब जब यह बाजार में जनता के बीच आ ही नहीं रहे हैं तो नाम भी क्यों लिखे। भगत… ऑडियो में एक नाम गलत ले लिया नहीं तो इतनी बात नहीं बढ़ती। भगत….. उनके नाम से तो पिछले 5 वर्ष में राजनीति में चर्चित हो गए थे। उधर इतनी सहनशीलता है कि आखरी तक नाम नहीं लिया और अब नामजद जरूर करवा दिया यही अंतर है राजनीति में बडबोले नेता और समझदार नेता में। नेताजी कहते थे सुख-दुख में सदा साथ खड़ा रहूंगा समाज सेवा की बात मैं भी जिला चिकित्सालय के बाहर खाट लगाकर बैठूंगा। अब वहां ना तो खाट लगी परंतु नेताजी के ठाट  अलग ही नजर आ रहे हैं।

भगत.. जिला चिकित्सालय में करोड रुपए का विकास कार्य भी वहां की व्यवस्था के कारण पानी फेर रहा है।                   बाबा….. विकास कार्य चाहे कितने ही करवा लो पहले व्यवस्था में सुधार होना चाहिए फिर हम अभी जिला चिकित्सालय की बात कर रहे हैं तो यहां पर जिला कलेक्टर से लेकर सभी अधिकारी पच पच गए परंतु हाल वही बेहाल है। वही पुरानी बात यहां कार्यरत स्टॉप और डॉक्टर अपना व्यवहार नहीं बदल रहे इससे तो छोटे मोहल्ले कॉलोनी में खुल रहे नए संजीवनी क्लिनिक अच्छे हैं। देवास जिला चिकित्सालय जहां से आम जनता का विश्वास तो उठ चुका है मजबूरी में जब वह निजी चिकित्सालय नहीं जा सकता तब मरीज बीमार दुखी यहां आता है। यहां से और ज्यादा दर्द लेकर जाता है। भगत… सत्ता पक्ष वाले भी तो कुछ कर सकते हैं। बाबा…. इंदौर की बात अलग है वहां पर चिकित्सालय में भी जनप्रतिनिधि अपने व्यक्ति को बिठाकर रखते हैं कोई भी आए मदद करें लेकिन हमारे देवास के सत्ताधारी जनप्रतिनिधि उद्घाटन के दिन लोकार्पण के दिन या किसी पुण्यतिथि पर जन्मदिन पर नजर आते हैं। यहां पर अगर महीने में चार बार भी आ जाए तो यहां हालात सुधर सकते हैं । नहीं तो मजबूरी का नाम है ही जिला चिकित्सालय देवास।

भगत… यही हालत पूरे शहर की है कमिश्नर रजनीश कसेरा फ्लॉप हो रहे हैं।

बाबा…. देवास में नई परिषद बनने के बाद आमजन को उम्मीद थी कि विकास और चार गुनी गति से दौड़ेगा और हमारा देवास स्वच्छता में भी नंबर वन आएगा लेकिन अभी शायद पूरे देश में हमें सबसे पीछे के नंबर में से नंबरिंग शुरू करना पड़ेगी तो शायद हम प्रथम या दूसरे नंबर पर आ सकते हैं इतना बिगड़ हो गया है तो और कर दो। हर जगह ही हालत खराब है। नगर निगम में कोई सुनवाई नहीं होती। भगत… महापौर जनसुनवाई लगाते तो है। बाबा….. तो क्या जानता बुधवार के दिन तक का इंतजार करें कि उनकी समस्या महापौर के सामने ही हल होगी अच्छी बात है की किसी महापौर ने दिलेरी से जनता से रूबरू होने के लिए एक दिन तो तय कर रखा है परंतु कमिश्नर का कोई दिन नहीं है महापौर कमिश्नर को कम से कम अपने चेंबर में बुधवार के दिन ही बिठा ले की जनता के लिए भी आपका कुछ कार्य है। पीसी के अलावा भी नगर निगम में बहुत कुछ है फिर सरकार भारतीय जनता पार्टी की है। महापौर सभापति और परिषद का ढाई साल का कार्यकाल पूर्ण होने जा रहा है और उसमें कोई बड़ी उपलब्धि तो नहीं बस यही है कि शहर में एक बार स्वच्छता मिशन और निर्माण कार्य की स्थिति देख ले बस।

भगत … पूर्व मंत्री दीपक जोशी घ घर का यानी घर वापसी हो गई है। इससे कई लोगों को झटका लगा है।             बाबा….. हां बेटा यह तो गजब हो गया जो नेता एक माह पहले कांग्रेस का एक नया गुट बनाकर कुछ युवाओं को हौसला दे दिया था वह इतना बड़ा उनको द.., दे दिया फिर राजनीति में सब चलता है। पूर्व मंत्री दीपक जोशी कि अचानक भाजपा में वापसी को लेकर अलग-अलग बातें हो रही है परंतु यहां हम इस जिले की बात करें देवास की तो देवास की राजनीति में भाजपा में तीन दशक तक एक तरफा या तो दीपक जोशी गुट , या स्वर्गीय तुकोजीराव पावर गुट की चली है। यह तो एक वर्ष पूर्व अचानक जोशी के कांग्रेस में जाने के बाद भाजपा में जोशी गुट का समापन हो गया था वैसे भी 2018 में चुनाव हारने के बाद दीपक जोशी  की उल्टी गिनती चालू हो गई थी परंतु 2023 के चुनाव में अचानक भारतीय जनता पार्टी को झटका देते हुए वे कांग्रेस में शामिल हुए यही तक नहीं वहां से टिकट भी ले आए जहां पर इनका पहले तो खूब विरोध हुआ पोस्टर तक लगे लेकिन इसके बाद भी एक अच्छा चुनाव खातेगांव में आशीष शर्मा के सामने लड़ा ।आशीष शर्मा को पसीना ला दिया। इधर दीपक जोशी के कांग्रेस में जाने के बाद भाजपा में पवार और राजू खंडेलवाल और तीसरा गुट सांसद महेंद्र सिंह सोलंकी का चल रहा है। अब यह देखना है कि दीपक जोशी फिर से अपने समर्थकों के साथ अपना अलग वर्चस्व स्थापित करेंगे या किसी इन तीन गुट मैं शामिल होंगे और अगले विधानसभा चुनाव में अपनी दावेदारी फिर से जैसा की वापसी में कुछ तो वादा हुआ होगा करेंगे। अब बात करें कांग्रेस की तो कांग्रेस में पिछले सात आठ वर्षो से एक ही पूर्व मंत्री सज्जन वर्मा की एक तरफ चली है । अचानक दीपक जोशी के कांग्रेस में आने के बाद एक गुट फिर जोश उत्साह के साथ मैदान में आ गया था अभी नवदुर्गा उत्सव में तो इनके फ्लेक्स चर्चा का विषय बन गए थे और कांग्रेस परिवार के नाम से बने फ्लेक्स से एक कांग्रेस परिवार का गुट बन गया था जो सीधे रूप से शहर कांग्रेस अध्यक्ष मनोज राजानी को चुनौती दे रहा था उनके लिए यह पूर्व मंत्री का कदम झटका ही रहेगा। वैसे यह गुट अपने दम पर भी पिछले दो दशक से चल रहा है दीपक जोशी के साथ आने से थोड़ा अलग मामला हो गया था लेकिन अब भाग्यशाली मनोज राजानी  के लिए रहा फिर उनका एक तरफा अभी तो कार्यकाल कहा जा सकता है ।

भगत…. ग्रीन बेल्ट पर क्या चलेगा बुलडोजर।

बाबा… शहर में बाईपास पर ग्रीन बेल्ट की जमीन पर बड़े-बड़े रसूखदार के अतिक्रमण का मामला फिर जोर पकड़ रहा है। इस बार जिला प्रशासन कार्रवाई कर सकता है यदि कोई बड़ा राजनीति दबाव नहीं आए तो देवास का ग्रीन बेल्ट आने वाले कल में वाकई में ग्रीन बेल्ट हो जाएगा।

भगत…. एक और बड़ी जमीन का मुद्दा गया ठंडे बस्ते में।

बाबा….. समझ गया गुट बदलने के बाद अब पूर्व मंत्री दीपक जोशी ज्वेरी श्री राम मंदिर का मामला ठंडा नजर आ रहा है हालांकि जिन लोगों ने कांग्रेस की ओर से यह मामला उठाया था वह अभी भी लगातार इसमें लगे हैं अब देखना है कि दीपक जोशी की जगह है उसकी कमान किसके हाथ में जाती है। यहां पर यह बात भी सामने आ रही है कि देवास में ऐसी कई मंदिर की जगह है जिस पर किसी ने अवैध निर्माण कब्जा कर लिया है या मिली भगत कर बेच दी गई है।

भगत….. इस बार दीपावली पर पटाखे और फोकट ज्ञान वालों के मैसेज नहीं आए। बाबा…. केवल हिंदू सनातन धर्म के हर त्यौहार और परंपरा पर ज्ञान बांटने वाले दूसरे धार्मिक आयोजन पर बिल्ली दूध पीते हुए आंख बंद करती है इस तरह का व्यवहार करते हैं तो अब सनातन धर्म में भी जागरूकता आई है मजाल कोई थोड़ा सा भी टिप्पणी कर दे एक शोरुम वाले को उल्टा माफी मांगना पड़ी और अब किसी भी धार्मिक का आवेदन पर फोकट का ज्ञान देने वाले नजर नहीं आते। भगत… बहुत लोगों को रोजगार भी मिला। बाबा…. हमारा सनातन धर्म विज्ञान के साथ सामाजिक और व्यापारिक रूप से भी समान व्यवहार के साथ सभी के लिए बना है। दीपावली पर्व पर तो कहीं व्यापारी ऐसे हैं जो पूरे वर्ष में एक इस त्यौहार पर ही अपना पूरा वर्ष का कोटा पूरा कर लेते हैं जैसे पटाखे वाले, फिर रंगोली  दीपक, बाती, धानी, से लेकर कपड़े और फूल माला , लाइट डेकोरेशन और सबसे खास ज्वेलर्स से लेकर बर्तन,किराना कपड़े तक 5 दिन का त्योहार हर व्यापारी का ध्यान रखना है। पूरे वर्ष भर चाहे पूरे घर की सफाई कर ना करे दिवाली पर घर से लेकर व्यापार तक साफ-साफ रंग रोगन के साथ नए रूप में नजर आता है। माता बहन बेटी घर के सामने अपनी  सुंदर कला का प्रदर्शन रंगोली के रूप में करती है तो घर में गूंजे से लेकर कई तरह के पकवान बनाकर घर का माहौल बदल देती है।रूप चौदस से भाई बहन का भाई दूजऔर यहां तक की पशुधन के लिए भी गोवर्धन पूजा के साथ गौ माता और पशु की पूजा तक की जाकर हमारा त्यौहार उत्साह उमंग और खुशी का संचार करता है। यह त्यौहार देवउठनी ग्यारस तक चलता रहेगा और फिर देव उठने के बाद ब्याह शादी का सीजन।

भगत… देवास में शतरंज का माहौल बन गया है अब नए बच्चों के लिए बहुत अवसर है। बाबा…. देवास कलेक्टर गुप्ता जी ने जिले के लिए बहुत कुछ किया है। तो खेल में भी शतरंज जैसे खेल को एक अच्छा माहौल दिया है। शतरंज एक ऐसा खेल है जो जीवन में बहुत कुछ सीखाता है। जीवन में कुशल प्रबंधन के साथ आपके दिमाग को भी स्वस्थ स्वस्थ रखता है एकाग्रता ध्यान और सबसे बड़ी बात जीवन में छोटी से बड़ी चुनौतियों से भी कैसे निपटा जा सकता है यह सीखाता है तो धैर्य एकाग्रता के साथ स्वस्थ मनोरंजन का सबसे अच्छा खेल है जो किसी भी जगह पर दो लोग भी खेल सकते हैं। देवास वालों के लिए सौभाग्य की बात है कि अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता में उनको मौका मिल रहा है। खासकर युवा और बच्चों को इसमें अवश्य भाग लेना चाहिए आज की भागम भाग और कंप्यूटर मोबाइल की दुनिया से हटकर थोड़ा सा सप्ताह में एक दिन सही शतरंज को भी जगह देना चाहिए कलेक्टर गुप्ता जी ने तो देवास में माहौल बना दिया है।

भगत… शहर में कुत्तों का आतंक है।                     बाबा…. बेटा इन आवारा कुत्तों का शिकार आम गरीब मध्यम वर्ग की ज्यादा होता है क्योंकि वह पैदल या मोटरसाइकिल पर चलता है नेताजी और अधिकारी कार में ही भले ही अंग्रेजी नस्ल के कुत्ते के साथ निकल जाते हैं इस समस्या से सबसे ज्यादा बच्चे स्कूल जाने वाले और मजदूर वर्ग जो सुबह फैक्ट्री जाने के साथ रात को लेट थका हारा घर की ओर लौटता है तो यहां भी एक समस्या। कुत्ता प्रेमी जब भी नगर निगम जिला प्रशासन कोई अभियान चलता है तो बीच में आ जाते हैं केवल एक बार मानवता पर भी ध्यान दें हम भी कुत्तों को रोटी के साथ उनकी सेवा भी करते हैं लेकिन अब हद हो गई है । इन आवारा पागल कुत्तों का इलाज जरूरी है ज्यादा पशु प्रेमी को अगर प्रेम है तो अपने घर में या फार्म हाउस पर ले जाए। अब जिला प्रशासन को सख्त कदम उठाने की आवश्यकता है।

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