जहरीले धुएं से दम घुट रहा है शहरवासियों का, बात एशिया मैं नंबर कि नहीं जनता की फिक्र करने वालों की है गौरव दिवस ने सम्मान बढ़ाया तो प्रदूषण विभाग ने सब बराबर कर दिया, शहर कांग्रेस अध्यक्ष का विरोध, जिले में पूर्व मंत्री के पास भी रहा है यह विभाग

शहर मैं गौरव दिवस मना परिवार की तरह जोड़ने का एक अच्छा प्रयास नवरात्रि महोत्सव में हुआ और शहर का नाम ही बड़ा। देवास विकास में भी देवास शहर सबसे अच्छा चल रहा है ।तो शासकीय विभागों में कुछ विभाग जो कागज पर और मासिक आय के लिए ज्यादा जाने जाते हैं उनके कारण शहर का नाम और मान दोनों ही घटा है ।देवास शहर एशिया के 10 प्रमुख शहरों में प्रदूषण के नाम से आना शहरवासियों को खलता है। कितनी मेहनत करते हैं जनप्रतिनिधि और कुछ विभाग जो अक्सर जनता में तो नहीं दिखते उद्योगपति और अफसरशाही तक सीमित या विभाग अब हाशिए पर आ गया है ।औद्योगिक क्षेत्र में कभी विकास नगर में स्थित प्रदूषण नियंत्रण कार्यालय कब यहां से गंगानगर के बंगले में आ गया और फिर वहां से वापस उज्जैन चला गया पता ही नहीं चला। यहां तक कि कई बड़े उच्च अधिकारी को भी कार्यालय का पता नहीं होगा फिर आज आम आदमी शिकायत करें तो कहां करें दम घुटने घुटने दो हमारी चिंता किसको है। औद्योगिक इकाइयों को केवल नोटिस देकर अपना काम निकालने वाले वर्षों से पदस्थ यहां पर अधिकारी का अपना राज है।

मुख्य अधिकारी जरूर बदलते हैं परंतु नीचे केसरिया से लेकर सभी रंग एक ही रंग में रंगे हैं जैसे भी हो आर्थिक भला हो जिला कलेक्टर चंद्रमौली शुक्ला ने कई विभागों में सुधार के प्रयास किए और परिवर्तन भी आया लेकिन देवास के सबसे महत्वपूर्ण प्रदूषण नियंत्रण विभाग पर भी अब नियंत्रण आवश्यक है ।वहीं सांसद और विधायक को भी इस विभाग को देखना चाहिए केवल उद्योगपति को नोटिस दिन तक और अपना काम सिद्ध करने तक यह विभाग ना रह जाए अब तो भले ही कुछ पल के लिए सही हमारे देवास का नाम एशिया के 10 सालों में प्रदूषित शहर में लिया गया। जबकि यहां पर फिल्म सिटी और न जाने कितने प्रोजेक्ट आने की तैयारी में है ।

शहर कांग्रेस अध्यक्ष मनोज राजानी ने भी इस मुद्दे को गंभीरता से उठाते हुए कहा की एशिया के 10 प्रमुख शहरों में देवास प्रदूषित शहर की सूची में आना चिंता का विषय देवास देवास शहर प्राकृतिक संपदा से भरपूर शहर रहा है जिसकी आबोहवा हमेशा लाभदायक रही है लेकिन अचानक विश्व वायु गुणवत्ता सूचकांक पर उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार भारत के 8 एवं एशिया के शीर्ष 10 शहरों में देवास को प्रदूषित शहर बताया गया है जिसकी वायु गुणवत्ता एक्स यू आई 266 मापी गई है कि अगर रिपोर्ट सही है तो यह चिंता का विषय है इस और प्रशासन ने शीघ्र ही ध्यान देना चाहिए साथ ही ऐसे प्रयास करना चाहिए कि देवास  प्रदूषण से मुक्त शहर हो । कांग्रेस ने कहा है कि अगर प्रशासन की  अनदेखी के चलते देवास शहर प्रदूषित शहरों की सूची आया है तो यह जागने का विषय है प्रशासन शीघ्र ही इस संदर्भ में आवश्यक कदम उठाए और जिन कारणों से प्रदूषण फैल रहा है उस पर अंकुश लगाए साथ ही क्षेत्र के सांसद विधायक भी इसे गंभीरता से लें एवं एसे प्रयास करें कि शहर प्रदूषित शहरों की सूची से बाहर निकले इस काम में कांग्रेस पार्टी की जहां भी जो भी आवश्यकता अगर महसूस होती है तो हम उसके लिए तैयार हैं। यह लोगों के जीवन का सवाल है दिल्ली जैसा महानगर प्रदूषित सूची से बाहर है और हम आज प्रदूषण की सूची में आ चुके हैं जो बेहद खतरनाक होने के साथ चिंता और चिंतन का विषय है । अब आना तो प्रदूषण नियंत्रण विभाग के अधिकारी को बीच में था।

परन्तु जैसा कि देवास में कोई भी काम हो कमिश्नर को बीच में लाया जाता है तो कमिश्नर ने भी अपनी बात रखी नगर निगम कमिश्नर का कहना है कि शहर में वायु प्रदूषण नियंत्रण में  हे । शहर में वायु प्रदूषण को लेकर हो रही विसंगतियों में चल रही चर्चा को लेकर निगम आयुक्त श्री विशाल सिंह चौहान ने बताया की शहर का वायु प्रदूषण प्रदेश की अन्य नगर निगम की अपेक्षा देवास में स्थिति सामान्य है। वर्तमान में दीपावली पर्व को लेकर पटाखे फोड़ने के कारण वायु में कुछ प्रदूषण हुआ है, लेकिन इससे पूर्व पूरी तरह से स्थिति सामान्य होकर नियंत्रित थी। उन्होंने कहा है की जल्द ही स्थिति पूरी तरह से सामान्य होगी।

आखिर सवाल उठ रहा है की देवास शहर की यह हालत क्यों है संबंधित प्रदूषण नियंत्रण विभाग कहीं नजर नहीं आता केवल मासिक आय तक सीमित रह गया है यहां तक कि कुछ समय के लिए तो देवास से प्रदूषण नियंत्रण विभाग तक उज्जैन शिफ्ट हो गया था अब आम आदमी शिकायत करें तो कहां करें और उज्जैन से देवास कैसे नियंत्रण में करेंगे वैसे इस विभाग को केवल मासिक वार्षिक विभाग माना जाता है जो अपना काम करके चले जाता है जिला प्रशासन द्वारा सबसे महत्वपूर्ण विभाग पर अपना नियंत्रण रखकर देवास के बिगड़े प्रदूषित माहौल को स्वच्छ करने का बीड़ा उठाना चाहिए वरना देवास की हालत और खराब हो जाएगी बाहर हाल एशिया में देवास का नाम आया भी तो सबसे प्रदूषित शहर में। ज्ञात हो कि बीच अंतर काल में कांग्रेस सरकार में इस विभाग के मंत्री भी हमारे देवास जिले के सोनकच्छ के विधायक सज्जन सिंह वर्मा रहे हैं उनके कार्यकाल में अधिकारियों को कॉफी हाउस पर घंटों बाहर इंतजार करते देखा जा सकता था। पूर्व भारतीय जनता पार्टी के रिश्तेदार एक अधिकारी जरूर बदले। परंतु विभाग में बदला कुछ नहीं सब वही का वही है ।आमजन जहर का घूंट महंगाई की समस्या के साथ प्रदूषण के रूप में भी पी रहा है। अभी हाल ही में जिला कलेक्टर चंद्रमौली शुक्ला ने एक पेट्रोल पंप जल प्रदूषण के कारण बंद कर दिया था जबकि औद्योगिक क्षेत्र इकाई में कई बस्तियां जल प्रदूषण से त्रस्त है जहां पर फैक्ट्रियों से उगलने वाले दूषित जल से उनको कई बीमारियां मुफ्त में मिल रही है उनकी सुनवाई कहीं नहीं हो रही है। विकास के साथ व्यवस्था में सुधार की आवश्यकता है अब विधायक और जिला प्रशासन से आमजन यही उम्मीद करता है कि वह इस विभाग में जैसे भी हो सुधार करें और जनता के लिए रोजगार के नाम पर जहर उगल रहे उद्योगों पर अंकुश लगाएं।

You may have missed