“*Black Ribbon Initiative*” “*संकल्प अभियान*” के तहत सायबर सुरक्षा विषय पर *566* वी कार्यशाला सम्पन्न, डॉ. कपूर का सम्मान
मध्यप्रदेश के ऐसे पुलिस अधिकारी जिन्होंने कुछ अलग हटकर सामाजिक क्षेत्र में भी पूरी मेहनत लगन से कार्य कर पुलिस विभाग के साथ अपनी भी प्रदेश में एक अलग पहचान बनाई है ऐसे ही डॉं. वरूण कपूर- अति. पुलिस महानिदेशक द्वारा सायबर अपराध से बचाव के लिये जन-जन को जागृत करने का संकल्प धारण कर “Black Ribbon Initiative” अभियान प्रारंभ किया गया था । इसी अभियान को आगे बढ़ाते हुये युवा पत्रकार एकता मंच एवं सेंट पॉल इंस्टीट्यूट ऑफ प्राफेशनल स्टडीज, इंदौर के तत्वावधान में सेंट पॉल इंस्टीट्यूट के सभागार में दिनांक 15.10.2022 को ”वर्तमान समय में बढ़ता सायबर अपराध, कारण और उपाय’’ विषय पर टाक-शो आयोजित किया गया । टाक-शो में डॉं. कपूर के अतिरिक्त श्री प्रतीक श्रीवास्तव-न्यूज एडिटर डिजियाना न्यूज, श्री अनिल त्रिवेदी- वरिष्ठ अधिवक्ता मान. उच्च न्यायालय, प्रो. गौरव रावल-सायबर विशेषज्ञ, डॉं. रामगुलाम राजदान-मनोरोग विशेषज्ञ, प्राचार्या डॉं. सिस्टर एलिस थॉमस, कु. विजय सिंह- अध्यक्ष म.प्र. युवा पत्रकार एकता मंच इंदौर एवं इंस्टीट्यूट के 105 छात्र-छात्रायें व 05 व्याख्यातागण तथा 15 अतिथिगणों ने भाग लिया । डॉं. कपूर ने सायबर सुरक्षा एवं जागरूकता के संबंध में जानकारी साझा करते हुये बताया कि राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरों के अनुसार सायबर अपराध में प्रतिवर्ष 84 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की जा रही है । यदि इतनी तेजी से सामान्य अपराधों में बढ़ोत्तरी होगी तो शहर में हमारा रहना मुश्किल हो जायेगा। सायबर अपराधों से बचने का एकमात्र उपाय है जागरूकता एवं सर्तकता । आपकी जागरूकता से सतर्कता आती और सतर्कता से सुरक्षा । सुरक्षा मापदण्डों की अनदेखी करते हुये हम ही सायबर अपराधी को अवसर उपलब्ध कराते हैं । हम ही गलत फाइल को डाउनलोड करते हैं । अनजान फ्रेण्ड रिक्वेस्ट को स्वीकार करते है । अनजान लिंक को ओपन करते हैं । ऐसी गतिविधि को वन-क्लिक वनरेबिलिटी कहा जाता है । इन गलतियों से बचने के लिये हम ही खुद को बचा सकते हैं । डिजिटल फुटप्रिंट के बारे में बताते हुये डॉं कपूर ने कहा कि डिजिटल फुटप्रिंट फिंगर प्रिंट से ज्यादा सशक्त होते हैं इन्हें मिटाया, छिपाया, हटाया एवं बदला नहीं जा सकता है । इसलिये अच्छे डिजिटल फुटप्रिंट बनाये जाने की आवश्यकता पर बल दिया । साथ ही आईटी एक्ट की प्रमुख धाराओं के अन्तर्गत धारा 67, 67-ए एवं 67-बी के प्रावधानों की जानकारी देते हुये बताया गया कि विडियो, फोटो के अलावा आपके द्वारा उपयोग किये जाने वाले अपशब्द भी अश्लीलता के दायरे में आते हैं । युवाओं द्वारा अनायाश ही नानवेज जोक्स एक-दूसरे को शेयर किये जाते हैं वे भी आईटी एक्ट की इन धाराओं में अपराध है । धारा 67-बी के अन्तर्गत चाईल्ड पोर्नोग्राफी कन्टेंट को डाउनलोड करना भी अपराध माना गया है । इसलिये सायबर स्पेश का उपयोग सोच-समझ कर करें । सायबर अपराधियों द्वारा संदेश/ईमेल भेजकर परेशान करना, फर्जी अकांउट बनाकर फंसाना जैसे कृत्यों को अंजाम दिया जा रहा है । इसलिये किसी भी अनजान व्यक्ति से संपर्क एवं फ्रेण्ड रिक्वेस्ट व व्हाटस्अप कॉल स्वीकार न करें । अनजान लिंक पर क्लिक न करें । किसी भी संदेश को फारवर्ड करने से पहले उसकी सत्यता की जॉंच करें और तभी शेयर/फारवर्ड करें। हम अपनी वास्तविक दुनिया की मानसिकता को आभासी दुनिया में लागू नहीं कर सकते है । वास्तविक दुनिया में हम पैदा होते है और आभासी दुनिया में हम कनेक्ट होते हैं । इस मानसिकता को बदलने की आवश्यकता है । आभासी दुनिया में जो हमें दिखाया सुनाया जाता है उसपर यदि हम विश्वास कर उसपर कार्यवाही करेंगे तो हमारे लिये नुकसानदायक हो सकता है । डॉं. वरूण कपूर के अतिरिक्त श्री अनिल त्रिवेदी, प्रो. गौरव रावल, डॉं. रामगुलाम राजदान द्वारा भी अपने विचार व्यक्त किये गये । म.प्र. युवा पत्रकार एकता मंच एवं सेंट पॉल इंस्टीट्यूट ऑफ स्टडीज, इंदौर द्वारा आरएपीटीसी एवं रेडियो शाखा के 11 पुलिस अधिकारियों एंव सेंट पॉल इंस्टीट्यूट के 5 फेकल्टी मेंबर को कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉं. कपूर के हस्ते सराहनीय कार्य के लिये सम्मान पत्र भेट कर सम्मानित किया गया । कार्यक्रम के अंत में प्राचार्या डॉं सिस्टर एलिस थॉमस एवं युवा पत्रकार एकता मंच के अध्यक्ष कु. विजय सिंह द्वारा डॉं. वरूण कपूर को सम्मान पत्र एवं स्मृति चिन्ह भेट किया गया ।
