डॉक्टर हनी ट्रैप कांड में हनी मैडम की गिरफ्तारी का इंतजार, कुछ और चिकित्सक और खास के नाम भी आ सकते हैं पुलिस की जांच में, भरोसा दोस्त ने दोस्ती का तोड़ा तो आम जनता का भी
भगत – बाबा डाक साहब को भी चूना लगा गई।
बाबा -लालच बुरी बला है डॉक्टर साहब भी जनता की नजर में तो जीरो हो ही गए क्यों लालच में आए क्या यही डॉक्टर की अपनी पहचान है ये आम जनता के साथ क्या सलूक करेंगे। आम जनता इनके यहां इलाज कराने किस भरोसे पर जाए।
भगत –बाबा हनी कौन है।
बाबा — यह आजकल की आधुनिक विषकन्या है जिनके कारण कई घर बर्बाद हो रहे हैं जो पुलिस के संरक्षण में चले गए वे थोड़े दिन के लिए बदनाम जरूर हो जाएंगे लेकिन ऐसी हनी जोया जरूर हवालात की हवा खाएगी।
भगत – कोरोना काल में भी कई डॉक्टर लालच के कारण चर्चा में आए थे और अब भगवान के घर देर है अंधेर नहीं का सच सामने ही जल्द आ रहा है।
बाबा– हां बेटा जब पूरा देश सेवा में जुटा था और कई चिकित्सक भी इमानदारी से अपना फर्ज निभा रहे थे तब कहीं लालची तत्व उस आपदा का फायदा उठा रहे थे और अब ईश्वर के यहां के डंडे से ऐसी मार पड़ रही है कि इनका इलाज भी अब कोई करने वाला नहीं मिल रहा है।
भगत– वकील साहब भी।
बाबा — आम जनता चिकित्सक और न्यायालय में न्याय दिलाने वाले अभिभाषक पर भी बहुत भरोसा करती है परंतु चिकित्सक हमारा भरोसा तोड़ते हैं तो वकील साहब ने चिकित्सक का भरोसा तोड़ दिया अब तोड़ तो पुलिस ही कर सकती है अगला वाला।
भगत —बाबा कई चिकित्सकों के क्लीनिक भी इनके नाम से ही चलते हैं ।
बाबा— बेटा चिकित्सा क्षेत्र में यह गोरखधंधा वर्षों से चल रहा है नामी चिकित्सक छोटी-छोटी जगह मोहल्ले कॉलोनी में भी अपने नाम के बोर्ड मिलने का समय तो केवल अवैध रूप से चल रहे हैं क्लीनिक को संरक्षण देने के लिए लगाते हैं और यही इनके एजेंट भी रहते हैं जो सीधे नर्सिंग होम में या इन बड़े चिकित्सकों के पास आम जनता को भेजते हैं ऐसा ही मामला था यहां पर देन लेन बराबर हो गया।
भगत— गांव में तो बंगाली बाबू की धूम है।
बाबा —सही बात है ग्रामीण क्षेत्र में बंगाल से आए मजदूर भी डॉक्टर कहलाने लग गए ग्रामीण क्षेत्र में मजबूरी का नाम भी बंगाली डॉक्टर है कई बार देर रात को इंजेक्शन से लेकर चलाई और छोटे-मोटे दवाई के लिए यह काम भी आ जाते हैं इस कारण ग्रामीण इनकी शिकायत भी नहीं करते वह तो बड़ी गलती होने पर फिर बंगाली बाबू की छुट्टी होती है ऐसे शहरी क्षेत्र में चिकित्सकों के यहां कंपाउंडर भी ग्रामीण क्षेत्र में डॉक्टर है।
भगत—- सरकारी चिकित्सालय भी तो है। बाबा—- बेटा सरकारी चिकित्सालय से कुछ चिकित्सक और कुछ स्टाफ के आर्थिक स्वार्थ के कारण आम जनता का विश्वास उठ गया है वरना इस समय शासकीय चिकित्सालय में निजी नर्सिंग होम से ज्यादा सुविधा है परंतु यहां के चिकित्सकों और स्टाफ का ह्रदय परिवर्तन आवश्यक है जब मैं दिल से कार्य करने लगेंगे तो आमजन को निजी चिकित्सालय में नहीं जाना पड़ेगा। देवास में अधिकांश नर्सिंग होम शासकीय चिकित्सकों के ही है उसमें से कई तो अभी भी अच्छा कार्य कर रहे हैं।
भगत —–कोरोना आपदा में मजबूर जनता से चूसा हनी जोया चूस गई बाकी सयाने मतलबी दोस्त चूस गए ।
बाबा —-सही बात है डेढ़ स्याने कितना ही कुछ कर ले आखिर में पिक्चर पिटा ही जाती है ऐसा ही कुछ यहीं पर हुआ सेवा के क्षेत्र में मौज मस्ती का अंजाम यही होना था और मौज मस्ती के साथी भी तो मौज मस्ती कर गए। जैसी संगत वैसा फल अगर यही सत्संग में दोस्त बनते तो जीवन भर काम आते हैं ।
भगत -बाबा और भी चिकित्सक हैं जिनका नाम आज भी सेवा में चलता है।
बाबा— हां बेटा आज भी चिकित्सा क्षेत्र में कई चिकित्सकों का नाम आदर सम्मान के साथ और सेवा के क्षेत्र में लिया जाता है ऐसा नहीं है कि कुछ मछलियों के कारण पूरा क्षेत्र खराब हो जाए इससे तो और तालाब साफ होगा सब को सुधारने का मौका मिलेगा जो इस दिशा में आगे बढ़ रहे हैं। कहीं ना कहीं सुधार कर ले आम जनता भगवान के बाद चिकित्सक को भगवान मानती है आज भी भले ही आर्थिक प्रभाव के कारण परंतु सेवा के नाम से ही चिकित्सक को देखा जाता है और देखा जाएगा कुछ मछलियां हनी ट्रैप कुछ इनकम टैक्स और कुछ ईश्वर सीधे जाल में फसाकर उनके अंजाम तक भेज देता है। अभी भी चिकित्सकों के लिए और इस क्षेत्र से जुड़े सभी सेवाभावी लोगों के लिए यह एक सतर्क सजग रहने वाला प्रकरण है। और डॉ पवन चिलोरिया एक काम ठीक किया की पुलिस की शरण में चले गए आमजन को भी मतलबी दोस्तों की जगह सीधे आम जनता के दोस्त पुलिस की सहायता लेना चाहिए । इससे सबक ले ले और सेवा के क्षेत्र को सेवा का क्षेत्र ही रहने दे बस अभी तो इतना ही अभी और भी फाइल खुलने जा रही है ।कई चेहरे सामने आ सकते हैं मिलते हैं फिर कलयुग टाइम में बाबा जी नमस्कार जय हिंद जय भारत।
