नगर निगम का हो रहा डैम के संधारण पर खर्च और निजी संस्था कर रही निशुल्क उपयोग
देवास। नगर निगम की माली स्थिति को देखते हुए सामाजिक कार्यकर्ता ललित चौहान ने मंगलवार को कलेक्टर कार्यालय में मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा, जिसमें मांग की है कि निगम को मिले पानी के बिल को माफ किया जाए और निजी संस्था द्वारा डैम का उपयोग निशुल्क किया जा रहा है। उस संस्था से निगम राशि वसूले। आवेदन में श्री चौहान ने बताया कि नगर पालिक निगम देवास कि आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है। उस पर कार्यपालन यंत्री नर्मदा विकास संभाग क्रमांक 32 बड़वाह जिला खरगोन द्वारा पानी का बिल जो कि तकरीबन 4,90,0000000 / – चार सौ नब्बे करोड़ से अधिक का बिल दे दिया गया है, जब कि नगर पालिका निगम देवास को जलकर से वार्षिक राजस्व मात्र तकरीबन 7,50,00000 / – साढ़े सात करोड़ रुपए ही प्राप्त हुआ है। ऐसे में निगम के लिए इतना बिल जमा करना संभव नहीं है और ना ही न्याय संगत है। निगम देवास को कार्यपालन यंत्री नर्मदा विकास संभाग क्रमांक 32 बड़वाह जिला खरगोन द्वारा अनुबंध का प्रारूप प्रेषित किया गया था, जिसमें जलकर की जो दरे अंकित कि गई है वह भी आश्चर्यचकित कर देने वाली है, निगम देवास को 22.60 पैसे प्रति हजार लिटर के हिसाब से दर तय की गई है। जब कि नर्मदा शिप्रा लिंक परियोजना से देवास स्थित डेम में प्रवाहित जल की दर 20 पैसे प्रतिघन मीटर होनी चाहिए। जो कि नगर पालिक निगम देवास हित में होगी। चौहान ने आवेदन के माध्यम से एक और गंभीर विषय बताया कि नगर पालिक निगम देवास द्वारा शिप्रा जल आवर्धन योजना अंतर्गत स्टॉप डेम का निर्माण करवाया गया है, जिसका उपयोग निजी संस्था देवास वाटर प्रोजेक्ट द्वारा भी किया जा रहा है। जबकि शिप्रा बैराज का संधारण का पूर्ण खर्च निगम देवास उठाती है, जो कि तकरीबन 25 लाख से अधिक रुपए साल का खर्च आता है। देवास वाटर प्रोजेक्ट निजी संस्था को बैराज का उपयोग करने की अनुमति भी शासन ने दी है। वह भी निशुल्क, जो कि निगम एवं शहर हित में नहीं है। शिकायतकर्ता श्री चौहान ने मांग की है कि निगम देवास को जलकर के रूप में मिले बिल को माफ करें एवं निजी संस्था देवास वाटर प्रोजेक्ट जो शिप्रा बैराज का नि शुल्क उपयोग कर रही है उससे एक तय राशि शुल्क के रूप में निगम को दिलाई जाए जो कि बैराज के संधारण पर वार्षिक रूप से खर्च की जा सके। जिससे कि निगम की आर्थिक स्थिति में सुधार हो सके
