सभापति के दावेदारों पर सबकी नजर, चाहने वाले कर रहे मदद और विरोधी बिगाड़ रहे खेल, देखिए कौन हे दावेदार और कौन बन रहा है चुनौती
महापौर के चुनाव में भाजपा कांग्रेस आमने-सामने है दोनों में मुकाबला कड़ा है अब इसके बाद बचता है देवास में नगर निगम सभापति का मुख्य सभापति का पद। सभापति का पद भी महत्वपूर्ण होता है नगर निगम में और इसके लिए वार्ड से पार्षद चुनकर आना जरूरी है ,दूसरा पार्षद ही सभापति चुनते हैं। अब देवास में महापौर टिकट के दावेदार को जब टिकट नहीं मिला तो वे अब सभापति के लिए ही पार्षद का चुनाव लड़ रहे हैं। सभापति के लिए भारतीय जनता पार्टी में वार्ड क्रमांक 10 से लगातार एक ही वार्ड में टिकट लेकर चुनाव जीतने वाले पप्पू जोशी ने इस बार अपनी पत्नी अर्पणा जोशी को टिकट दिलाया है। सामने कांग्रेस के दमदार उम्मीदवार दिग्गी झाला जो लगातार वार्ड में इन से टक्कर ले रहे हैं और पूरे 5 वर्ष मैदान में डटे रहते हैं। उनकी माताजी गोविंद कुमार झाला से कड़ा मुकाबला हे ।और कांग्रेस पार्टी के ही बागी उम्मीदवार लकी ने अपनी माता जी को निर्दलीय खड़ा कर समीकरण बिगाड़ दिए हैं ।
वार्ड 12 से राजेश यादव के सामने कांग्रेसी प्रत्याशी राजेश जायसवाल है तो यहां इनके लिए निर्दलीय मुकेश जैन रोड़ा बन गया है मुकेश जैन से विवाद भी पूरे शहर में चर्चा का विषय रहा कहीं तो यह कहा जा रहा है कि इस बार मुकाबला भाजपा ने निर्दलीय में हो सकता है अंतिम समय कुछ कहा नहीं जा सकता।
वार्ड 16 से गणेश पटेल जिनके सामने विमल चौधरी कड़ी टक्कर दे रहे हैं यहां पर पांच निर्दलीय ने सारे समीकरण बिगाड़ दिया है ।और गणेश पटेल पहले हार का स्वाद चख चुके हैं इस बार सभापति के दावेदार तो है ही बस चुनाव की जैसे तैसे जीतना ही चाहते हैं सारी ताकत लगा दी है इस वार्ड में उन्होंने।
अब चौथे नंबर पर आते हैं वार्ड 25 से मनीष सेन जिनके सामने भी निर्दलीय संकेत राय जिनकी माताजी स्वर्गीय लता राय में पार्षद रही है मनीष यहां से दूसरी बार अपना वार्ड छोड़कर चुनाव लड़ रहे हैं इनके सामने कांग्रेसमें युवा मयंक जैन हैं जिनके लिए पूर्व महापौर जय सिंह ठाकुर मेहनत कर रहे हैं इस तरह मनीष सेन को भी ज्यादा मेहनत करना पड़ रही है इनके वार्ड में भी निर्दलीय समीकरण बिगाड़ सकते हैं।
वार्ड 26 से रवि जैन जिनका अंतिम समय में महापौर के लिए टिकट कटा उसके बाद उनको पूर्व महापौर सुभाष शर्मा के पुत्र विमल शर्मा का टिकट काटकर दीया इनके सामने कांग्रेस ने महिला प्रत्याशी अलका शर्मा को टिकट देकर मुकाबला रोचक बना दिया यहां निर्दलीय पंकज सोनी भी भाजपा के लिए ही नुकसानदायक है फिर भितरघात का सबसे ज्यादा खतरा है ।क्षेत्र में रवि जैन नए नहीं है परंतु पुराना राजनीति परिवार का इस वार्ड में वर्चस्व रहा है ,वह और शहर के कई नेता जो इनको सभापति नही देखना चाहते हैं यहां समीकरण बिगाड़ रहे हैं।
वार्ड क्रमांक 40 जहां से भारतीय जनता पार्टी ने धर्मेंद्र सिंह बेस बेस्ट को टिकट दिया है धर्मेंद्र सिंह पहले महापौर के लिए अपनी पत्नी के टिकट के लिए अंतिम समय तक प्रयासरत रहे समझौते में बाहर का वार्ड मिला यहां पर उनको कड़ी टक्कर संजय का हार दे रहे हैं तो अपने ही दो निर्दलीय समीकरण बिगाड़ रहे हैं धर्मेंद्र सिंह सभापति के प्रबल दावेदार है।
पूर्व सभापति अंसार अहमद हाथी वाले यदि किसी विवाद की स्थिति में सभापति के दावेदार उनके पुत्र मुस्तफा के सामने शशि कला ठाकुर पट्टी पहाड़ा लेकर खड़ी है पूर्व पार्षद रईस भी मैदान में है कि केक ने स्वाद बिगाड़ दिया है सामने रियाज नागौरी कांग्रेस के दमदार से चुनाव लड़ रहे हैं । अब आते हैं कांग्रेस में तो यहां पर प्रमुख दावेदार मैं पूर्व में कई नामी नेता बाहर हो गए हैं । कांग्रेस में इस बार नए चेहरों को बहुत ज्यादा मौका दिया है ।
वार्ड 11 नंबर पर आकर राहुल की माताजी अहिल्या पवार को दूसरी बार मौका मिला है यहां इनका सीधा मुकाबला जयमाला से है राजानी के सबसे खास समर्थक में उनका नाम है । वार्ड नंबर 20 से दूसरी बार लल्ला यादव मैदान में है यह प्रदेश नेता अरुण यादव का टिकट है इनके सामने अजय तोमर और पांच निर्दलीय खड़े है। तीसरा नंबर है वार्ड 27 का जहां दो बार पार्षद का चुनाव जीतने के बाद तीसरी बार फरजाना आबिद खान जो पूर्व मंत्री सज्जन वर्मा के खास है इनके हैट्रिक बनने के साथ दावेदारी भी प्रबल हो जाएगी इनके सामने शकील अपना की पत्नी निजार शेख है सीधा मुकाबला है एक निर्दलीय है । वार्ड 28 से अजीत भल्ला सबसे वरिष्ठ नेता है भाजपा से भूपेश ठाकुर और निर्दलीय उनकी राह में रोड़ा है। वार्ड क्रमांक 30 से हारून शेख जिनका अभी तक पांच नगर निगम के चुनाव में कभी स्वयं तो कभी पत्नी बहू बेटे को पार्षद बनाकर वार्ड में कब्जा बरकरार रखा है। सभापति के दावेदार के लिए ही वह इस बार अपने बेटे को चुनाव ना लड़ाते हुए स्वयं लड़ रहे हैं परंतु इस बार भारतीय जनता पार्टी के शीतल गहलोत ने खम ठोक कर स्वयं इस बार से टिकट लाकर उनके सामने चुनौती खड़ी कर दी है। सभापति के पहले शीतल गहलोत चुनौती बन गए हैं। कांग्रेस में ही वार्ड 36 से कांग्रेसी नेता शौकत हुसैन की बहू अमरीन वसीम चुनाव लड़ रही है जिनके सामने भाजपा नेता अफजल खान की बहू फरहीन आबिद जो पिछले कई वर्षों से इस वार्ड में तैयारी कर रहे थे मैदान में टक्कर दे रहे हैं ।यहीं पर निर्दलीय पूर्व पार्षद निशा अकील हुसैन जो पूर्व पार्षद रह चुकी है और उनके पति भी इस वार्ड से पार्षद रह चुके हैं इनका दावा मजबूत था परंतु कांग्रेस बगावत के कारण इस बार फिर टिकट टिकट गया इस वार्ड में मुकाबला त्रिकोणीय है। इस तरह भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस में सभापति के दावेदार के सामने कहीं निर्दलीय तो कहीं अपने ही भीतरघात कर चुनौती खड़ी कर रहे हैं। कांग्रेस ने जहां कई नामी नेता के टिकट काटकर दावेदार ही समाप्त कर दी तो भारतीय जनता पार्टी में भी यही हाल है कुछ टिकट जरूर महापौर के टिकट कटने और सीधे प्रदेश अध्यक्ष वी डी शर्मा और जिलाध्यक्ष के कोटे में गए हैं जिसके कारण पूर्व के कुछ भी नेता को मौका मिला है इस बार नए चेहरों को भी सभापति का मौका मिल सकता है यदि नामी नेता चुनाव में प्रदर्शन अच्छा नहीं कर सके तो। नगर निगम में सभापति और महापौर का पद महत्वपूर्ण है राजनीति दृष्टि से देखा जाए तो पूर्व सभापति स्वर्गीय रतन लाल चौधरी जी को विधानसभा देवास का टिकट मिला उसके बाद पूर्व महापौर जय सिंह ठाकुर और पूर्व महापौर पति हारून शेख और रेखा वर्मा को टिकट मिला है पूर्व महापौर जय सिंह ठाकुर को तो दो बार देवास से विधानसभा का टिकट मिल चुका है वहीं भारतीय जनता पार्टी के पूर्व सभापति सुभाष शर्मा को महापौर का टिकट मिला और महापौर भी बने इसलिए देवास सभापति और महापौर का पद बहुत मायने रखता है । सभापति की दौड़ में ऊपर चर्चित चेहरे अपना भाग्य आजमा रहे हैं अब देखना है इनमें से किस का भाग्य जागता है या परिस्थिति अलग होने पर नया चेहरा सभापति पद की शोभा बढ़ाता है।
