(नगरीय निकाय निर्वाचन-2022) कलेक्‍टर श्री शुक्‍ला ने जिले की बागली, करनावद, हाटपीपल्या, कन्नौद, सतवास, लोहारदा, कांटाफोड, खातेगांव एवं नेमावर नगर परिषद से बाहरी व्यक्तियों को नगर परिषद क्षेत्र की सीमा छोड़ने के दिये आदेश —————– मतदान समाप्ति तक सम्बन्धित नगर परिषद क्षेत्र में जुलूस, रैली, आमसभा प्रतिबंधित

————- रात्रि 10 बजे से प्रातः 06 बजे तक घर-घर जाकर प्रचार, एस.एम.एस., व्हाट्सप कॉल, लाउड स्पीकर के माध्यम से प्रचार प्रतिबंधित ————— देवास 04 जुलाई 2022/ कलेक्‍टर श्री चन्‍द्रमौली शुक्‍ला ने दण्‍ड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा 144 में प्रदत्‍त शक्तियों का प्रयोग करते हुए देवास जिले की राजस्व सीमा क्षेत्र आने वाली बागली, करनावद, हाटपीपल्या, कन्नौद, सतवास, लोहारदा, कांटाफोड, खातेगांव एवं नेमावर नगर परिषद की सीमा क्षेत्र अन्तर्गत स्वतन्त्र एवं निष्पक्ष रूप से निर्वाचन सम्पन्न कराने के लिए निर्वाचन अभ्यर्थियों एवं उनके निर्वाचन अभिकर्ताओं को छोड़कर निर्वाचन प्रचार की कार्यवाही में संलग्न ऐसे सभी राजनैतिक दलों के पदाधिकारीयों कार्यकर्ताओं एवं हॉटल-लॉज-धर्मशालाओं में ठहरे बाहरी व्यक्तियों जो उस नगर परिषद क्षेत्र में मतदाता नहीं है, उन्हें निर्वाचन समाप्ति के 48 घण्टे पूर्व अर्थात 04 जुलाई सायं 05 बजे से मतदान समाप्ति तक सम्बन्धित नगर परिषद क्षेत्र की सीमा छोड़ने के लिए आदेश दिये है। जिले में नगरीय निकाय निर्वाचन के प्रथम चरण में बागली, करनावद, हाटपिपल्या, कन्नौद, सतवास, लोहारदा, कांटाफोड, खातेगांव एवं नेमावर नगर परिषद में 06 जुलाई को मतदान सम्पन्न होना है। कलेक्‍टर श्री शुक्‍ला ने आदेश दिये है कि निर्वाचन समाप्ति के 48 घण्टे पूर्व से मतदान समाप्ति तक सम्बन्धित नगर परिषद क्षेत्र में जुलूस, रैली, आमसभा प्रतिबंधित रहेगी। इसके अतिरिक्त आदर्श आचरण सहिंता की अवधि के दौरान रात्रि 10 बजे से प्रातः 06 बजे तक के मध्य प्रचार अभियान जिसमें घर-घर जाकर प्रचार करना, एस.एम.एस., व्हाट्सप कॉल, लाउड स्पीकरो आदि के माध्यम से भी प्रचार प्रतिबंधित रहेगा। उपर्युक्त प्रतिबन्ध निर्वाचन आयोग द्वारा अधिकृत चुनाव कार्य में संलग्न अधिकारियों कर्मचारियों एवं विधि एवं व्यवस्था सम्बन्धी ड्यूटी में संलग्न पुलिस कर्मियों पर लागू नहीं होगा। अत्यन्त विशेष परिस्थितियों में सक्षम प्राधिकारी सन्तुष्ट होने पर किसी आवेदक को इस आदेश के प्रतिबंधों से छूट प्रदान कर सकेंगे। यह प्रतिबन्ध पूर्व में किसी नियम अधिनियम आदेश के तहत जारी प्रतिबंधात्मक आदेशों के अतिरिक्त होगे अर्थात इस आदेश के पूर्व में जारी सभी प्रतिबंधात्मक आदेश भी यथावत लागू रहेगे। इस आदेश का उल्लंघन भारतीय दण्ड संहिता 1860 एवं जनप्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 के तहत दण्डनीय अपराध होगा।

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