किसानों से अधिक काटी हम्माली दर – भुगतान पत्रक के आधार पर मंडी सचिव को कार्रवाई के लिए दिया आवेदन, किसानों के साथ समस्या आम बात
देवास। कृषि उपज मंडी में किसानों के साथ लूट का खेल थम नहीं रहा है। हम्माली की दरें मंडी बोर्ड ने निर्धारित की हुई है, लेकिन यहां एक फर्म द्वारा मनमर्जी से इसकी राशि काटी जा रही है। मामले में भारतीय किसान संघ के पूर्व जिला अध्यक्ष जगदीश नागर ने संबंधित फर्म पर कार्रवाई के लिए मंडी सचिव प्रवीण चौधरी को आवेदन दिया है। आवेदन में श्री नागर ने बताया कि अनुज्ञप्तिधारी फर्म परी एग्री ग्रेन इंडस्ट्रीज प्रालि के प्रोपाइटर ने किसान के बिल भुगतान पत्रक में अधिक राशि काटी है। मंडी समिति द्वारा तय तुलाई हम्माली की प्रति बोरी 90 किलो की होने पर 10 रुपए 80 पैसे लेना चाहिए। उक्त फर्म ने 60 किलो की बोरी के भी 10 रुपए 80 पैसे किसान के बिल भुगतान से काटे हैं। एक किसान ने 30 मार्च को मंडी में 73.14 बोरी गेहूं बेचा, जिसका कुल वजन 43.94 क्विंटल है। यह गेहूं 2007 रुपए के हिसाब से बिका, जिसकी कुल राशि 88 हजार 187 रुपए है। इसमें हम्माली दर 10 रुपए 80 पैसे के हिसाब से 788 रुपए 40 पैसे काटी गई। जबकि गेहूं का वास्तविक वजन 43.94 क्विंटल है और 90 किलो की भरती से 49 बोरी होती है। इस आधार पर 529 रुपए ही हम्माली दर लेना थी, लेकिन फर्म ने किसान से 259.20 रुपए लिए। श्री नागर ने बताया कि उक्त व्यापारी के प्रतिदिन 130-150 बिलों का भुगतान पत्रक मंडी समिति में जमा होते हैं। इस प्रकार औसतन प्रतिदिन इस फर्म द्वारा किसानों से 36 हजार रुपए से अधिक की लूट हो रही है। श्री नागर ने बताया कि पूर्व में भी किसान प्रतिनिधि मंडल ने मंडी प्रशासन को अवगत कराया और समाचार पत्र में भी इसका प्रकाशन हुआ था। इसके बाद भी मंडी प्रशासन ने व्यापारी फर्म पर कोई कार्रवाई नहीं की। व्यापारी द्वारा सोच-समझकर भोले-भाले किसानों की अधिक राशि काटी जा रहे है। व्यापारी पर कार्रवाई करते हुए सारे लाइसेंस रद्द किए जाना चाहिए। अगर कार्रवाई नहीं होती है तो आंदोलन किया जाएगा। इस संबंध में मंडी सचिव प्रवीण चौधरी का कहना है कि हमें आवेदन प्राप्त हुआ है। संबंधित फर्म को पहले भी नोटिस दिया था। अब फिर से नोटिस दे रहे हैं। इसके बाद आगे की कार्रवाई की जाना चाहिए।
