एक सप्ताह से मुख्यमंत्री शिवराज के बिना इन सियासी मुलाकातों से कई राज नेताओं की धड़कन बड़ी …
दिल्ली में इन दिनों हो रही आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत सहित तमाम संघ के शीर्ष नेताओं की बैठक और उप्र में चल रहे मिशन भाजपा के बदलाव के बीच मध्यप्रदेश में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की गैर मौजूदगी में पिछले एक हफ्ते से चल रही नेताओं की सियासी मेल-मुलाकातों ने मप्र की राजनीति को गर्मा दिया है। इन सियासी मेल-मुलाकातों के केंद्र विन्दु में गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा और केंद्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल हैं। इस सियासी हलचल ने तब सुर्खियां और पकड़ीं जब अचानक दिल्ली में केंद्रीय मंत्री पटेल से भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा, प्रदेश संगठन मंत्री सुहास भगत और सह संगठनमंत्री हितानंद शर्मा ने मेल-मुलाकात की। इसके बाद भाजपा के राष्ट्रीय सह संगठन मंत्री एवं मप्र प्रभारी शिवप्रकाश द्वारा मप्र में पार्टी नेताओं से अलग-अलग फीडबैक लेना, भाजपा राष्ट्रीय महामंत्री कैलाश विजयवर्गीय द्वारा पहले भोपाल में गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा से और फिर दिल्ली पहुंचकर केंद्रीय मंत्री पटेल से मुलाकात करना और फिर भाजपा के पूर्व राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रभात झा और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा की गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा से अलग-अलग बंद कमरे में राजनीति चर्चा ने मप्र की सियासत को गर्मा दिया। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और मप्र में भाजपा सरकार की पुर्न-वापसी के मुख्य किरदार राज्यसभा सदस्य ज्योतिरादित्य सिंधिया के बिना भाजपा के दिग्गज नेताओं की इन सियासी मेल-मुलाकातों के क्या राजनीतिक निहितार्थ हैं? यह मप्र में नेतृत्व परिवर्तन या फिर संगठन में बदलाव की कवायद है, यह तो वक्त ही बताएगा? लेकिन अंदरूनी तौर पर शिवराज के विरोधी माने जाने वाले इन नेताओं की लगातार राजनीतिक मेल-मुलाकातों ने मप्र की भाजपाई राजनीति का पारा तो चढ़ा ही दिया है…।
