इलाज के अभाव में 5 वर्ष के मासूम बालक ने दम तोड़ा मजबूर पिता हॉस्पिटल से हॉस्पिटल उपचार के लिए भटकते रहे परिजन ने निजी चिकित्सालय के खिलाफ कार्रवाई को लेकर प्रशासन से लगाई गुहार, अब प्रशासन को भी निजी चिकित्सालय का भी शीघ्र करना चाहिए अधिग्रहण तभी सुधरेंगे हालात
मानवता शर्मसार हो रही है और आमजन का दर्द समझने वाला अब दर्द पर मरहम की जगह दर्द बढ़ा रहा है जिन चिकित्सकों को आमजन भगवान का दर्जा देते थे वे अब इंसान सा व्यवहार भी नहीं कर रहे हैं ।हालात कितने खराब हो गए हैं कि अब मासूम बच्चे भी इलाज के अभाव में दम तोड़ रहे हैं ऐसा ही दर्दनाक हादसा दुर्वास गुप्ता पांच वर्ष मासूम के साथ हुआ उसके पिता हेमंत गुप्ता देवास के प्राइवेट हॉस्पिटल में केवल उपचार के लिए भटकते रहे जहां उन्हें उपचार तो नहीं मिला बल्कि मिला तो ऐसा दर्द जिसे वह जीवन भर नहीं भूल पाएंगे पदम मोहन कॉलोनी में रहने वाले मोहन भाई नमकीन वालो का इकलौता पोता दुर्वास को पेट दर्द हुआ तो वे उपचार के लिए देवास के निजी चिकित्सालय गगरानी अस्पताल ले गए जहां डॉ नीलेश गगरानी ने उपचार किया और घर जाने के बाद फिर उसकी तबीयत बिगड़ी तो गगरानी अस्पताल ने भर्ती करने से मना कर दिया उसके बाद परिजन देवास के सभी निजी चिकित्सालय में भटकते रहे संस्कार हॉस्पिटल विनायक हॉस्पिटल सिटी हॉस्पिटल सभी दूर गए परंतु किसी ने भी भर्ती नहीं कर कोई न कोई कारण बता दिया जिस गगरानी हॉस्पिटल में है सुबह उपचार कराया था वहीं पर शाम को डॉक्टर नहीं होने का कारण बताकर उपचार से मना कर दिया कहीं पर जगह खाली नहीं है कहीं पर डॉक्टर नहीं है इस तरह के नकारात्मक जवाब सुन सुनकर परिजन हताश हो गए और मासूम में आखिर समय से पहले यह दुनिया छोड़ दी और दर्द दे गया अपने पूरे परिवार को इस अमानवीय तरीके से चिकित्सा क्षेत्र के नानी चिकित्सकों द्वारा इस तरह के व्यवहार से आमजन में चिकित्सकों के प्रति आक्रोश बढ़ता जा रहा है क्या इतनी जगह नहीं थी बच्चे का दम तोड़ते समय तो इतने बड़े नामी अस्पताल जगह दे देते। चिकित्सा क्षेत्र की दुर्दशा बताता यह पहला ऐसा नहीं है देवास में रोज कोई न कोई ऐसी घटना हो रही है जो उपचार के अभाव में दम तोड़ रहे हैं। परंतु दुखी परिवार किसके पास जाए वे भगवान न्याय करेगा यह कह कर घर पर गमगीन हो कर बैठे बैठ जाते हैं दुर्वास के परिजन ने इसकी शिकायत जिला कलेक्टर चंद्रमौली शुक्ला से की है।
उनको दुख है इतने सारे प्राइवेट अस्पताल होने के बाद भी किसी ने उपचार नहीं किया उनका कहना है हमारा बच्चा तो चला गया किसी अन्य के बच्चे की इलाज के अभाव में मौत ना हो
इनके साथ शहर कांग्रेस अध्यक्ष मनोज राजानी वरिष्ठ नेता शौकत हुसैन दिलीप दादू चंद्रपालसिंह छोटू इम्तियाज़ शेख भल्लु भी मौजूद थे ।अब जिला प्रशासन को सख्त रवैया अपनाकर देवास के निजी चिकित्सालय का अधिग्रहण कर अपने अधीन ले लेना चाहिए और जब तक कोरोना आपदा है। तब तक इनको प्रशासन के अधिकारी ही संचालित करें नहीं तो ऐसी दुखद घटना है रोज हो रही हो और उपचार के अभाव में गरीब परिवार मजदूर परिवार दम तोड़ रहे हैं । अब तक शासन प्रशासन को सख्त कदम उठाना चाहिए वरना जनता अपना आपा खो देगी इंदौर प्रशासन ने शहर के सभी निजी चिकित्सालय में को भी अपने अधीन कर संचालित कर रही है। अब देवास प्रशासन को भी दे नहीं करना चाहिए।