लसूड़िया छत्रधार गांव की अनूठी पहल, नुकता (मृत्यु भोज) पर अंकुश कर छोटे रूप में करने का प्रयास
देवास। पूर्व सरपंच रुबाबुसिंह पंवार एवं हेमसिंह पंवार व अन्य भाई दिलीप सिंह, भारतसिंह, मनोहर सिंह, शेरसिंह, लाखन सिंह, जितेंद्र सिंह, विरेंद्र सिंह ने अपने समाज, ग्राम के साथ-साथ अन्य बंधुओं के लिए एक नई पहल कर ग्राम व समाज में बदलाव का नया संदेश दिया। गौरतलब है कि लसूड़िया छत्रधार निवासी पंवार परिवार में इन भाईयों की माताजी एवं राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, देवास जिला बौद्धिक प्रमुख कपिलसिंह पंवार की दादीजी श्रीमती दीपाबाई सूरतसिंह एवं गेंदाबाई जुवानसिंह का स्वर्गवास एक के बाद एक 2 व 3 मई को हो गया था। उसके पश्चात 12वें के दिन मृत्यु भोज का आयोजन होना शेष था। लेकिन सभी भाइयों ने पगड़ी रस्म को सूक्ष्म स्वरूप में करने का निर्णय लेकर ग्राम व समाज के सामने नई चुनौती स्वीकार कर ग्राम को नई दिशा देने का प्रयत्न किया। पवार परिवार के द्वारा पूज्य माताजी की स्मृति में सेवा भारती को 5,100 रुपये की राशि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ देवास के जिला संघचालक मनोहर विश्वकर्मा, ग्रामीण खण्ड कार्यवाह सुरेंद्रसिंह पटेल को सोंपी गई। साथ ही मृत्यु भोज में खर्च होने वाली राशि को गांव के श्रीराम मंदिर लसूड़िया छत्रधार हेतु राशि 4,50,000/- चार लाख पचास रुपए एवं श्री गणेश मंदिर में 50,000/- पचास हजार रुपये, मंदिर पुजारी को चैक के माध्यम से भेंट कर क्षेत्र में मृत्यु भोज को सूक्ष्म रूप में करने का सकारात्मक सन्देश दिया। इस पहल की सर्वत्र लोगों द्वारा सराहना की जा रही है। नुक्ता जैसी प्रथा में दिवगंत आत्मा हेतु शांति पाठ कर अत्यंत छोटे स्वरूप में कार्यक्रम करने का संकल्प लेते हुए ग्राम के अन्य लोगों से भी भविष्य में ऐसे आयोजनों पर इस प्रकार का योगदान देने की बात कही गई।
