दमोह विधानसभा उपचुनाव में 800 शिक्षक-शिक्षिकाओं की लगाई थी ड्यूटी 200 संक्रमित, 14 शिक्षकों की मौत

पिछले वर्ष देवास में उपचुनाव हुए थे उसके बाद हाटपिपलिया मैं इतने हालात खराब नहीं हुए हैं जितने इस बार दमोह मे वायरस संक्रमण की दूसरी लहर में दमोह विधानसभा उपचुनाव कराना जानलेवा साबित हो गया है। चुनाव के दौरान राजनीतिक दलों का मैनेजमेंट देख रहे कई नेताओं के साथ 200 शिक्षक संक्रमित पाए गए हैं। इनमें अब तक 14 शिक्षकों की मौत हो चुकी है।
उपचुनाव में दमोह जिले के 800 शिक्षक-शिक्षिकाओं की ड्यूटी लगाई थी। बताते हैं कि 100 शिक्षक अब भी कोरोना संक्रमित होकरे जीवन-मृत्यु की जंग लड़ रहे हैं। हम बता दें कि पूर्व मंत्री बृजेंद्र सिंह राठौर, महिला कांग्रेस की प्रदेशाध्यक्ष मांडवी चौहान, पूर्व बीजेपी जिलाध्यक्ष दमोह देवनारायण श्रीवास्तव कोरेाना संक्रमण मौत हो चुकी है। कोरोना संक्रमण से चुनावी ड्यूटी के दौरान मरे शिक्षकों के परिजनों का आरोप है कि राज्य सरकार और जिला प्रशासन ने अब तक उनकी सुध नहीं ली।
इन परिजनों का आरोप है कि पीडि़त शिक्षक को अस्पतालों में बेड तक नहीं मिले। मजबूरन कई शिक्षकों को जबलपुर और सागर जाकर इलाज कराना पड़ रहा है। अध्यापक संगठन के प्रांताध्यक्ष आरिफ अंजुम ने आरोप लगाया कि दमोह जिले में अब तक 45 शिक्षकों की कोरोना संक्रमण से मौत हो चुकी है, जिसमें चुनाव ड्यूटी में सबसे ज्यादा शिक्षकों की मौत हुई है। ऐसे शिक्षकों को कोरोना योद्धा के तहत 50 लाख रुपए की राशि और अनुकंपा नीति का लाभ दिया जाएं। डीईओ एचएन नेमा ने बताया कि 43 शिक्षकों की कोरोना से मौत की जानकारी मिली है। लेकिन चुनाव ड्यूटी में संक्रमित होने से मौत का कोई रिकार्ड नहीं है। मतदान के दिन ही मौत हो गई बटियागढ़ के शासकीय प्राथमिक शाला पिपरिया घनश्याम में पदस्थ शिक्षक जमना प्रसाद की मतदान वाले दिन 17 अप्रैल को मौत हो गई। उनकी पत्नी रामदुलारी ने बताया चुनावी काम के लिए कलेक्टोरेट में उनकी डयूटी लगी थी, तभी उनकी तबीयत बिगड़ गई थी और मतदान के दिन ही उनकी मौत हो गई। छह शिक्षक जिनकी चुनाव ड्यूटी में कोरोना से मौत हो गई जानकारी के अनुसार दमोह विधानसभा उपचुनाव के दौरान चुनाव ड्यूटी करते हुए कर्ई शिक्षक कोरोना संक्रमित हो गए या फिर उनकी संक्रमण से मौत हो गई। इनमें शिक्षक लालसिंह ठाकुर, हरिराम प्रजापति, बृजकिशोर समदरिया, अरविंद जैन, जमना प्रसाद और भरत कुमार चौरसिया की चुनाव के दौरान ड्यूटी लगी और कोरोना संक्रमित होने के बाद इनकी मौत हो गई। इनमें से किसी की मतदान के दिन, तो किसी की मतदान के बाद कोरोन संक्रमण से मौत होने की जानकारी है। इन 8 शिक्षकों को भी नहीं बचा पाए डॉक्टर प्राइमरी स्कूल बरी कनौरा में पदस्थ शिक्षक दिनेश प्रधान की भी मौत हो गई। इनकी ड्यूटी मतदान केंद्र-133 में थी लेकिन 12 अप्रैल को तबीयत बिगडऩे के बाद इनकी मौत हो गई। शिक्षक बृजलाल अहिरवार, रसीद खां, ज्ञानेश्वर सिंह ठाकुर, आनंदीलाल करपेती, डालचंद्र साहू और हरिचरण तिवारी ने चुनावी प्रशिक्षण लिया था, वहीं संक्रमित हुए व दम तोड़ दिया। शिक्षक सीताराम ठाकुर की ड्यूटी चुनाव सामग्री वितरण में लगी थी। हमीदिया और जेपी के कई डाक्टर संक्रमित इधर राजधानी के सबसे पुराने सरकारी अस्पताल हमीदिया और जयप्रकाश अस्पताल (जेपी) के कई डॉक्टर्स एवं स्टॉफ के अन्य कर्मचारी कोरोना संक्रमित हो गए हैं। इससे अस्पतालों में भर्ती मरीजों के इलाज में परेशानी का सामना करना पड रहा है। जेपी अस्पताल के करीब 20 स्वास्थ्यकर्मी कोरोना से संक्रमित हो गए हैं। इनमें 8 डॉक्टर, 16 नर्स और बाकी वार्डबाय ड्रेसर व अन्य कर्मचारी हैं। इसी तरह से हमीदिया अस्पताल के 200 से ज्यादा स्वास्थ्यकर्मी संक्रमित हैं। इसमें कंसलटेंट, जूनियर डॉक्टर, नर्सिंग स्टाफ, वार्ड बॉय और अन्य कर्मचारी शामिल हैं। एम्स और दूसरे अस्पतालों का भी यही हाल है। हमीदिया अस्पताल में तो 30 गंभीर मरीजों वाले वार्ड भी एक नर्स के हवाले हैं। जेपी अस्पताल में भी ऐसी ही स्थिति है। हालांकि, एम्स में स्टाफ पर्याप्त है, इसलिए इतनी दिक्कत नहीं है। जिन स्वास्थ्यकर्मियों को अभी कोरोना हुआ है उन्हें टीका का दूसरा डोस लगे हुए कम से कम एक महीने हो चुके हैं। 95 फीसद को टीका लगा है। हालांकि अच्छी बात यह है कि इनमें से कोई भी गंभीर स्थिति में नहीं है। ज्यादातर होम आइसोलेशन में हैं। जेपी अस्पताल में कुल 64 डॉक्टरों में से 8 फिलहाल कोरोना से संक्रमित हैं। इनमें हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ केके देवपुजारी, डॉ वायपी पटेल, कोरोना वार्ड के प्रभारी मेडिसिन विशेषज्ञ डॉ योगेंद्र श्रीवास्तव, डॉ वीके दुबे भी शामिल हैं। इनके संक्रमित होने से मेडिसिन विभाग में अब सिर्फ एक डॉक्टर बचे हैं। इसी तरह से हड्डी विभाग में भी सिर्फ एक विशेषज्ञ हैं। अस्पताल में कुल 130 स्टाफ नर्स हैं। इनमें करीब 15 पहले से ही किसी न किसी कारण से छुट्टी पर थीं। 16 स्टाफ नर्स कोरोना से संक्रमित हो गई हैं। ऐसे में वार्ड में भर्ती गैर कोरोना मरीजों के इलाज में दिक्कत आती है। सिर्फ एक नर्स के भरोसे ही पूरा वार्ड रहता है। हमीदिया अस्पताल में कोरोना मरीजों के लिए 680 बिस्तर मिलाकर कुल 1347 बिस्तर हो गए हैं। लेकिन 113 स्टाफ नर्स कोरोना से फिलहाल संक्रमित हैं और छुट्टी पर हैं। कुल 667 नर्सिंग स्टाफ यहां पर है। संक्रमितों के अलावा कुछ पहले से छुट्टी पर हैं। इस वजह से वार्ड में ड्यूटी में परेशानी आ रही है। कोविड ब्लॉक 2 में 30-30 मरीजों वाले वार्ड हैं जहां सिर्फ एक नर्स की ड्यूटी लगाई जा रही है, जबकि सामान्य अन्य दिनों में दो से तीन नर्स रहती हैं। हमीदिया अस्पताल की नर्सिंग अधीक्षक रामरती यादव ने बताया कि अप्रैल के पहले हफ्ते से ही 100 से ज्यादा नर्सिंग स्टाफ संक्रमित हैं। इनमें जितने स्वस्थ होते हैं लगभग उतने ही नए संक्रमित हो जाते हैं। इसी तरह से कंसल्टेंट, जूनियर डॉक्टर और सीनियर रेजीडेंट मिलाकर करीब 80 डॉक्टर संक्रमित हैं।