समय की मांग जिले मे हेल्प डेस्क अति आवश्यक जिला प्रशासन जनप्रतिनिधि और विपक्ष ध्यान दें

अभी तक जिले में सबसे ज्यादा कोरोना आपदा में आमजन को समस्या आ रही है कि वह कहां जाए सीधा उसे बेड मिलेगा नही, ऑक्सीजन सिलेंडर कहां मिलेगा इंजेक्शन कहां मिलेगा दवाई कहां मिलेगी और अन्य समस्या के लिए दर-दर भटक रहा है।

सोशल मीडिया पर कभी सही जानकारी कभी गलत होने पर उसकी समस्या और बढ़ती जा रही है। सबसे पहले तो कोरोना नाम का डर उसे और डरा देता है सबसे पहले आवश्यकता होती है कि घर पर ही उपचार हो जाए। इसके लिए वह किस डॉक्टर से मिले और कौन आसानी से उपलब्ध हो जाएगा इसकी जानकारी उसके पास नहीं होती है। अब शुरू होता है समस्या बढ़ने का सिलसिला, सोशल मीडिया और कुछ अज्ञानी लोगों के चक्कर में वह दर-दर भटक कर अंत में काल के ग्रास में चले जाता है।

सबसे पहले वह घर पर उपचार नहीं मिलने के कारण सरकारी अस्पताल से लेकर निजी अस्पताल के चक्कर केवल भर्ती होने के लिए ही काटता है। अगर उसका प्राथमिक उपचार ही अच्छा हो जाए तो इतनी दिक्कत ही नहीं पहली बार में ही पता चल जाए कि इस अस्पताल में जगह खाली है या उस अस्पताल में, यह ऑक्सीजन इस कॉलोनी में इस व्यक्ति के पास मिलेगी, इंजेक्शन भी इन मेडिकल पर मिल सकता है उसके घर के आसपास के मेडिकल के नंबर उसके घर के आसपास के डॉक्टर के नंबर और भोजन से लेकर अन्य सभी सुविधाएं के केवल मोबाइल नंबर ही उपलब्ध हो जाए तो आधी समस्या वैसे ही समाप्त हो जाएगी। अभी तक जो दिक्कत आ रही है उसमें मरीज को भर्ती कराने की ऑक्सीजन की ओर इंजेक्शन की।

जिला प्रशासन जिला चिकित्सालय में अलग एक हेल्पडेस्क लगा सकता है जहां पर अधिकारी कर्मचारी आम जनता को इतनी सी जानकारी दे दे और डॉक्टर मेडिकल गैस वाले और अन्य सुविधा वाले के नंबर भी सोशल मीडिया पर सीधे बांट सकते है देखना आधी समस्या हल हो जाएगी जिला प्रशासन के साथ भारतीय जनता पार्टी हो या विपक्ष में कांग्रेस अन्य दल भी यह सहायता शिविर जिला चिकित्सालय में लगा सकते हैं। अगर जिला चिकित्सालय में बेड उपलब्ध नहीं है तो किसी निजी चिकित्सालय में आसानी से भर्ती कराया जा सकता है कहां कितने बेड उपलब्ध है यह सब जानकारी सहायता केंद्र पर आसानी से आमजन को दी जा सकती है आम जनता जब सीधे रूबरू सहायता केंद्र वालों से मिलती है तो इसे आदि राहत तो वही मिल जाती है यह सब हेल्प डेस्क के फोन नंबर पर नहीं मिल सकती आम आदमी केवल सरल सीधी भाषा में ही समझता है फोन पर इतनी बातों में कर पाता है ना समझ सकता है क्या जिला प्रशासन देवास के जनप्रतिनिधि और विपक्ष अभी वर्तमान में चली आ रही समस्या के निदान के लिए एक छोटा सा कार्य जो वह आसानी से कर सकता है क्या हेल्पडेस्क सहायता केंद्र अति शीघ्र खोल सकता है नहीं तो आमजन दर-दर भटक रहा है और समस्या बढ़ती जा रही है केवल सरल सा उपाय है वह तो कर सकता है।

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