मुख्यमंत्री जी क्या शराब विक्रेता और शराब अहाते के लिए कोरोना का नियम अलग है आमजन पर सख्त और इन पर मेहरबान क्यों शासन प्रशासन,वे बैठकर भोजन भी करवा रहे है पिलाने के साथ
पूरे प्रदेश में आमजन के ऊपर सारे नियम लादे जा रहे हैं मास्क जरूरी से लेकर सिनेमाघर स्विमिंग पूल और जिम तो बंद ही कर दिए हैं। कई लोग अचानक बेरोजगार हो गए हैं तो दूसरी तरफ होटल रेस्टोरेंट पर भी केवल पार्सल सुविधा की छूट दी गई है ।जिसके कारण आम व्यक्ति अब किसी होटल पर तो खाना नहीं खा सकता लेकिन खुले रूप से दावे के साथ कह सकते हैं कि वह किसी भी शराब की दुकान के पास अहाते पर बैठकर भोजन कर सकता है।
आखिर इतना भेदभाव क्यों क्या शराब के अहाते को मध्य प्रदेश सरकार ने विषय छूट दे रखी है या शासन-प्रशासन देख कर भी इनको अनदेखा कर रहा है आखिर क्या मजबूरी है क्या कानून से भी ऊपर है यह सब शराब की दुकानों पर दो कोई मास्क और कोरोना नियम का पालन नहीं करता परंतु इससे बड़ा तुगलकी आदेश और क्या होगा एक तरफ रेस्टोरेंट पर भोजन के लिए पार्सल सुविधा दूसरी ओर उन्हीं रेस्टोरेंट के पास में रेस्टोरेंट्स रूप में ही केवल शराब पिलाने का लाइसेंस लेने के कारण उनको बिठाकर पिलाने की सुविधा के साथ बिठाकर खिलाने की भी सुविधा दी है यह आमजन के साथ दोहरा व्यवहार है क्या आम जन से बढ़कर अहाते का मालिक है। क्या जनप्रतिनिधि और विपक्ष इस ओर ध्यान देंगे माना जा रहा है की शराब के कारण अच्छा राजस्व मिल रहा है और मंदी के दौर में सरकार को एक सहारा भी है ठीक है मान लेते हैं कि राजस्व के लिए शराब की बिक्री तक तो ठीक है। लेकिन एक तरफ इमानदारी से आमजन के लिए भोजन और नाश्ता बनाने वाले रेस्टोरेंट बेचारे से होकर केवल पार्सल सुविधा दे रहे हैं दूसरी ओर खुलेआम सार्वजनिक रूप से अहाते भोजन नाश्ता और शराब बिठाकर परोस रहे हैं यह दोगली नीति क्यों क्या कलेक्टर कमिश्नर एसपी को इसकी जानकारी नहीं और है तो क्यों आज देखकर मक्खी निकल रहे हैं ।