नेताओं का फ्लेक्स युद्ध …. युद्ध में नहीं केक काटने के काम आ रही तलवार….टोल मुद्दा विधायक और विपक्ष… देवास की सड़क का खस्ता हाल करने वाला सीवरेज का एक ओर जनता को झटका…. जिला प्रशासन के लिए आगामी त्यौहार चुनौती पूर्ण

भगत…. बाबा प्रणाम।

बाबा.. बेटा प्रणाम।

भगत….. विश्व में युद्ध चल रहा है तो शहर में बाबा फ्लेक्स युद्ध। बाबा….. हां बेटा नवरात्रि महोत्सव आ गया है इस समय तो पूरे शहर में फ्लेक्स की बाढ़ आ जाती है।

भगत…. इस समय तो बाबा नेताओं में होड़ मची है। बाबा….. कुछ बड़े नेता भी फ्लेक्स की दौड़ में आ गए हैं और हर नेता समर्थक इस प्रयास में है की नवरात्रि में जहां भी जगह मिले वहीं पर उनका और नेताजी का फ्लेक्स लग जाए। सबसे सस्ता सरल लोकप्रियता का साधन नेताओं के लिए फ्लेक्स ही है ।छोटा सा फ्लेक्स भी पूरे शहर में चर्चा का विषय बन जाता है। थोड़े फोटो इधर के उधर कर दो या फिर किसी दादा पहलवान या कुछ अलग हो फ्लेक्स तो चर्चा का  विषय भी बनता है और मीडिया में भी खबर बन जाती है । सबसे सस्ता होने के कारण सस्ती नेतागिरी करने से लेकर हर क्षेत्र के लिए यह पहली पसंद है।

भगत….. दादा पहलवान भी फ्लेक्स पर अलग ही चमकते हैं। बाबा…. अब बेटा क्या करें नेताजी भी परेशान है किसको माना करें कि मेरा मत लगाना। फिर जब फ्लेक्स युद्ध ही छिड़ गया हो तो कहते हैं युद्ध और जंग में सब जायज है तो इसमें भी सब जायज है ।किसके फोटो लगे कौन देख रहा है बाद में जरूर नेताजी को दिक्कत आती है। समझदार नेता जरूर ध्यान रखते हैं कि कोई गलत फोटो नाम से ज्यादा बदनाम ना कर दे। फिर माता जी का त्यौहार है इस समय तो छोटे-छोटे 14 से 15 साल के युवा से लेकर बड़ों तक में उत्साह रहता है और फिर इनकी संख्या बहुत ज्यादा है। यहीं से इनकी शुरुआत होती है और कुछ तो केवल पूरे वर्ष में नवरात्रि महोत्सव में ही फ्लेक्स लगाकर भंडारा जल सेवा और सेवा करते हैं।

भगत…. युद्ध में काम आने वाली तलवार केक काट रही है। बाबा…. यह नया चलन चला है। कभी युद्ध में लड़ाई में सबसे ज्यादा प्रभावशाली शस्त्र तलवार से अब नेताजी केक काट रहे हैं। काट लिया तो काट लिया कोई बात नहीं लेकिन विरोधी है तो फिर बच कैसे सकते है।

भगत…. विपक्ष मजबूत हो गया है। बाबा….. सबसे पहले पुलिस प्रशासन ने प्रवेश अग्रवाल पर कार्रवाई कर दी। तो फिर अब विधायक मुरली भंवरा पर तो तलवार लटकेगी ही अब यह बात अलग है की प्रक्रिया थोड़ी सी लंबी है लेकिन नियम तो सभी के लिए एक है। फिर नेताजी क्यों नहीं समझते कि आजकल वीडियो ग्राफी हो रही है ।और हर जगह पक्ष के साथ विपक्ष भी मौजूद है कुछ अपनों में ही विपक्ष निकल आता है। हम तो इतना ही कहेंगे कि जन्मदिन थोड़ा सादगी से भी मना सकते हैं और यदि धूमधाम से ही मनाना हो तो तीतर पर तोप चलाने की तरह क्या छोटे से केक पर तलवार चला रहे हो। आम जनता में क्या संदेश देना चाह रहे हो।

भगत…. विपक्ष में आंदोलनकारी मनीष को कमान मिल गई है अब तो बाबा छोटा सा मुद्दा भी बड़ा हो जाएगा।

बाबा… करेला और वह भी नीम पर चढ़ गया। छात्र नेता मनीष चौधरी को आंदोलनकारी नेता होने का ही परिणाम मिला है। देवास जिले में छात्र नेता से लेकर किसान कांग्रेस तक विरोध प्रदर्शन का कोई हिसाब नहीं है कितने कर दिए फिर पूरे देश में कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व के साथ कहीं राज्य में प्रभावशाली आंदोलन करने के बाद 18 मुकदमे मनीष पर दर्ज है। निष्पक्ष संगठन के लिए कार्य करने वाले मनीष चौधरी के पास एक बड़ी फौज है जो किसी भी क्षेत्र में आंदोलन करने पर सड़क पर आ जाती है और जनता में भी एक अलग छवि बनी है मनीष की। अब टोल वाला मुद्दा भी और खातेगांव में तो कुछ भी उल्टा पुल्टा हुआ तो सड़क का नेता आए ही गया है जिला अध्यक्ष बनाकर।

भगत…. टोल वाले मुद्दे पर तो विधायक और विपक्ष दोनों की भूमिका ठीक है।              बाबा…. चलो खातेगांव की जनता को जमीनी विधायक आशीष शर्मा मिला तो विपक्ष भी जमीन वाला । कोई विधायक तो है जो खुला कह रहा है कि खातेगांव की क्षेत्र की जनता को नहीं देना पड़ेगा।

भगत… तो क्या पूरे जिले की जनता जनता नहीं है। बाबा…. सही बात है पूरे जिले की बात होना चाहिए लेकिन एक विधायक सबसे पहले अपने विधानसभा की बात करता है। और जनता भी इसी कारण विधायक का समर्थन ज्यादा करती है कि वह कब-कब उसके लिए सड़क पर उतरता है। एक हमारे देवास और आसपास इंदौर में सारे गड्ढे कूदने दचके खाने के बाद भी टोल देना मजबूरी है नेताजी के समर्थक और दादा पहलवान तो निकल जाते हैं आम जनता को तो देना ही है उनके लिए कौन बोले।

भगत… देवास वाले के लिए तो अर्जुन चौधरी ने लड़ाई लड़ी थी। बाबा…. यहां भी चौधरी और इसके पहले 2004 में भोपाल रोड पर भी एक टोल जबरन का लग गया था तब कांग्रेस सरकार में जिला पंचायत अध्यक्ष नारायण सिंह चौधरी ने विरोध कर इसे निरस्त कराया था बाद में यह भोरासा में चला गया नहीं तो सेंट्रल इंडिया अकादमी के सामने पूरा बन चुका था। अब बात अर्जुन चौधरी की है तो वह केवल कुछ लोग जानते हैं बाकी आम जनता से जो नहीं समझता उनसे बाईपास टोल वाले टोल वसूल ही लेते हैं। चलो नेताजी हम टोल दे रहे हैं और दे ही देंगे लेकिन ईमानदारी से सड़क तो बनवा दो। दचके खाने, गड्ढे कुदाने से तो बचाओ।

भगत… अभी तो एक और नया टैक्स आ गया है। बाबा…. सीवरेज का । इसका भी अब बहुत ज्यादा विरोध होने वाला है जनता बिजली का अनाप-शनाप बिल के बाद यह नया चार्ज जनता अभी एकदम से तैयार नहीं है।

भगत… सीवरेज योजना ने एक तो पूरे सड़क की 12:00 बजा दी। बाबा…. एक फकीर जिसके पेट में लकीर छोटे थे किताब में पहली थी लेकिन देखा कि देवास की सड़कों पर यही हाल है पूरी सड़क का सत्यानाश कर दिया करोड़ों रुपए की सड़क को सीवरेज कंपनी ने बड़ी बेदर्दी से खोद दिया । इस पर किसी का नियंत्रण नहीं था ना है इंजीनियर शायद उसे सड़क पर से भी गुजर गए परंतु उसे सड़क पर से भी आंख देख मक्खी निगलने की तरह नजरअंदाज कर गए। आज जिस सड़क पर यह बनी उस सड़क की हालत खस्ता है। तो फिर पूरे शहर में अभी भी कछुआ चाल से यह योजना चल रही है। फिर जहां बन गई है वहां पर देखे कई बार परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। इस तरह सीवरेज के नए चार्ज पर आम जनता में अंदर ही अंदर आक्रोश पनप रहा है और यह मुद्दा भी बहुत जल्द गरमाएगा।

भगत…. आने वाले दिन जिला प्रशासन के लिए भी चुनौती वाले दिन है। बाबा….. जिला कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक के बीच अच्छा तालमेल है और जिले में अब तक तो सब ठीक भी रहा है । गणेश उत्सव के साथ अन्य त्योहार भी शांतिपूर्वक निपट गए।अभी सबसे बड़ी सामने आ रही है बात तो वह है कि नवरात्रि महोत्सव। देवास जिले में एक तो नर्मदा नदी दूसरा मां चामुंडा की टेकरी दोनों ही जगह से आशीर्वाद मिलता है तो प्रशासन के अधिकारियों को थोड़ी सी भी चूक पर भारी भी पड़ जाता है। नवरात्रि महोत्सव में तो मां चामुंडा टेकरी के साथ पूरे जिले मोहल्ले कॉलोनी में गांव में नवदुर्गा प्रतिमा स्थापना से ही जुलूस समारोह का माहौल बन जाता है तो टेकरी पर पूरे देश प्रदेश के श्रद्धालु आते हैं। फिर चुनरी यात्रा ,गरबे और सेवा के लिए लगे भंडारे के पंडाल। इसके साथ ही दशहरा और मीना बाजार। जय माताजी फिर मिलेंगे आज तो इतना ही।

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