सज्जन गुट को 2 वर्ष में तीसरा करारा झटका, पुलिस अधीक्षक को राष्ट्रपति सम्मान, महापौर सभापति के बीच फिर… विपक्ष का पर्याय मनीष…. प्रयास के सामने मनोज की बड़ी लकीर…. बंटू गुर्जर का इस्तीफा….. तहसीलदार हड़ताल समाप्त… बिहारी सिंह लूप लाइन में…. श्वान प्रेमियों थोड़ी मानव जाति पर भी दया कर लो…..

भगत…. बाबा प्रणाम।
बाबा….. बेटा प्रणाम।
भगत…. भैया को 2 साल में तीसरा बड़ा झटका लगा है। बाबा…. इसकी तो उम्मीद भी नहीं थी पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा को ki जिस जिले में तीन दशक से ज्यादा समय से उनकी एक तरफ चाहे सत्ता हो या विपक्ष चली हो वहां पर इस बार पूरा मैदान ही साफ हो गया। अपने ही खास रहे दूसरे के खेमे से पद ले आये । पिछले 2 वर्ष में या तीसरा झटका तो सहन भी नहीं हो सकता। पहला झटका तो देवास सोनकच्छ विधानसभा मैं इंदौर से आकर राजेश सोनकर ने हरा दिया वह भी साधारण मतों से नहीं दूसरा जिला पंचायत अध्यक्ष बड़ी मेहनत के बाद बनाया था विपक्ष में भी इनके पास जिला पंचायत अध्यक्ष और जिला शहर कांग्रेस का पद था। परंतु अचानक जिला पंचायत अध्यक्ष ने विद्रोह कर दिया और इनका साथ छोड़ना तक मामला नहीं रहा पूरी पार्टी ही छोड़ दी भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए। जिसका चुनाव पर भी असर पड़ा । और अब 2 साल बाद विपक्ष में भी थोड़ा बहुत जिला अध्यक्ष और शहर अध्यक्ष के माध्यम से पूरे जिले में सज्जन वर्मा का तोड़ ही नहीं बन पा रहा था। भारतीय जनता पार्टी में दो-तीन गुट चल रहे है परंतु कांग्रेस में एक मात्र सज्जन वर्मा गुट ही रह गया था । अचानक यह क्या हो गया।
भगत…. जिला अध्यक्ष बनने से ज्यादा राजानी के हटने से विरोधी में खुशी का माहौल है। बाबा… वैसे तो कांग्रेस के पास पूरे जिले में एक भी विधायक नहीं है। और सांसद भी तीनों भारतीय जनता पार्टी के हैं। फिर जिला पंचायत और महापौर तक भारतीय जनता पार्टी के पास है। ऐसे में कांग्रेस में विपक्ष की भूमिका की जिम्मेदारी मनोज राजानी पर थी राजानी ने विपक्ष की भूमिका में कहीं दमदार आंदोलन किया तो जनता दरबार भी कांग्रेस कार्यालय पर लगाया और जनसुनवाई जैसी शुरुआत भी थी लेकिन अंतिम समय में अपनी ही पार्टी के कार्यकर्ताओं से भारी विरोध और लगातार अध्यक्ष बने रहने का भी तो विरोध था ही फिर भी यह माना जा रहा था कि वह अपनी मनपसंद का ही अध्यक्ष ग्रामीण शहर दोनों बनाएंगे लेकिन पहली बार ऐसा हुआ कि विधानसभा तक का टिकट देने वाले को जिले में भारी निराशा का सामना करना पड़ा।
भगत….. प्रदीप चौधरी और काका गुट की चल निकली। बाबा…. प्रदीप चौधरी की ब्रिज विरोधी प्रेस वार्ता को तो कांग्रेस से अलग बता दिया था उसके बाद से प्रदीप और ज्यादा एक्टिव हो गए और फिर काका या नहीं रितेश त्रिपाठी तो विरोधी है ही अब एक नया गुट बन गया है। जिसमें संगठन के वह कार्यकर्ता है जो केवल संगठन के लिए ही कार्य करते हैं चाहे टिकट किसी को मिले वह ईमानदारी से कार्य पर लग जाते हैं उन कार्य कर्ता में ज्यादा उत्साह है। चलो कांग्रेस में वर्षों बाद दूसरी और तीसरी पंक्ति के नेताओं का अवसर तो मिला।
भगत…. पुलिस अधीक्षक को राष्ट्रपति सम्मान मिला।
बाबा…. नक्सलियों से सीधे भिड़ गए थे और निपटा दिया । नक्सलियों को तो आसानी से निपटा दिया। अब पुलिस कप्तान के रूप में जिले की जिम्मेदारी मिली तो उससे भी निपटना है। अभी तक तो अच्छा कार्य चल रहा है बहुत मेहनत की देवास में अपराध रोकने और अपने ही अधीनस्थ को प्रोत्साहित कर कुछ सुधार की और आ भी रहा है। अपराध करने वाले अपराधी बहुत जल्द हालात की हवा खा रहे हैं तो साइबर क्राइम में भी और ठगी के कई ऐसे मामले सुलझा दिए जिनके लिए आमजन ऑफिस ऑफिस के चक्कर लगाते थक जाता। चलो पुलिस की छवि आम जनता के बीच अच्छी तो बन रही है। जब कप्तान अपनी पूरी टीम को विश्वास में लेकर और प्रोत्साहित कर कुछ करने का प्रयास करें तो सफल होंगे ही।देवास में बहुत कम अधिकारी आए जिन्होंने शहर के लिए और जनता के लिए कुछ सोचा और कुछ किया । देवास का मान बढ़ाया है राष्ट्रपति पुरस्कार हमारे अपने शहर के पुलिस अधीक्षक को मिला है। पुलिस अधीक्षक पुनीत गहलोत को बधाई।
भगत…. अब जिले में आंदोलन की खबरें ही खबरें मिलेगी। बाबा…. समझ गया कांग्रेस जिला अध्यक्ष मनीष चौधरी के नाम पर तो वैसे भी रिकॉर्ड है विरोध का। दो-चार महीने हो जाए और अगर कोई आंदोलन नहीं हो तो समझ लो मनीष चौधरी देवास में नहीं है दिल्ली या हरियाणा या अन्य कही संगठन की राजनीति में व्यस्त है। अब तो संगठन ने स्थाई पोस्टिंग जिले में कर दी है तो जिले के कांग्रेस कार्यकर्ताओं को तैयार देना चाहिए आने वाले समय में देवास में जन समस्या राज्य और केंद्र सरकार के खिलाफ बड़े आंदोलन होंगे ही और शुरुआत भी मनीष ने आते ही कर दी है।
भगत…. युवाओं की अच्छी टीम है मनीष के पास।
बाबा… सबसे ज्यादा फायदा छात्र राजनीति में मिला । जहां शुरुआत ही आमरण अनशन से की थी उसके बाद तो युवा की कोई भी समस्या हो मनीष कुद जाते मैदान में। अब तो पूरा जिला मिल गया है फिर प्रदेश में भी उनकी शैली के ही जीतू पटवारी प्रदेश अध्यक्ष हैअब देखना है मनीष अपनी शैली में कार्य करते हैं या लड़ाई केवल पद तक थी।
भगत….. खातेगांव विधानसभा चिड़िया की आंख की तरह दिख रही है।
बाबा…. पहले मनीष देवास महापौर और विधानसभा के दावेदारी के लिए प्रयासरत थे लेकिन यहां पर देख लिया कि बड़े वाले से बड़े वाले हैं । इसलिए सुरक्षित खातेगांव विधानसभा है फिर जिला अध्यक्ष को तो टिकट मिला ही है। और फिर संगठन मुखिया राहुल गांधी परिक्रमा का लाभ भी आगे भी मिलता रहेगा।
भगत….. प्रयास के लिए भी बहुत से प्रयास पर्दे के पीछे से हुए हैं।
बाबा…. बताया ना पूरी टीम है। फिर प्रदीप चौधरी ,रितेश काका का भी साथ मिल गया । अब बात करते हैं प्रयास गौतम की तो छात्र राजनीति से ही राजनीति में आने के बाद बेदाग छवि के है। और अभी तक अपने सभी साथी को आगे बढ़ाया है खासकर तो महिला पूर्व महापौर रेखा वर्मा को महापौर के टिकट मिलने से लेकर उस कठिन समय में चुनाव का संचालन कर जीता दिया जब देवास के सबसे दमदार नेता महाराज और प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बबली यादव के लिए पूरी ताकत लगा दी थी।
भगत… दूसरे चुनाव संचालन में प्रयास के प्रयास असफल हो गए। बाबा…. अच्छा तो विधानसभा 2013 की बात कर रहा है विधानसभा 2013 में पूर्व महापौर रेखा वर्मा को टिकट मिला और इसका संचालन भी प्रयास गौतम और टीम ने किया था लेकिन यहां पर बड़ा लिफाफा 50000 की लीड का प्रयास की टीम को मिला था।
भगत …. नेताजी ने दो जगह राखी बनवा ली।
भगत…. एसडीएम भी बदल गए। बाबा …. बिहारी सिंह को जो करना था कर गए। अब रिटायरमेंट को 4 महीने बचे हैं अच्छी चली इनकी पुराने झेल गए। वर्तमान कलेक्टर ऋतुराज सिंह थोड़े बारिक पीसते हैं ऐसे में बिहारी सिंह ने लूप लाइन में रहना ही अच्छा समझा। वैसे बिहारी सिंह के नाम पर कोई खास उपलब्धि नहीं है जबकि कई एसडीएम बहुत कुछ करके गए हैं मां चामुंडा टेकरी पर और देवास के विकास से लेकर अतिक्रमण हटाओ अभियान और व्यवस्था में सुधार को लेकर लेकिन बिहारी सिंह के नाम तो देवास अन्न क्षेत्र बंद, मंडी में किसान को ₹5 में मिलने वाला भोजन भी बंद । और भी कई फाइल बंद हो गई जो खुले तो ठीक है वरना अपना रिटायरमेंट शांति से हो जाए यही बहुत है।
भगत…. तहसीलदार की हड़ताल समाप्त हो गई।
बाबा….. चलो अच्छा ऑफिस में फाइल की संख्या बढ़ गई थी और इतनी हो गई थी कि बाबूजी उसमें दब गए थे दिख नहीं रहे थे। चाहे दबाव में कहो या मनाकर वापस तहसीलदार को लाया अच्छा किया। दंडाधिकारी है परंतु पावर ज्यादा ऊपर और नीचे वालों के पास है बस दिनभर काम का बोझ और जिम्मेदारी और जवाबदारी का बोझ हो तो ठीक सारे बेगार भी तहसीलदार और पटवारी के मत्थे । तहसीलदार का अपना परिवार भी है ।अपनी जिंदगी भी है और थोड़ा अपना अधिकार मांग लिया तो सबकी नजर टेढ़ी हो गई खैर तहसीलदार लौट आए तो तहसील ही नहीं कई विभाग वापस रौनक आ गई है। अब जितने दिन की हड़ताल थी वह सारा कार्य निपटाना तो इनको ही है।
भगत….. अनिल मालवीय नए एसडीम।
बाबा…. वैसे एसडीएम का दायित्व अगर एसडीएम अपने फुल पावर के साथ निभाए तो कलेक्टर को उस शहर और उस तहसील क्षेत्र की ओर देखने की आवश्यकता नहीं । चलो अभी तो कार्यभार संभाला है देखते हैं।
भगत… अब मनोज राजा ने की लाइन बड़ी है और चुनौती भी। बाबा…. हां बेटा इतने साल से सत्ता संगठन दोनों पर राज करने के बाद लाइन बड़ी हो ही जाती है अब इससे बड़ी लाइन खींचने के लिए बड़ा तो कुछ करना पड़ेगा नहीं तो कार्यकाल तो पूरा कब बीत जाता समय सज्जन वर्मा और मनोज राजानी को नहीं मालूम पड़ा तो इनको कैसे मालूम पड़ेगा।
इंसानों के समाज मे इंसान और उनके बच्चों पर ही हमले हो रहे है,तो क्या अंतरिक्ष मे रहने जाए
बड़ी समस्या बन गई है
भगत… विपक्ष की भूमिका दमदारी से निभाए यही बहुत है। बाबा…. विपक्ष मजबूत हो तो सत्ता पक्ष भी मजबूर होता है अच्छे कार्य करने के लिए, नहीं तो सत्ता पक्ष में से ही विपक्ष निकल कर आता है।
भगत … महापौर और सभापति के बीच फिर…
बाबा…. महापौर गीता दुर्गेश अग्रवाल द्वारा स्वास्थ्य कर्मी के साथ राखी घर पर मनाई । बहुत अच्छी शुरुआत की है स्वास्थ्य कर्मी का मनोबल बढ़ता है परिवार का माहौल बनता है। ऐसा ही फिर सभापति के पंडाल में राखी मन गई । जहां पर सभापति सहित अधिकांश पार्षद मौजूद थे इस तरह नगर निगम में आने वाले समय में नए समीकरण देखने को मिलेंगे।
भगत…. सभापति के पंडाल में जन्माष्टमी का आयोजन बहुत अच्छा हुआ।
बाबा…. जन्माष्टमी पर मटकी फोड़ प्रतियोगिता बड़े स्तर पर पहली बार देखने को मिली राज्य शासन द्वारा आयोजित आयोजन को चतुराई से अपने पंडाल में लाने वाले सभापति रवि जैन पूरा श्रेय ले गए।
भगत… बंटू गुर्जर ने इस्तीफा दे दिया।
बाबा… जिला अध्यक्ष की दौड़ में थे ।पहले विधायक की दौड़ में इंदौर से खातेगांव में दावेदारी कर रहे थे और अब जब मनीष को सब मिल गया है तो आगे भी कोई उम्मीद कम ही नजर आ रही है। तो इस्तीफा मात्र सदस्यता से दिया है कांग्रेस से नहीं। फिर इंदौर में नेताजी के साथ तो लगे हुए हैं।
भगत ….. सड़क पर घूमने वाले श्वान के खिलाफ एक पार्षद खुलकर सामने आए।
बाबा….. श्वान देसी भाषा में कुत्ता बोला जाता है जिसे। अब हम बात करें हमारी सनातन संस्कृति की तो शायद ही कोई घर होगा जहां पर पहली रोटी गाय की और आखिरी रोटी कुत्ते कि ना रखी जाती हो। भले ही गांव से शहर में आ गए हो । शहर में भी रोटी के डिब्बे में मां बहन पत्नी पहली रोटी गाय की बनाना नहीं बोलता चाहे गो माता आए या ना आए फिर दूसरी श्वान को भी । और डालते भी है नहीं तो उनको तोस बिस्किट या अन्य खाद्य सामग्री देते हैं। दया सभी में है बस यह बच्चों बुजुर्ग और मजदूर वर्ग जो पैदल साइकिल मोटरसाइकिल से जाते हैं उनके ऊपर झपटते है।कई तो काटने का शिकार कई दुर्घटना का शिकार ओर कई डर के कारण कुछ गली मोहल्ले से निकलते ही नहीं। जिला चिकित्सालय और निजी चिकित्सालय में जाकर देख लो कितने पेशेंट श्वान के कारण पीड़ित है । पूरे देश में यही हाल होने पर शासन प्रशासन अब एक्शन मोड में आ गया है। अब आपका जीव दया प्रेम जाग गया है। ठीक है दया करना अच्छी बात है और कम से कम एक ग्रुप ऐसा भी है जो उनकी फिक्र तो करता है। परंतु बच्चों और बुजुर्ग को भी देखो अगर करना ही है कुछ तो उनके लिए कुछ अलग जगह बना और वहां पर सेवा करो एक नई मिसाल बनाओ क्योंकि आप भी हमारे ही हो अलग नहीं हो। दया प्रेम सभी में है कोई जल्लाद नहीं है। मासूम बच्चे इनसे ज्यादा दया के पात्र है। बच्चों के पास केवल मासूम बचपन है उनके सामने श्वान जब काटने दौड़ता है तो उसका मुकाबला कैसे करें ना बच्चों के दांत ना नाखून और ना ही इतनी फुर्ती फिर जो होता है वह किसी से नहीं देखा जाता उसके बाद भी अगर तुम आवारा नहीं बेसहारा कहते हो तो इनके लिए अलग जगह बनाओ वैक्सीन लगाने से कुछ नहीं होगा । इनके काटने के बाद भी इनको सभी रोटी देते ही है और मौका आने पर इनका इलाज भी करवाते हैं अब हर मोहल्ले कॉलोनी में उनके पीछे आपस में इंसान लड़ रहे हैं ।वह अच्छा नहीं है ।हमें आपकी सेवा दया और उनकी चिंता की कद्र है । हर घर में बच्चा सबसे पहले इनको पालने की जिद करता है । शहर में अब एक अलग ही माहौल बन गया है ।किसी कॉलोनी मोहल्ले में पैदल निकल ले से डर लगता है।
भगत…. भारतीय जनता पार्टी में भी बहुत कुछ नया होने जा रहा है। बाबा …. हां बहुत कुछ नया और अलग होने जा रहा है इसके बारे में फिर चर्चा करेंगे। अभी तो भीषण तपती गर्मी के बीच कुछ वक्त सुखद बारिश राहत दे रही है जय हिंद जय श्री राम।