भारतीय जनता पार्टी में तीसरे गुट का उदय, पूर्व मंत्री द्वारा देवास ब्रिज को बताया मोक्ष और भ्रष्टाचार का ब्रिज, एक बिल्डर को लाभ पहुंचाने के लिए प्रशासनिक अधिकारियों ने कर दिया गोलमाल, शहर को भी समदड़िया नगर बनने से बचाने के लिए किया सचेत

भगत …. बाबा प्रणाम। बाबा….. प्रणाम ।

भगत….. गर्मी में राजनीतिक गरमा गई है।

बाबा… लगता है सारी गर्मी यही पर बरस रही है ।

भगत…. विधायक गोलू शुक्ला के बेटे का मामला ठंडा पड़ा और नया फिर ब्रिज का गरमा गया है।

बाबा…. हां बेटा जितना तेजी से मामला और जितना ज्यादा उठा था अब कोई उसका नाम भी नहीं लेगा गोलू शुक्ला और उस विषय का। अभी तो लूप लाइन में समय पास कर रहे दो नेता फिर मैदान में आ गए हैं। और इस बार खुले रूप से ब्रिज के भ्रष्टाचार को लेकर मोर्चा खोल लिया है।

भगत… बाबा दोनों कागज के पक्के खिलाड़ी होने के साथ राजनीति के चाणक्य भी है। बाबा…. हां बेटा एक तीन बार विधायक मंत्री रहे दीपक जोशी ने पूर्व में भी कहीं गंभीर मुद्दे उठाएं लेकिन कई मुद्दे रास्ते में ही दम तोड़ गए अब फिलहाल तो बिल्कुल ही फुर्सत में चल रहे हैं। तो मुद्दा इस बार भी तात्कालिक और गंभीर है और यह पूरे कागजी कार्रवाई के साथ मैदान में आए हैं।

भगत… यह चलित ब्रिज है बना तो अपने स्थान पर ही था लेकिन शायद यहां पर धीरे-धीरे चलकर आ गया है।

बाबा…. राज्य शासन के संबंधित विभाग की फाइल देखकर तो यही लगता है कि ब्रिज तो वही बना परंतु कोई ने उठा कर इसे इधर रख दिया है रातों-रात। नहीं तो स्थान परिवर्तन अचानक क्यों हो गया। भगत…. बाबा यही तो बात है पूर्व मंत्री का की बिल्डर समदड़िया को लाभ पहुंचाने के लिए स्थान परिवर्तित किया। बाबा….. बाद में दम तो इसलिए नजर आ रहा है कि इसी जहां कागज पर अभी बना है। आसपास चार स्थान पर बिल्डर की बेशकीमती दुकान बन रही है सर्वप्रथम देवास नगर निगम के पास नगर निगम की भूमि में ही दूसरी कलेक्टर कार्यालय में कलेक्टर कार्यालय की भूमि में ही तीसरी सिविल लाइन लोक निर्माण विभाग की भूमि में ही और भगवती सराय । कभी-कभी यह संयोग भी हो सकता लेकिन चार जगह पर एक साथ इतना बड़ा संयोग तो हजम नहीं हो रहा है। और दीपक जोशी दिलीप बांगर के आरोप में दम नजर आ रहा है।

भगत…. ब्रिज पर निर्माण कार्य में भ्रष्टाचार का आरोप भी है। बाबा…. अभी जो जवान मौत हुई उसमें ब्रिज पर करोड़ों की लाइट और कैमरे की बात करने वाले हकीकत या रही कि वहां पर कैमरे भी बंद और लाइट भी बंद निकली जिसके कारण पीड़ित परिवार को बहुत दिक्कत का सामना करना पड़ा दुर्घटना के आरोपी को पहचानना मुश्किल हो जाता है ।इसका मुआवजा कौन देगा।

भगत…. पूर्व के तीन अधिकारियों का नाम नया दिया अमर अकबर एंथोनी।

बाबा…. हां पूर्व मंत्री ने एक जगह के यहां तीन अधिकारी कलेक्टर चंद्र मौली शुक्ला पूर्व कमिश्नर विशाल सिंह और एसडीएम सोनी को अमर अकबर एंथोनी बताया है जो कांग्रेस से वापस भाजपा की सरकार आने पर नंबर वन पायदान पर चल रहे थे। उनके द्वारा नगर निगम की बिल्डिंग और कलेक्टर कार्यालय सिविल लाइन की जमीन बिल्डर को देने का आरोप है।

भगत…. देवास में विकास भी तो किया इनके कार्यकाल में। बाबा…. नगर निगम में स्वच्छता मिशन में विशाल सिंह ने अच्छा कार्य किया तो कलेक्टर कमिश्नर और एसडीएम ने देवास विकास प्राधिकरण के कार्यालय में बैठकर शंकरगढ़ प्रोजेक्ट, मां चामुंडा टेकरी और शहर के औद्योगिक क्षेत्र में दोनों और सुंदर बगीचे का निर्माण करने के साथ कई महत्वपूर्ण कार्य किए।

भगत… पूर्व मंत्री तो यहां पर भी सब गलत बता रहे हैं। बाबा…. पूर्व मंत्री उद्योगपति भी है और उनके कार्यकाल में उन्होंने देखा है। कि यहां पर चारों ओर बड़े पेड़ लगे थे और उद्योगपतियों ने भी अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया था और हजारों पेड़ कट गए उनकी जगह अब नए दूसरी जगह से उखाड़ कर लगाए गए पेड़ और हरियाली आंखों को सुकून देती है।

भगत… दम घुटता है यहां पर। बाबा…. अब यह जगह बगीचे थोड़ी देर आराम करने के लिए और केवल देखने के लिए है यहां पर उद्योगपतियों द्वारा रात प्रदूषण रूपी गैस छोड़ी जाती है। उससे निश्चित बच्चे, युवा और बुजुर्ग जो यहां घूमने आते हैं खेलने आते हैं उनको सांस ओर फेफड़े की बीमारी मुफ्त में मिल रही है ।जब बगीचा मुफ्त में तो बीमारी भी तो मुफ्त में ही मिलेगी ना कभी प्रदूषण विभाग सुबह-सुबह यहां पर व्यायाम कर देवास के नागरिकों का हौसला बढ़ाएं।

भगत… प्रदूषण नियंत्रण विभाग तो लगता है मात्र मासिक बंदी के लिए ही बना है। बाबा….. उद्योगपति जब आपको राशि देंगे तो फिर आप उन पर सख्ती कैसे कर सकते हो खैर बात अभी ब्रिज की चल रही है तो ब्रिज पर संबंधित अधिकारियों के खिलाफ गैर इरादातन हत्या का प्रकरण दर्ज करने की बात भी पूर्व मंत्री ने कही है जो होना भी चाहिए क्योंकि आज इतनी दुर्घटना किसी एक ब्रिज पर इसके निर्माण कार्य समय करते समय तकनीकी पहलुओं पर भी ध्यान नहीं दिया। और अभी शुरू होता है तो यही सब ध्यान रखकर शुरू करना चाहिए।

भगत… कोरोना जैसी आपदा के समय यह ब्रिज बना ।

बाबा… हां बेटा जब पूरा देश आपदा से लड़ रहा था और केंद्र सरकार द्वारा गाइडलाइन भी जारी की थी कि अभी कोई नए निर्माण कार्य नहीं हो। लोग जान बचाने में लगे हुए थे अपनी और अपने आसपास के लोगों की मदद में लगे हुए थे। तो अधिकारियों ने ताबड़तोब ब्रिज बना दिया। आपदा के समय बना ब्रिज आपदा बन गया है।

भगत…. नगर निगम की जमीन का तो परिषद में विरोध भी हुआ था।

बाबा…. नगर निगम परिषद में तत्कालीन सभापति अंसार अहमद हाथी वाले और वर्तमान सत्ता पक्ष नेता मनीष सैन,  तत्कालीन सत्ता पक्ष नेता दिलीप बांगर और कई जागरूक पार्षद और कुल मिलाकर लगभग सभी पार्षद ने एक मत होकर घर बेचकर तीरथ करने वाली योजना का विरोध किया था लेकिन ऐसा समय आया कि उसे समय कलेक्टर के पास नगर निगम का प्रभार और प्राधिकरण का और जनप्रतिनिधि पार्षद महापौर सत्ता से बाहर। ऐसे समय का प्रशासनिक अधिकारी ने उस तरह फायदा उठाया जिस तरह धारा 370 समाप्त करने के लिए केंद्र सरकार ने राष्ट्रपति शासन का फायदा कश्मीर में उठाया देवास में भी जनप्रतिनिधि का कार्यकाल समाप्त हो चुका था और प्रशासन ने अपना खेल दिखा दिया।

भगत… जब पूरी परिषद विरोध में थी परिषद में यह प्रस्ताव पारित भी हो गया था तो अभी भी नहीं परिषद कुछ कर सकती है कम से कम नगर निगम तो बचा लो। बाबा….कलेक्टर कार्यालय सिविल लाइन तो शासन प्रशासन एक होकर एक कर गए लेकिन नगर निगम में पुराने प्रस्ताव के आधार पर इसे रोका जा सकता है। अगर नगर निगम यह बिल्डिंग बना था तो देवास के कई युवा बेरोजगार को इसमें दुकान बहुत ही सस्ते दाम पर मिल जाती और वह भी किस्त में जैसा पहले शास्त्री मार्केट और देवास के कई मार्केट बनाकर निगम ने किया है। आज भी पूरे प्रदेश में नगर निगम की कई संपत्ति का किराया अच्छा आ रहा है कुछ नहीं दे रहे हैं तो वह भी आगे पीछे तो देना पड़ेगा मात्र यह कारण किसी निजी व्यक्ति को संपत्ति बेचने का नहीं हो सकता।

भगत…. कमिश्नर  का बंगला भी बन गया।

बाबा…. अधिकारी का अपना राज रहता है जबकि नगर निगम के पास पूर्व कमिश्नर कार्यालय उज्जैन रोड पर बहुत अच्छा बना हुआ था लेकिन लोक निर्माण विभाग की जमीन पर कुछ ही दिनों मैं जनता का आभारी पैसा खर्च कर अपनी सुविधा अनुसार बंगला बना लिया।

भगत… नेताजी ने नया नाम भी दिया है शहर का समदड़िया नगर।

बाबा… पूर्व मंत्री दीपक जोशी ने देवास को अंग्रेजों की ईस्ट इंडिया कंपनी की तरह बेचने का आरोप लगाने के साथ देवास को बचाने की गुहार भी की है नहीं तो इसे समदड़िया नगर बनाने से कोई नहीं रोक सकता आम जनता को अभी समझ नहीं आ रहा होगा लेकिन कुछ दिनों बाद जब सिविल लाइन और महत्वपूर्ण कार्य के लिए कलेक्टर कार्यालय नगर निगम जनता जाएगी तो समझ में आएगा कि हमारा शहर समदड़िया को कितना भाया है। भगत… दीपक जोशी और दिलीप बांगर क्या मुद्दे पर अंत तक टिके रहेंगे। बाबा…. यह कहना मुश्किल है क्योंकि बहुत सारे मुद्दे इन्होंने बीच मझधार में ही छोड़ दिया है फिर जनहित में आगे तो आए और कई बार दिलीप बांगर ने तो विपक्ष में इतने प्रभावित आंदोलन किया कि शीर्ष पर बैठे नेता को अपना पद थोड़ा सा प्रभावित होता नजर आया और दिलीप बांगर को इसके लिए कई तरह की कुर्बानी देना पड़ी। अब पूर्व मंत्री अपनी ही सरकार में यह गंभीर मुद्दा लेकर खुलकर सामने आए हैं यह बड़ी बात है। भगत.. खुलकर कहां नेताजी का तो नाम ही नहीं ले रहे हैं। बाबा…. राजनीति में चाणक्य इसीलिए कहते हैं इनको कहीं पर निगाहें कहीं पर निशाना । बस यह है कि लंबे समय बाद पार्टी में घर वापसी के साथ पूर्व मंत्री दीपक जोशी ने फिर मोर्चा खोल दिया है अपनी ही पार्टी के पूर्व विरोधी नेता के खिलाफ।

भगत.. क्या बाबा भारतीय जनता पार्टी में तीसरा गुट फिर आ गया है।

बाबा… हां बेटा यह तीसरा गुट दूसरे वाले के साथ ही है लेकिन कुछ इधर-उधर हो जाते हैं इसलिए एक ही ब्रांच के दो विरोधी मैदान में है। इसलिए अब गर्मी के मौसम में राजनीति गरमाएगी और देवास की जनता को बहुत कुछ देखने को मिल सकता है विपक्ष भी तो अभी कहां चुप बैठ रहा है।

भगत.. और भी मुद्दे हैं बहुत कुछ हो रहा है शहर में।

बाबा… उसके लिए बाद में चर्चा होगी अभी तो सबसे बड़ा मुद्दा ब्रिज का वह भी अपने ही संगठन के प्रमुख नेता द्वारा उठाने पर वापस चर्चा में आ गया है अब आम जनता ब्रिज खुलने का और इसके राज खुलने के बाद राजनेताओं से कुछ कार्रवाई की उम्मीद रखती है नहीं तो दीपक जोशी और दिलीप बांगर का यह एक और मुद्दा ठंडा बस्ती में चल जाएगा आज के लिए इतना ही फिर मिलेंगे जय हिंद जय भारत।

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