टैंकर वाला आया है तू बाल्टी निकाल. … नर्मदा नायक के शहर में जल संकट की दस्तक, एम आई सी से दो पार्षद को हटवा कर हीरो  बना दिया , कांग्रेस की मटका फोड़

भगत.. बाबा प्रणाम नववर्ष की शुभकामनाओं के साथ।

बाबा.. प्रणाम नववर्ष की बधाई शुभकामनाएं।

भगत…. बाबा पुराने दिन जब सभी जगह लौट रहे हैं ।तो फिर टैंकर वाले बाबा भी तो लौट रहे हैं।

बाबा…. बहुत से लोगों की टैंकर घर पर पुरातत्व विभाग की वस्तु के समान शोभा बढ़ा रहे थे ।और कहीं बेरोजगार वाहन चालक को रोजगार भी मिल गया है। अब कॉलोनी में और मोहल्ले में टैंकर आने की खुशी फिर देखी जा सकती है। जल संकट की आहट से ही आमजन सहम गया है। नर्मदा नायक के शहर में जल संकट दस्तक दे रहा है।

भगत….. बिन पानी सब सुन बाबा।                             बाबा.. पानी बचा कहां बेटा ना आंखों में और ना शहर में चारों ओर आपसी लड़ाई और वर्चस्व की लड़ाई में आम आदमी का पानी जरूर उतर गया है। आम आदमी अब अपने आप को ठगा सा महसूस करने लगा है हर तरफ से मार पड़ रही है ।अभी तो सबसे ज्यादा पूरा शहर जल संकट से जूझ रहा है। वह भी अप्रैल माह के पहले सप्ताह में ही।

भगत…. कांग्रेसियों ने मटके फोड़े तो कई जगह पर चक्का जाम और आंदोलन शुरू हो गया है।

बाबा….. नगर निगम में विपक्ष की स्थिति में इन मीन साढ़े तीन सी है। राहुल पवार और दीपेश कानूनगो ,टोप्पो और फिर बाकी महिला पति है राहुल भी पार्षद पुत्र है। फिर सामने महापौर पति है। उसके बाद भी नगर निगम में कांग्रेस के दोनों नेता अपने स्तर पर विरोध प्रदर्शन कर ही लेते हैं इस मुद्दे पर पूरे विपक्ष को सामने आना चाहिए।

भगत… बाबा सत्ता पक्ष के नेता भी विपक्ष की भूमिका निभा तो रहे हैं।

बाबा….. जनता ने चुना ही इसलिए है कि नगर निगम में जनता की आवाज उठाओ फिर सत्ता संगठन से ज्यादा आम जनता की समस्या है ।और भ्रष्टाचार घोटाले के खिलाफ यदि सच बोलना पड़े तो बोलो।

भगत…. विरोध करने पर बाहर हो गए महापौर समिति से। बाबा…. महिला पार्षद रितु सावनेर द्वारा विरोध किया गया था ।तो बीच में दरबार धर्मेंद्र सिंह  को दरबार जाग गया। हमेशा सबके साथ रहने वाले और अपनी राजनीति से राजनीति करने वाले धर्मेंद्र सिंह को अचानक गुस्सा आ गया । फिर मामला महिला पार्षद का था। पक्ष में उतरे अजय तोमर को परिणाम भुगतना पड़ा। परिषद से बाहर हो गए।

भगत… महापौर नहीं बड़े जगह का मामला है।               बाबा…. सही बात है अंदर की बात यही है यहां पर राजनीति में धर्मेंद्र सिंह भारी पड़े बड़े वाले से  mic से बाहर करवा दिया। परंतु अब सत्ता पक्ष में भी मामला उलटा पड़ रहा है। महापौर के ऊपर पूरा मामला आ गया है एक तो पूरी नगर निगम वैसे ही इस बार स्वास्थ्य से लेकर हर मामले में पिछड़ने के साथ समदड़िया कंपनी के कारण चर्चा में है। तो अब यह आ बेल मुझे मार वाली कहावत चरितार्थ हो रही है।

भगत…. राम यादव का कुछ दिन पूर्व समदड़िया से विवाद और अचानक एम आई सी से बाहर होना । बाबा….. भले ही महापौर और राम यादव के बीच आपसी मामला हो लेकिन आम जनता में इसे समदड़िया के विवाद के बाद हटाना चर्चा का विषय बना हुआ है। क्या कंपनी वाले इतने भारी है।

भगत… महिला पार्षद को स्थान मिला।

बाबा… ममता बाबू यादव पूर्व परिषद में एमआईसी सदस्य थी और इस बार उन्हें मौका नहीं दिया था लेकिन ढाई वर्ष के कार्यकाल के बाद मजबूरी में आखिर ममता को और अंतिम को अंतिम समय में लाना पड़ा पहले ही अगर यह सब हो जाता तो इतनी बात ही नहीं होती। भगत…. जैसे किसी की थाली में भोजन रखकर वापस लेना। बाबा… सही बात है अजय तोमर और राम यादव का मामला यही है ।इसलिए यह मामला यहीं पर थमने वाला नहीं है यह आपस में और वैमनस्ता बढ़ाएगी। महापौर के पुतले दहन से शुरुआत हो गई है। आम जनता में देवास की जन समस्या हल करने के बजाय आपस में ही विरोध प्रतिरोध की अलग प्रतिक्रिया है। । फिर एम आई सी मैं रहने पर इतनी बड़ा मामला नहीं था। जितना इनको हटाने पर जनता के बीच सहानुभूति और प्रचार यह स्वयं कर लेंगे। फिर बड़े वाले नेता जी के गुट में है। जो प्यादे को वजीर बनाकर वापस जिंदा कर लेते हैं। तो वह कहां इस मुद्दे को छोड़ने वाले उल्टा राम यादव और अजय तोमर को प्रदेश तक और शहर में जो नहीं पहचानता था वह भी पहचानने लग जाएगा। इनको दोनों को तो मौका मिल गया अपने वार्ड में सहानुभूति अलग कि हमारे को तो अब हटा दिया है हम क्या करें। जबकि पार्षद है ही परंतु हर जगह यह भुना लेंगे।

भगत… शराब की दुकानों का भी विरोध हो रहा है।

बाबा…. पहले अवैध शराब बेचने वालों से परेशान जनता ठेकेदार द्वारा भी इस बार नई-नई जगह अपनी मनपसंद की वह भी नियम को ठेंगा बता कर जमाली है। आम जनता विरोध करती भी है तो कौन ध्यान देता है 2 दिन तक विरोध चला रहा आखिर में सांसद महेंद्र सिंह सोलंकी के पास जब जनता गई तो सांसद ने कम से कम इनकी सुनी  अपनी शैली में अधिकारी को समझा दिया वह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।

भगत….. सांसद द्वारा नशे के खिलाफ अभियान छेड़ दिया है। बाबा….. पहली बार में सांसद द्वारा अभियान चलाने पर कई अवैध कारोबारी को धंधा बंद करना पड़ा। अब दूसरी बार में सांसद अवैध नशे के व्यापार के खिलाफ खुलकर आए हैं। अच्छी बात है जनप्रतिनिधि अगर इस तरह आमजन के लिए मैदान में आते हैं तो निश्चित ही शहर का माहौल बदलता है ।फिर नशे के सौदागर जो हमारे युवा पीढ़ी को खोखली कर रहे है। ड्रग्स जैसे नशे के कारण देश की युवा पीढ़ी बर्बादी की राह पर जा रही है। इस अभियान में सभी को साथ होना चाहिए क्योंकि यह अभियान पूरे प्रदेश और देश में चलना चाहिए और पुलिस प्रशासन द्वारा चलाए भी जाता है। लेकिन समय-समय पर सत्ता पक्ष के संरक्षण के कारण कई शहर और गांव में अपराधी बेखौफ धंधा कर रहे है। इनका इतना कद बढ़ चुका है कि पुलिस और अन्य विभाग इन पर कार्रवाई करने से पहले सोचते हैं परंतु यदि जनप्रतिनिधि वह भी दमदार हो तो सब कुछ हो सकता है। इस विषय पर सभी को एक होना चाहिए क्योंकि आंच कल से हमारे परिवार पर भी आएगी किसी का परिवार नशे में बर्बाद होगा तो धीरे-धीरे बद्दुआ और परिवार के किसी सदस्य को निश्चित चपेट में लेगा।

भगत… कई मुद्दे इन मुद्दों में दब गए।

बाबा… समझ गया नगर निगम में कर्मचारी वेतन वाला मामला और कई महत्वपूर्ण भ्रष्टाचार के मामले थे। परंतु कोई चीज दबाने से दबती है क्या आज नहीं तो कल उठेगी आज तो जल संकट और अवैध ड्रग्स माफिया के खिलाफ आवाज उठ रही है बहुत अच्छा है।

भगत… ब्रिज भी शुरू नहीं हो रहा है।

बाबा…. हमारे देवास में अधिकारी जनप्रतिनिधि को कहीं ना कहीं पर बड़े सब्जबाग दिखा कर लुटिया डूबा देते हैं। यह ब्रिज पहले मौत के कारण और अब बंद होने के कारण फिर चर्चा में है ।अधिकारी तो अपना काम कर चले गए और अब जो अधिकारी वह भी कछुए की चाल से डिवाइडर बनाकर फिर इस मुद्दे को आगे बढ़ा रहे हैं।

भगत… बहती गंगा में फिर प्रदीप चौधरी भी मैदान में आ गए हैं।

बाबा… देवास में बोला ना कि सत्ता पक्ष की विपक्ष है तो विपक्ष में भी अलग-अलग विपक्ष है फिर प्रदीप चौधरी मुद्दे अलग-अलग लाते हैं। इस पर कल चर्चा करेंगे आज के लिए इतना ही कल मिलेंगे। अभी बहुत सारी बातें रह गई है ।अभी नल आने की आवाज जैसी आहट आ रही है देखते हैं। नल तो नहीं चल पड़े जय हिंद जय भारत।

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