राजधानी के अनुभवी कलेक्टर से विकास की उम्मीद, सिविल लाइन मार्ग का नाम बदलकर समदड़िया मार्ग, जिला चिकित्सालय में अमलतास का फूल, ब्रिज पर डिवाइडर का प्रयोग, महामंत्री उपाध्यक्ष और प्राधिकरण के दावेदार, जिला अध्यक्ष पूर्व प्राचार्य वाली शैली में, भाजपा में महामंत्री और प्राधिकरण की दावेदारी, श्वान का जन्मदिन postr चर्चा का विषय, गोपाल अग्रवाल का सम्मान, गरीब की … सबकी भाभी, पुलिस अधीक्षक को थोड़ा और ….

भगत ….. बाबा प्रणाम। बाबा….. प्रणाम।

भगत…… लो बाबा अब कलेक्टर भी बदल गए। पुराने भी अच्छा कार्य कर रहे थे। बाबा….. भारतीय जनता पार्टी सरकार में कुछ बदले ना बदले कलेक्टर एसपी जरूर बदल जाते हैं चाहे वह कितना ही अच्छा कार्य करें फिर यह अच्छी बात है कि उनको अच्छा जिला भी दिया जाता है नहीं तो लूप लाइन में भी सीधे चले ही जाते हैं।

भगत…. ऋषव गुप्ता को फरवरी कारण से मनपसंद जिला मिला।                           बाबा… देवास में इनका कार्यकाल अच्छा रहा पूरे जिले की एक-एक गांव से लेकर शहर की नब्ज हाथ में थी तो विकास कार्य के साथ सेवा कार्य और फिर दबंगता के साथ कहीं भ्रष्टाचार की प्रकरण में बड़ी कार्रवाई कर प्रशासनिक सुधार का प्रयास किया तो अब धर्मपत्नी के पास वाला जिला मुख्यमंत्री ने पुरस्कार के रूप में दिया। जब अच्छा कार्य करोगे तो जनता जनप्रतिनिधि और स्वयं को भी अच्छा लगेगा।

भगत…. नवागत ऋतुराज सिंह के लिए भी देवास में कुछ करने का अवसर है।      ।        बाबा…. कलेक्टर ऋतुराज सिंह से उम्मीद तो जनता की रहेगी ही कोई भी नया अधिकारी आता है तो जनता कुछ उम्मीद लगा ही लेती है कि कुछ नया करेंगे और अच्छा करेंगे अपने जिले के लिए शहर के लिए। तो देवास में इनके भोपाल राजधानी में 3 वर्ष कार्यकाल का लाभ मिलेगा और फिर मुख्यमंत्री की पसंद का कारण भी आने वाला उज्जैन का सिंहस्थ है। जिसमें देवास में विकास की संभावना ज्यादा है युवा कलेक्टर विकास के साथ व्यवस्था में सुधार के भी संकेत दे रहे हैं। आते ही जिलाधिकारी को जिला मुख्यालय पर रहने के  निर्देश दिए हैं। तो जिला चिकित्सालय से सुधार का प्रयास किया है।

भगत….. कई विभागों में तो अधिकारी इंदौर उज्जैन घर बैठे ही काम चला लेते हैं।       बाबा…. सही बात है बेटा जिला मुख्यालय पर अधिकारी रहेंगे तो ढंग से कार्य कर पाएंगे। नहीं तो ऊंट पर बैठकर बकरी चराने वाला ही हाल कई विभाग का हो जाता है फिर कहीं विभाग तो ऐसे जिसमें दो-तीन जिलों के प्रभार अधिकारी के पास है। फिर भी जिला मुख्यालय पर यदि अधिकारी निवास करते हैं तो कुछ तो सुधार आएगा ही। विकास के साथ व्यवस्था में सुधार भी होना चाहिए वरना समय ऐसा निकल जाता है कि वर्तमान पूर्व हो जाते हैं ।जो कर गए वही यादगार और एक तीसरे कैमरे ईश्वरी शक्ति के यहां भी गिनती में आता है।

भगत….. सिविल लाइन मार्ग को लोग समदड़िया मार्ग भी बोलने लगेंगे।               बाबा….. इसके पूर्व कलेक्टर के पूर्व कलेक्टर और कमिश्नर ने देवास में विकास तो बहुत कुछ किया। लेकिन देवास की दूसरी पाती  को समदड़िया ग्रुप को जैसे बेच दिया हो। घर बेच कर तीरथ करने वाली कहावत देवास नगर निगम निर्माण कार्य के बदले महंगी दुकान कलेक्टर कार्यालय के निर्माण के बदले महंगी दुकान और फिर सबसे टॉप लोकेशन सिविल लाइन को भी बेच दिया ।कैसे यह सब संभव हो गया अब जनता को समझ ही नहीं आ रहा है । आम जनता को तो नजूल विभाग से एनओसी लाने में ही लंबा समय लगता है इन्होंने तो पूरा नाजुल खरीद लिया। फिर नजूल की भूमि लीज पर मिलती है इधर तो सब ने पूरी लीज ही खरीद ली।अभी अपन बात करें सिविल लाइन की तो कभी यहां पर शासकीय अधिकारी और कर्मचारियों के क्वार्टर जिसमें आगे सुंदर सा बगीचा और पीछे भी छोटा सा हरा भरा बाड़ा बनाम बगीचा ही होता था। कर्मचारियों अधिकारियों ने मेहनत कर हरे भरे पौधे लगाए जो वट वृक्ष बन गए। सिविल लाइन मार्ग देवास नहीं पूरे देश में कहीं भी चले जाओ एक सुंदर प्राकृतिक माहौल वाली बस्ती नजर आती है लेकिन किसी हस्ती ने इस बस्ती को उजाड़ कर अब मार्केट में बदलने जा रहे हैं। हरे भरे पेड़ कुछ तो प्रत्यारोपण कर रहे हैं। लेकिन कुछ कसाई की तरह काटे जा रहे थे कि पास की क्षेत्र की ही जागरूक जनता के विरोध के कारण बच गए आज भी पर्यावरण प्रेमी हर जगह पौधों के लिए सड़क पर आने के लिए तैयार है ।जागरूक कॉलोनी वासियों को सेल्यूट। अब दुकान और मकान बनने से तो कोई रोक नहीं सकता। यह कैसा फैसला की मकान बनाने के लिए आधी जमीन वह भी सरकारी बेच दी। चलो अघोषित समदड़ीया मार्ग की बधाई ।

भगत …. सरकारी अस्पताल स्वयं बीमार है।     बाबा …..शासन द्वारा इतनी सुविधा संसाधन देने के बाद भी कुछ चंद चिकित्सक और स्टाफ के कारण देवास का महात्मा गांधी जिला चित्सालय की हालत खराब है।पूरे जिले का एक मात्र शासकीय चिकित्सालय होने से पूरे जिले के रोगी यही आते है ओर मजबूरी का नाम ही कहेंगे कि आम व्यक्ति गरीब मजबूर ही आएगा। जो निजी इलाज नहीं करवा सकता ।मजबूरी में वह अपने दर्द का इलाज करवाने आता है परंतु उस मजदूर मजबूर को भी यह नहीं छोड़ते ।दर्द के साथ एक ओर दर्द मुफ्त में लेकर जाता है।क्या मानवता चिकित्सालय में आकर ही मरती है । अब जबकि यहां पर नवागत जिलाधीश ने सुधार के लिए पहला कदम यहीं से उठाया है तो कुछ उम्मीद है  ।लेकिन यह हम ना सुधरेंगे की कसम खा कर बैठे हैं । यह अस्पताल जैसे है निजी मेडिकल कॉलेज को गोद दे दिया हो सरकार भले कमल के फूल की हो लेकिन यहां अमलतास का फूल खिलता है।            भगत…. नवागत जिला अध्यक्ष पुरानी प्राचार्य शैली में आ गए हैं।                               बाबा…. कुछ मधुर संबंधों के कारण अच्छी छवि प्रदेश में विरोधियों के लिए मुद्दा बन गई थी अब जब तीसरी पारी का है क्योंकि जिला अध्यक्ष रायसिंह सेंधव की पहली पारी प्राधिकरण अध्यक्ष दूसरी मध्य प्रदेश के पाठ्य पुस्तक निगम अध्यक्ष के बाद विधायक के प्रबल दावेदार होने के बाद भी इनको लंबे समय बाद जब पूरे जिले में कशमकश भरे माहौल में इनको पद मिला तो इसका महत्व और बढ़ गया अब जिला अध्यक्ष पूर्व प्राचार्य के कार्यकाल को देखते हुए भाजपा ने हाटपिपलिया से टिकट दिया था और चुनाव हारने के बाद फिर प्राधिकरण अध्यक्ष और पुस्तक निगम अध्यक्ष बनाया तब कहीं अच्छे कार्य के साथ कुछ विरोधियों के लिए अच्छे कार्य भी कर दिए। अब एक नई पारी नए अंदाज में सेंधव ने शुरू की है और शुरुआत में ही कांग्रेस से भारतीय जनता पार्टी में गुर्जर महासभा के पदाधिकारी को ले आए हैं। जिसमें सक्रिय पदाधिकारी मनोहर सिंह कराड़ा की भी महत्वपूर्ण भूमिका रही है। इस तरह भाजपा में पूर्व जिला अध्यक्ष राजू खंडेलवाल की ही तरह रायसिंह सेंधव कार्य कर रहे हैं। पूर्व जिला अध्यक्ष के कार्यकाल में देवास जिला पंचायत महिला अध्यक्ष कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल हुई थी जो कांग्रेस के एक प्रदेश लेवल के नेता जी के लिए झटका था। अब सेंधव सभी गुट को एक साथ लेकर चल रहे हैं ।तो बहुत जल्द जिले में स्वयं उनकी बड़ी टीम तैयार हो ही जाएगी ।अभी तो पूरे जिले में स्वागत और सम्मान का दौर जारी है। पहले जिला अध्यक्ष पूरा विधायक की मर्जी से काम करते थे ।अब विधायक यह दिखाने का प्रयास कर रहे हैं कि हमारा जिला अध्यक्ष बना है। कुल मिलाकर पावरफुल जिला अध्यक्ष है।

भगत…. प्रदेश के नेताजी मतलब भैया।                 बाबा…. हां बेटा सज्जन भैया की बात चल रही है। चुनाव के पहले जिला अध्यक्ष का झटका और फिर चुनाव के बाद अपने सबसे मजबूत किले से बाहर होने का झटका लगा। उसके बाद से देवास की राजनीति में कम रुचि ले रहे हैं। उनके समर्थक का पद जरूर अंगद की तरह फिक्स है।              भगत…. कांग्रेस में राजानी राज कायम है।                     बाबा….. प्रदेश स्तर के यह भी नेता है लेकिन मोह देवास से बाहर नहीं जाने दे रहा है। सेकंड लाइन तैयार नहीं होने दे रहे हैं। कितनी बड़ी बात है कि 2018 के चुनाव के पहले भी शहर कांग्रेस अध्यक्ष और अल्प माह की सत्ता का पूरा लाभ लेने के समय भी अध्यक्ष और सरकार गिरने के बाद से अभी तक अंगद के पैर की तरह जमे हैं। मतलब पलड़ा भारी है। परंतु विपक्ष यहां पर मतलब कांग्रेस के ही लगातार प्रयास में है कभी तो बदलाव आएगा ।

भगत…. प्रदीप चौधरी भी अतिथि कलाकार की तरह अचानक राजनीति में मैदान में आते हैं और फिर कब चले जाते हैं पता ही नहीं चलता है। बाबा…. ब्रिज का मुद्दा आते ही प्रदीप बाबू को करंट आ जाता है। और आ गए मैदान में खैर अच्छी बात है जनता के लिए आए तो सही अब ब्रिज का मुद्दा ठंडा हो गया है अब पीड़ितों के घर भी बस कुछ नेता ही जाते हैं।

भगत…. ब्रिज पर डिवाइडर बना रहे हैं।                  बाबा…. लोक निर्माण विभाग द्वारा पहले ही यह कदम उठा लेते तो कुछ तो राहत मिलती। करें कौन और भरे कौन की तरह किसके लापरवाही और बदनाम कौन । अब लोक निर्माण विभाग द्वारा कम से कम डिवाइडर अच्छी गुणवत्ता के बनाना चाहिए । करोड़ों की लागत के ब्रिज पर कैमरे बंद होने से लेकर कई खामियां हैं। चलो ब्रिज पर डिवाइडर बनने के बाद मां चामुंडा देवी रक्षा करें। अब कोई दुर्घटना घटना ना हो।

भगत… अब जिला अध्यक्ष के बाद प्राधिकरण अध्यक्ष और महामंत्री के दावेदार।        बाबा…. जिला अध्यक्ष के लिए भोपाल से दिल्ली तक एक हो गई तो अब देवास विकास प्राधिकरण अध्यक्ष और दूसरी महामंत्री भाजपा के लिए वही नेता प्रयास में है जो देवास महापौर से लेकर सभी पदों के दावेदार रहे हैं। और कहीं तो ऐसा है कि भले ही कुछ होना हो अपनी दावेदारी तो होना चाहिए। नाम चल जाएगा इसमें ही काम चल जाएगा।

भगत….. पुलिस अधीक्षक ने बहुत कम समय में बहुत कुछ बदलाव कर दिया है।        बाबा…. पुलिस अधीक्षक पुनीत गहलोत की स्वयं की लगातार मेहनत है तो उनके साथ टीम भी अच्छे अधिकारियों की है बस निचले लेवल पर कुछ पुलिस जवान की शैली को जरूर बदल दे सबसे बढ़िया तो जो बाईपास और मुख्य जगह पर एंट्री चलती थी जो सीधे जनता को दिखाई देती थी वह अब सीधे तो नहीं दिखाई दे रही है ।यही बहुत है। शहर की सट्टा बाजार में प्रमुख सटोरिया भूमिगत है या जिला बाहर अपना व्यापार कर रहे हैं। तो ड्रग्स माफिया जरूर सक्रिय है और दादा पहलवान का राजनीति जलवा है । खैर पुलिस अधीक्षक ने बहुत कुछ बदल तो दिया है । अभी एक खास जबरन बने चले पर बड़ी शराब की कार्रवाई भी यह दर्शाती है कि अपराध करने वाला अपराधी कोई सा भी चोला पहन लो पुलिस अपनी कार्रवाई करेगी। अब थोड़ा सा राजनेताओं पर भी एक नजर पड़ जाए जनता की नजर में तो सब खुला खुला दिखता है ।बस पुलिस अधीक्षक से थोड़ी सी उम्मीद है कि थोड़ा धीरे-धीरे ही सही बदलाव तो होगा हमारा शहर अपराधियों से अपराध से मुक्त होगा।

भगत… कुत्ते जी का जन्मदिन का पोस्टर चर्चा का विषय रहा।

बाबा…. यह कोई पहली बार नहीं लगा है। हर दो-तीन साल में किसी न किसी शहर में लगाया जाता है और जब लोग पहले पोस्ट भूल जाते हैं उसके फिर लग जाता है ।कुछ दिन चर्चा का विषय रहता है। अब यह बात अलग है कि इस समय संयोग से किसी व्यक्ति विशेष का जन्मदिन आ जाए तो वह और उसके समर्थक अपने ऊपर ले ले तो बात अलग है। नहीं तो इसके पहले भी इस तरह के पोस्टर या पोस्ट आती रही है ।फिर फ्लेक्स कंपनी के संचालक भी फ्री फोकट के फ्लेक्स से परेशान रहते हैं आए दिन वह भी यह सब कर प्रयास करते हैं कि नेताजी को बुरा लग जाए और जन्मदिन नहीं मने । अब अपराधी और अपराध जगत से जुड़े लोगों के लिए तो यह बुरा मानने जैसी बात है। लेकिन आम नेता और समर्थक तो मनाएंगे । और मनाना भी चाहिए । क्योंकि नेताजी के जन्मदिन पर कुछ तो धन बाहर आता है। ढोल वाले पैसे वाले से लेकर पटाखे मिठाई और फूल हार बेकरी वालों का भी व्यापार चलता है। भी फिर बात करें कुत्ते जी की तो पशु प्रेमी की तो इस शहर में कमी नहीं है कुत्ते खासकर आवारा से पूरा शहर परेशान है। रोज जिला चिकित्सालय में जाकर देख लो सबसे ज्यादा कुत्ते के काटने खास कर गरीब मध्यम वर्ग की वर्ग के प्रकरण आते हैं। आवारा कुत्ते पर कार्रवाई होने पर कहीं पशु प्रेमी और मानवता बस इन्हीं पर बरसती है लेकिन छोटे-छोटे बच्चे स्कूल जब साइकिल से जाते हैं या पैदल जाते हैं और उनके साथ घटना घटती है तब केवल दर्द उस परिवार को और उन बच्चों को ही होता है बड़े क्या समझे जो बड़ी गाड़ी में इनके बीच से निकल जाते हैं।

भगत….. गोपाल अग्रवाल जी का सम्मान हुआ।          बाबा….. आम जनता की समस्या उठाने वाले और फिर उसको हल करने के लिए अथक प्रयास करने वाले एक आम नागरिक का सम्मान प्रशंसनीय है। हमारे शहर में की जनता बहुत जागरुक है अपने शहर की समस्या को उठाने के साथ जो गलत हो रहा है उसका भी खुलकर विरोध करती है फिर सोशल मीडिया के आने के बाद तो जागरूकता और बड़ी है। गोपाल अग्रवाल जी जैसे बहुत से समाजसेवी है जिनका भी आने वाले कल में परेड ग्राउंड पर स सम्मान सम्मान होना चाहिए।

भगत…. नगर निगम स्वच्छता अभियान में लगा है।       बाबा…. देवास नगर निगम यानी गरीब की… सबकी भाभी सा हाल है उस पर स्वच्छता मिशन आ गया। नगर निगम से सभी राजनेताओं को लाभ चाहिए लेकिन इसके लिए इसको बचाने के लिए बहुत कम लोग हैं। वही स्टाफ वही संसाधन उसके बाद भी नगर निगम कर्मचारी अधिकारी देवास को स्वच्छ बनाने के लिए लगातार प्रयासरत है। अब जनता को भी इसमें पूरा सपोर्ट करना होगा जो नगर निगम है उसकी बुराई भलाई और अन्य बाद में देख लेंगे अभी आया है समय कि हमारा देवास भी देश में नहीं तो प्रदेश में अच्छे स्थान पर आए नंबर वन आ भी जाएगा यदि देवास की जनता ठान ले । इस बार अधिकारी जनप्रतिनिधि और जनता एक साथ हमारे अपने देवास को नंबर वन लाने के लिए पूरा प्रयास करें।  फिर मिलेंगे भगत राम राम जय हिंद जय भारत

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