कलेक्टर के साथ अब पुलिस अधीक्षक ने की पारी की धमाकेदार शुरुआत……….. अच्छे नेता जी के जुए के अड्डे पर छापा ओर जनता दरबार……………. स्वास्थ्य विभाग का हुआ स्वास्थ्य खराब…………. नगर निगम में वेतन के लाले पड़े……. यह नगर निगम की पीसी क्या है…………………..प्रदेश में संभाग बड़े जिले बड़े और देवास का बागली खातेगांव आज भी वेटिंग लिस्ट में….. शहर में अवैध कॉलोनी………… पूर्व मंत्री जोशी की वापसी दिल्ली से………………….क्या देवास विधानसभा परिसीमन के बाद …
भगत….. ……बाबा प्रणाम। पुलिस अधीक्षक भी प्रारंभिक पारी धमाकेदार खेल रहे हैं। बाबा….. हां बेटा देवास कलेक्टर ऋषव गुप्ता के साथ अब लगता है पुलिस अधीक्षक की जोड़ी भी जमेगी। देवास कलेक्टर ने अपने कार्यकाल में इतना कुछ कर दिया कि अब उनका नाम प्रदेश में एक अलग कलेक्टर के रूप में लिया जाने लगा है ।तो लंबे समय बाद पुलिस अधीक्षक पुनीत गेहलोद ने भी अपनी पारी की शुरुआत तो धमाकेदार इसलिए बोलना पड़ेगी की कुछ तो कार्य अच्छा शुरू कर दिया है।
भगत …. ………….अच्छे भैया के जुए के अड्डे पर छापा । बाबा…. शहर कोतवाल अजय गुजर ने देवास के दो अड्डों पर अचानक छापा मार कर नेताजी की नेतागिरी का भूत निकाल दिया है जहां पर पुलिस के अधिकारी भी पहले वापस लौट गए थे इस बार पुलिस नेताजी को भी लेकर आ गई। हालांकि बाद में नेताजी थाने से फिल्म मिस्टर इंडिया की तरह चले गए। फिर भी बात बड़ी है कि दोनों जगह सत्ताधारी नेताओं का नाम से ही काम चल रहा था अच्छे नेताजी अच्छू पिछु बन गए राजनीति में देर जरूर लगती है लेकिन एक दिन अच्छे नेता का आता है यदि वह इन बुरे कार्यों में लिप्त न रहे। फिर घर से संपन्न सब कुछ और इतने वर्ष एक ही संगठन में सेवा देने के बाद थोड़े से लालच में सब कुछ गवा बैठते हैं। खैर अभी बाद पुलिस अधीक्षक की चल रही है तो पुलिस अधीक्षक ने सबसे बढ़िया गांव-गांव थाने थाने पर चौपाल जनता दरबार लगना शुरू कर दिया है यह सबसे अच्छी बात है सीधे आम जनता से थानेदार मिलेगा तो कुछ पुलिस का डर अपराधियों को और जनता का डर दूर होगा पुलिस से। फिर साइबर सेल से आम जनता के रुपए वापस लौटना सुखद खबर है पुलिस पहले तो रिपोर्ट लिखने से और फरियादी को केवल टालने के अलावा कुछ नहीं करती है अब यदि ठगी के चोरी के और लूट के पैसे अगर चंद दिन में वापस मिलते हैं तो पुलिस कुछ तो कर रही है। नशा करने वाले महिलाओं को परेशान करने वालों पर सख्त कार्रवाई के साथ टोल पर और अन्य स्थान पर दादागिरी हफ्ता वसूली करने वाले के खिलाफ भी सख्त कार्रवाई की जा रही है अभी तो पुलिस अधीक्षक को आधा महीना हुआ है और लग रहा है कि देवास में बहुत कुछ हो रहा है।
भगत… अवैध शराब और ड्रग्स का व्यापार तो खूब फल फूल रहा है। बाबा…. हां बेटा पुलिस दूसरी जगह व्यस्त है शायद अवैध शराब और ड्रग्स के मामले में कुछ अलग हो नहीं तो सब चल ही रहा है। सुनने में तो यह भी आ रहा है कि देवास में बहुत जल्द सट्टे और जुए के अड्डे आबाद होने जा रहे हैं। वैसे लगता नहीं की पुलिस अधीक्षक की जिस तरह की कार्य शैली है देवास में सट्टा जुआ में शराब और ड्रग्स का व्यापार चलेगा। राजनीति संरक्षण देने वालों नेताओं को छोटी सी बात की इन लोगों को संरक्षण की जगह अगर अन्य नंबर 1 के व्यापार में उतार दो और देखो तुम्हारी टीम चार गुना बढ़ाने के साथ तुम्हारा व्यक्तित्व भी और राजनीतिक कद भी बढ़ता ही चल जाएगा। एक पार्षद भी प्रदेश और देश के उच्च स्तर पर जा सकता है चाहे बीजेपी हो या कांग्रेस ईमानदार नेता सिद्धांतवादी नेता को देर से ही सही एक दिन उच्च पद जरूर मिला है और उनका आज भी सम्मान है । फिर तुम्हारे पास तो सब कुछ है पर छोटी सी बात समझने की बात है। फिर समझना नेताजी के समर्थकों को भी चाहिए कि अपने नेता को अपने स्वार्थ के लिए क्यों बदनाम कर रहे हो ।अच्छा समर्थक तो वही है जो अपने नेता का सम्मान और कद बढ़ाने के लिए अपना स्वार्थ छोड़ कुछ अलग कर दिखाएं। कई नेताओं के भाई और रिश्तेदार ने तो अपने परिवार में नेता बनने के बाद अपना व्यापार तक बदल दिया । और किसी ने अच्छा भला ईमानदारी का व्यापार छोड़ इन बेईमानों का साथ पकड़ लिया।फिर यह बात भी है। कि एक एहसान और करना कि मुझ पर कोई एहसान न करना।
भगत… अच्छा है कलेक्टर के साथ पुलिस अधीक्षक भी अभी तो कुछ अच्छा कर रहे हैं। बाबा…. हां बेटा देवास में कलेक्टर एसपी एडिशनल एसपी और एडीएम जिला पंचायत सीईओ और कुछ अधिकारी है जो कार्य करना चाहते हैं लेकिन देवास नगर निगम और कई विभाग से हैं जहां अभी बदलाव की अत्यंत आवश्यकता है।
भगत…….. नगर निगम में सबसे ज्यादा हालत खस्ता है। बाबा…. देवास नगर निगम में अब पूर्व कमिश्नर की याद सबको आ रही है। इससे तो पहले वाले अच्छे थे पूरी नगर निगम की व्यवस्था ही बिगड़ गई है सबसे ज्यादा स्वास्थ्य विभाग की हालत खराब है स्वास्थ्य विभाग स्वयं बीमार हो गया है अब जब डॉक्टर ही बीमार हो तो फिर जनता की हालत तो खराब होगी ऐसे समय में अगर स्वच्छता का सर्वे हो गया तो हमारा देवास कौन से नंबर पर आएगा समझ सकते हैं। कर्मचारी के वेतन के लाले पड़ रहे हैं ऐसा क्या अचानक हो रहा है की टॉप पर चलने वाला नगर निगम धीरे-धीरे सबसे पीछे जा रहा है। नगर निगम में ठेकेदारी प्रथा का ज्यादा बोलबाला है। ठेकेदारी प्रथा में जो कार्य नगर निगम के कर्मचारी अधिकारी को करना चाहिए वह भी ठेके पर जा रहे हैं। फिर दूसरे निर्माण कार्य के ठेकेदार तो देवास नगर निगम में पुराने ही कार्य कर सकते हैं। जिनको इंजीनियर या इंजीनियर को वह चला रहे हैं नहीं तो नए तो पीसी में ही बोल जाते हैं।
भगत…. यह पीसी क्या होती है बाबा बहुत चलता है नगर निगम में पी सी । बाबा…… बेटा सही बात है आम जनता को पीसी का मतलब समझना थोड़ा सा मुश्किल है लेकिन आसान भी है पीसी मतलब नगर निगम में किसी भी कार्य का भुगतान करने के लिए कमीशन और आम भाषा में बंटनी। जिसमें नंबर एक से लेकर नीचे तक पूरा कमीशन बांटने के बाद जो पैसा बचता है वह ठेकेदार का । सबसे पहले नगर निगम में पीसी का प्रतिशत 10 था अब बढ़ाते बढ़ाते 30 प्रतिशत तक आ गया है और ज्यादा ही मजबूर और कागज पर अगर काम हो गया हो तो 50% भी हो जाता है ।कोटेशन का कार्य बंद है परंतु कहीं कार्य अर्जेंट होने के कारण इंजीनियर अपना मामला कोटेशन का बना देते हैं। अब आम जनता को पी सी का मतलब समझ आ ही गया होगा। यह देवास नगर निगम में ही नहीं पूरे प्रदेश देश में हर विभाग में चलती है। बस हमारे देवास नगर निगम का नाम ठेकेदार प्रदेश में अलग रूप से लेते हैं कि देवास में सबसे ज्यादा पी सी लेने वाला निगम यहां पर कार्य लेना या नहीं पहले इंजीनियर या कमिश्नर महापौर सभापति नहीं तो किसी नेता के खास हो तो ही काम ले नहीं तो काम के बाद पीसी की राशि बढ़ सकती है और चप्पल की घिसने की भी।
भगत…. कई नेता तो महापौर की तैयारी कर रहे हैं 2027 की। बाबा…. हां बेटा यह परिषद का कार्यकाल इतनी जल्दी ढाई वर्ष पूर्ण होने जा रहा है की मालूम ही नहीं पता चला। अब ढाई साल मात्र बचे है जिसमें जो नेता पहले से तैयारी करके रखता है उसका निश्चित आने वाले समय में कहीं ना कहीं तो लाभ मिल ही जाता है फिर महापौर के साथ सभापति और पार्षद भी ।
भगत…… अच्छे नेता वार्ड में नए युवाओं का और जो बाहर से आए परिवार का नाम जुड़वा रहे हैं। बाबा….. सही बात है इस और बहुत कम नेता ध्यान देते हैं सब ज्यादा टिकट लाने से लेकर उच्च पद पर बैठने के लिए प्रयासरत रहते हैं लेकिन जो नेता जमीन पर अपने क्षेत्र में नाम जुड़वाने और फर्जी नाम कटवाने में लगता है सफलता उसी को मिलती है फिर इस समय तो चुनाव आयोग द्वारा नए नाम जोड़ने का कार्य सतत जारी है। जिला प्रशासन कलेक्टर से लेकर बी एल ओ तक आम जनता से खासकर युवाओं से अपने नाम जुड़वाने के लिए अपील कर रहे हैं। अब वार्ड में पार्षद के दावेदार के लिए यह अच्छा अवसर है अपने वार्ड में और दूसरे वार्ड में भी अपने समर्थक खासकर युवाओं के नाम जुड़वाएं और जो यहां से चले गए हैं उनके नाम आपत्ति लगाकर कटवा दे। वार्ड से ही शुरुआत करें अभी नाम जोड़ने के साथ क्षेत्र में लगातार जनसंपर्क रखे तो चुनाव के समय ज्यादा दिक्कत नहीं आएगी।
भगत….. ……………………….विधानसभा के दावेदार भी। बाबा…. ..परिसीमन होने के बाद निश्चित एक सीट बढ़ना है। तो देवास से दावेदार भी बढ़ सकते हैं। देवास विधानसभा दो भाग में बट जाती है तो देवास के दावेदार मैं जो महापौर नहीं लड़ सका उसे विधानसभा में तो चांस मिल सकता है। इस हिसाब से देवास में भाजपा और कांग्रेस में नेता जनता के बीच अभी से जगह बना ले तो आने वाला चुनावी सर्वे मैं जानता स्वयं उनके नाम नंबर वन पायदान पर पहुंचा देगी अब सर्वे में नंबर वन आने के बाद ही टिकट फाइनल होने लगे हैं तो क्यों न जनता के बीच अच्छी छवि बनाए।
भगत….. एक और दावेदार आ गए। बाबा….. समझ गया पूर्व मंत्री दीपक जोशी की बात कर रहा है। पुत्र के लिए वापसी के साथ दीपक जोशी के लिए इस बार प्रदेश के नेता के साथ एक राष्ट्रीय स्तर के नेता की अहम भूमिका रही मुख्यमंत्री और पूर्व मुख्यमंत्री को तो दिल्ली से अंतिम समय पर कुछ देर पहले केवल निर्देश दिया गया कि आपको दीपक जोशी को बुधनी में पार्टी में शामिल करना है। इस तरह भाजपा में लगातार तीन बार विधायक जीतने के बाद पहली बार में ही कांग्रेस में जाते ही अपनी मनपसंद टिकट लाने की बाद वापस उच्च स्तर पर आने को विरोधी अब गंभीरता से ले रहे हैं। क्योंकि दीपक जोशी ने पहले भी विरोधी को एक बार तो अपनी चाल में फंसा ही लिया है फिर चाणक्य कहे जाने वाले दीपक जोशी की वापसी से कांग्रेस में जरूर एक गुट को निराशा हुई तो भाजपा में उनके पुत्र और परिवार के साथ समर्थकों में खुशी व्याप्त है कि जिस पार्टी में इतने वर्ष दे दिए उसके खिलाफ बड़े बेमन से काम कर रहे थे । अब टिकट का मामला है तो 5 विधानसभा के बाद छठी होने जा ही रही है नहीं तो किसी न किसी के तो बूंदे बैठेंगे ।
भगत…. प्रदेश में अलग संभाग बन गए जिले भी बन गए और देवास का बागली, खातेगांव। बाबा…. बेटा इस बार फिर इन नेताओं का चुनावी मुद्दा यही रहेगा की बागली को जिला बनाएंगे और कन्नौद खातेगांव में खातेगांव को जिला बनाने के लिए फिर चुनाव के पहले मांग और प्रयास नतीजा वही का वही फिर जबरदस्ती काहे को इतना सारा जनता का और अपना समय अपनी बात खराब करते हैं। भौगोलिक स्थिति और आर्थिक स्थिति के हिसाब से भी देवास में खातेगांव या बागली विधानसभा में से एक को जिला बना ही देना चाहिए । जिला मुख्यालय पहले अफसर शाही ने अपने हिसाब से अब रोड पर इस हिसाब से रखा की देवास जिला कैसे बन गया। इसके बहुत ही पास में दो संभाग इंदौर और उज्जैन और मात्र 10 किलोमीटर पर जाते ही लगते हो वह मुख्य मार्ग पर अधिकारियों ने अपने हिसाब से जिला बना लिया था ।जबकि बागली खातेगांव दूर होने के साथ आर्थिक रूप से व्यापारिक रूप से और सभी सुविधा के हिसाब से भी कमजोर है। खासकर बागली क्षेत्र में आदिवासी मजदूरी नहीं मिलने के कारण दूसरी जगह रोजगार के लिए जाने पर मजबूर है ।और देवास में भी जिले में छोटा सा कार्य करने के लिए भी इतनी दूर आना होता है क्षेत्र में अभी तक पूर्व मुख्यमंत्री और नामी सांसद होने के बाद भी स्थिति वही की वही है बागली में नए विधायक मुरली भंवरा तो खातेगांव में हैट्रिक लगाने वाले आशीष शर्मा भी जिले को मंजूरी नहीं दिला पाए। क्षेत्र में बड़े कॉलेज और बड़ी इंडस्ट्रीज या बड़ी कोई जनहित देसी योजना तो ला सकते हैं। इस संबंध में विपक्ष में केवल शहर कांग्रेस अध्यक्ष ने मुद्दा उठाया है। परंतु बड़ा मुद्दा है कि बागली खातेगांव जिला बन जाना चाहिए।
भगत………………. अवैध कॉलोनी पर कार्रवाई क्यों नहीं। बाबा…. यह देवास का विकास तो है कि हमारे यहां दूर दराज से ग्रामीण मजदूर रहने आ रहे हैं और उनके लिए वैध कॉलोनी ना सही अवैध ही सही मकान का सपना तो पूरा कर रही है। हर तरफ अवैध कॉलोनी कटती है। तब तक इंजीनियर और संबंधित अधिकारी चुप रहते हैं। फिर कई बार कारण राजनीति भी है नेताजी और पार्षद भी अवैध कॉलोनी काट चुके हैं। फिर वैध की बात करें तो क्या यह सही है कितने नाले बंद कर दिए और कितने मौके से गुम हो गए। सरकारी जमीन पर कॉलोनाइजर ने बगीचे बना दिए। और टी एन सी विभाग केवल आंख मूंदकर एन ओ सी दे रहा है मैडम का अपना राज है जिस तरह कहीं विभाग में मैडम लंबे समय से पदस्थ है यहां भी अपना राज है फिर देवास में पूरे जिले में अभी तो जमीन और… ही चल रहे हैं। भगत………………….. आम गरीब के लिए मकान प्लाट खरीदना अब आसान नहीं। बाबा……. सही बात है आम जनता के लिए₹2000 से लेकर ₹4000 स्क्वायर फीट कॉलोनी वाले प्लाट मकान खरीदना एक सपना सा है। दिन पर दिन भाव बढ़ रहे हैं बेचारा आम मध्यवर्गीय बड़ा लोन लेकर प्लाट ले या मकान और फिर जीवन भर उसका कर्ज का बोझ लिए अपना जीवन बिताता रहे।
भगत…. प्रधानमंत्री आवास योजना है तो सही। बाबा… उसमें भी क्या आसानी से मकान मिल जाते हैं फिर मध्य वर्गी का क्या। वह या तो जानबूझकर बिल्कुल गरीब हो जाए या फिर मजबूरी में कॉलोनाइजर से महंगे मकान प्लाट ले।
भगत… देवास विकास प्राधिकरण भी तो कुछ नहीं कर रहा। बाबा…. देवास विकास प्राधिकरण ने जरूर प्रारंभिक दौर में देवास में अच्छी कॉलोनी आदि और उसे समय के तत्कालीन अध्यक्ष स्वर्गीय श्री चंपालाल गोस्वामी को आज भी याद किया जाता है जिन्होंने मुखर्जी नगर आवास नगर और विकास नगर में आम जन को बुला बुलाकर प्लाट मकान दिए और यहां तक की रोजगार से भी कई लोगों को लगा दिया उसके बाद प्राधिकरण अध्यक्ष ने प्रयास किए कुछ कॉलोनी काटी भी लेकिन शहर के आसपास की कीमती जमीन छोड़ दी गई यही हाल मास्टर प्लान का रहा मास्टर प्लान में भी वही सब बड़ों का खेल जिधर चाहे उधर ग्रीन बेल्ट और उनकी जमीन फ्री। कॉलोनाइजर ने प्राधिकरण से अपने आसपास की जमीन फ्री करने के साथ अच्छे लाभ के साथ बेच दी आज भी यही सब चल रहा है।
भगत………. अभी तो प्राधिकरण भी सुस्त हो गया है। बाबा…. अफसर शाही का राज है जब तक यहां पर जनप्रतिनिधि नहीं बैठेंगे मालूम ही नहीं पड़ेगा कि प्राधिकरण भी कोई जनता के लिए है खास बात की इसके कलेक्टर अध्यक्ष है जिनका देवास के नाम चल रहा है एक बार तो प्राधिकरण के माध्यम से भी जनता का उद्धार कर दे। फिर हम बात करें सरकार की तो भारतीय जनता पार्टी की सरकार में नगर निगम में ही अभी तक एल्डरमैन की नियुक्ति नहीं हुई है और कहीं विभाग ऐसे ही है तो प्राधिकरण अध्यक्ष से लेकर संचालक तक के पद तक खाली है चाहे किसी को भी बना दे लेकिन जनता की व्यक्ति यदि इन पदों पर बैठते हैं तो कुछ तो भला जनता का होता है ।नहीं तो नेताजी और उनके परिवार का भी भला जनता में ही कहलाएगा ना।
भगत…………… स्वास्थ्य विभाग की भी यही हालत है। बाबा…. देवास का स्वास्थ्य विभाग पूरे जिले का खराब है हम यहां नगर निगम की बात नहीं कर रहे स्वास्थ्य विभाग जहां नई जिलाधिकारी केवल दौरे करने के साथ बाकी वही कर रही जो अन्य अधिकारी कर गए आज छोटे से गांव से लेकर शहर में हालात खराब है जिला चिकित्सालय में सभी प्रयास होने के बाद भी आम आदमी मजबूर है ऐसा लगता है कि देवास जिला चिकित्सालय अब एक देवास के बड़े निजी चिकित्सालय कम रिसर्च और प्रशिक्षण के लिए अधिक जाने जाने और अधिक मौत के लिए पहचाने वाले चिकित्सालय की शाखा बन गया है।
भगत… एक अधिकारी फिर महिला की शिकायत पर घ घर के हो गए। बाबा… और भी कहीं है जिनके मामले सामने आ सकते हैं यह साहब तो पहले भी दूसरे जिले में भी इसी मामले में चर्चा में आए थे अब देवास में बुढ़ापे में तो बात अच्छी नहीं।
