पूर्व पार्षद इरफान अली पर महिला ने बहुत ही गलत तरीके से ज्यादती अत्याचार कर सामूहिक दुष्कर्म का प्रकरण दर्ज करने के बाद, देवास की राजनीति में उठ रहे सवाल, उपायुक्त शुक्ला पर हाथ उठाने और धमकी का मामला भी था खूब चर्चा में

देवास में भारतीय जनता पार्टी के पूर्व पार्षद और वर्तमान में पार्षद प्रतिनिधि इरफान अली और चार अन्य लोगों पर इंदौर कनाडिया थाने में सामूहिक दुष्कर्म का प्रकरण दर्ज होने के बाद अब राजनीति में भी सवाल उठने लगे हैं कि सत्ताधारी नेता पर पर क्या पुलिस प्रशासन बड़ी कार्रवाई कर पाएगा क्योंकि महिला ने जिस हिसाब से रिपोर्ट लिखी है वह बहुत ही दर्दनाक तरीके से उसके साथ दुष्कर्म की कहानी स्वयं कह रही है। जबकि पुलिस प्रशासन आम कोई से भी व्यक्ति के छोटी सी भी प्रकरण पर घर के मकान तक तोड़ देती है और कई धाराओं में प्रकरण दर्ज करती है। फिर अब दूसरी बात संगठन की है कि संगठन में भारतीय जनता पार्टी ने उनकी पत्नी को टिकट दिया और इसके पूर्व इनको भी टिकट देने के साथ अल्पसंख्यक मोर्चे में पदाधिकारी बनाया था क्या संगठन अनुशासनात्मक कार्रवाई करेगा। भारतीय जनता पार्टी के उच्च पदाधिकारी भी इस पर एक्शन लेंगे। इरफान अली देवास राजनीति में विधायक के नजदीक होने के साथ मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्र से पार्षद बना और भारतीय जनता पार्टी का खाता मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्र रसलपुर मैं खोला । उसके बाद भारतीय जनता पार्टी ने उसकी पत्नी को टिकट दिया तो वह भी जीत गई। वैसे तो कई मामलों में इरफान अली चर्चा मे रहा लेकिन पिछले वर्ष 22 सितंबर को उपायुक्त पुनीत शुक्ला पर हाथ उठाने और धमकी देने के मामले में कोतवाली पुलिस में शिकायत दर्ज होने के बाद और चर्चा में आ गया था। जिस पर सत्ता धारी होने के कारण कोई बड़ी कार्रवाई नहीं हुई और मामला ठंडा बस्ती में चल गया लेकिन यह मामला अब विपक्ष कांग्रेस के लिए मुद्दा बन गया है। तो मीडिया में भी पूरे प्रदेश में चर्चा का विषय।

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