देवास-भोपाल हाईवे टोल टैक्स बना आय का स्त्रोत, जबरन वसूला जा रहा टैक्स, इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में मुद्दा हाइलाइट होने के बाद अब कांग्रेस मैदान में, प्रदेश के कई मंत्री विधायक सांसद रोज निकलते हैं इस मार्ग से इस गंभीर मुद्दे पर अब तक नहीं किसी का ध्यान, कब तक जनता सहेगी टोल टैक्स

आम जनता किस तरह ठगी जा रही है यह कोई एक क्षेत्र नहीं है उसके साथ हर जगह केवल छलावा हो रहा है और ऐसा ही मुद्दा देश के एक प्रमुख चैनल पर उठने के बाद अब देवास कांग्रेस ने इस मुद्दे को प्रमुखता से उठाया है । मामला है देवास-भोपाल हाईवे को फोरलेन बनाने में सरकार को 2010 में करीब 463 करोड़ रुपए खर्च आया था। इसके बदले में भाजपा सरकार ने देवास-भोपाल के बीच वाहनों से अलग-अलग शुल्क पर टोल टैक्स वसूलने हेतु टोल बूथ का निर्माण किया, जिसका संचालन निजी क्षेत्र को सौंप दिया गया। उनके द्वारा विगत 2010 से लेकर 2024 आज तक टोल वसूला जा रहा है। 1 जनवरी 2021 से 1 जनवरी 2022 तक 293 करोड़ रुपए टोल वसूला गया, यानी हर दिन करीब 81 लाख रुपए रोजाना टोल टैक्स लिया गया। प्रदेश की प्रमुख टोल सड़कों पर सालाना 7 प्रतिशत टोल टैक्स बढ़ाया जा रहा है। इसके चलते इन टोल की कमाई इन्हें बनाने की लागत से 10 से 20 गुना तक ज्यादा हो चुकी है। अभी प्रदेश में सबसे ज्यादा कमाऊ सड़क है, भोपाल-देवास रोड इस 141 किमी सड़क को 12 अगस्त 2010 को 463 करोड़ रु. में बनाया गया था, लेकिन बीते 10 साल में इन टोल से 1124 करोड़ रु. की कमाई हो चुकी है। शहर जिला कांग्रेस अध्यक्ष मनोज राजानी व कार्यकारी अध्यक्ष प्रवक्ता सुधीर शर्मा ने बताया, कि जब देवास-भोपाल के बीच बने टोल पर लागत से ज्यादा मुनाफा सरकार को मिल चुका है तो या तो इन टोल बूथ को बंद कर दिया जाना चाहिए या जो अभी वाहनों से शुल्क लिया जा रहा है, उसे आधा कर देना चाहिए। टोल बूथ बंद कर दिए जाने या शुल्क आधा कर दिए जाने से ट्रांसपोर्टेशन जब सस्ता होगा तो उसका असर महंगाई कम करने पर होगा। कांग्रेस ने मांग की है कि प्रदेश की डा. मोहन यादव सरकार इस पर पुनर्विचार करें। जिस तरह से उन्होंने बॉर्डर पर बने टोल प्लाजा को बंद किया है, इन टोल बूथों पर भी विचार करें। बहुत अच्छी बात है कि हमारे देवास नहीं पूरे प्रदेश के इस मार्ग से जबरन वसूली की समस्या को कांग्रेस ने प्रमुखता से उठाया तो सही जबकि इसी मार्ग से प्रदेश के मुख्यमंत्री से लेकर कहीं मंत्री तो रोज निकलते हैं तो विधायक और सांसद भी लेकिन किसी का ध्यान इस और नहीं जा रहा है। जबकि एक चैनल द्वारा इसे प्रमुखता के साथ उठाकर पूरी सरलता से समझा भी दिया गया है कि किस तरह आम जनता के साथ यह छलावा हो रहा है। आम जनता जिनको विकास के नाम पर टोल टैक्स थोपे गए हैं वह जमाने भर के कर देने के बाद रोड टैक्स अलग देती है। जब वह वाहन खरीदने हैं तो इस समय पर सभी टैक्स लग जाते हैं उसके बाद फिर यह टोल टैक्स अलग से क्यों। अब जबकि वसूला ही जा रहा है तो इसकी लागत पूरी होने के बाद तो जनता पर रहम करना चाहिए। भले ही यह मुद्दा कांग्रेस ने उठाया हो लेकिन अब आम जनता को और सभी विधायक और सांसद जनप्रतिनिधि को इस मुद्दे पर विशेष ध्यान देना चाहिए और बहुत जल्दी यह टोल टैक्स बंद कर जनता को राहत देना चाहिए । अब देखना है कि कांग्रेस के बाद क्या कोई सत्ता पक्ष क्या नेता या और अन्य इस मुद्दे को उठाते हैं या यह मुद्दा कुछ दिन विरोध के बाद आम जनता से रोज टोल टैक्स की जबरिया वसूली चलती रहेगी। —