कलेक्टर फार्म पर चल रहे हैं…… सीएमएचओ का ग्रामीण दौरा…. कमिश्नर और पार्षद प्रतिनिधि… विधायक और मंत्रिमंडल के चर्चे… सोनकच्छ एसडीएम शिवा…. पूर्व मंत्री का भ्रष्टाचार के खिलाफ बिगुल …. निष्क्रिय जनप्रतिनिधियों और एयरपोर्ट जाना…. प्राधिकरण अध्यक्ष और संचालक कतार में… संविदा कर्मचारी भैंस के आगे बीन बजाए

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भगत  –  बाबा प्रणाम। बाबा – प्रणाम  क्या खबर लाए हो।

भगत-  कलेक्टर गुप्ता जी फार्म पर चल रहे हैं।

बाबा — काम ही तो कर रहे हैं अपना अधिकारी अपना काम इमानदारी से करने लग जाए तो अलग ही पहचान बनती है फिर कलेक्टर गुप्ता व्यवस्था में सुधार चाहते हैं और यह होना भी चाहिए सरकार बदलती है अधिकारी बदलते हैं कुछ बदले तो बदलाव होगा वरना एक नाम और सूची में बस जुड़ जाता है। देवास जिले में अब कलेक्टर का नाम आमजन में तो लिया कि जा रहा है। सबसे ज्यादा कर्मचारी वर्ग मैं रोज आम भाषा में भी लिया जा रहा है जी हां देवास कलेक्टर ऋषव गुप्ता ने कार्यभार संभालते ही देवास के दूरस्थ अंचल के ग्रामीण क्षेत्र में दौरा कर वहां की समस्याओं से रूबरू होने के साथ उनके निराकरण का प्रयास किया तो शासकीय कार्यालय में वे कार्यालय जहां पर उच्च अधिकारी कम ही पहुंच पाते हैं वहां तक पहुंच गए हैं। जिसके कारण अब विभाग में चर्चा रत रहते हैं समय पर पहुंच जाओ नहीं तो कलेक्टर किसी भी समय औचक निरीक्षण पर आ सकते हैं और इस बार तो गुप्ता जी ने तहसीलदार से लेकर बाबूजी तक को सबक सिखा दिया पहली बार किसी कलेक्टर ने एक माह में इतने शोकॉज नोटिस दिए गए है जिसका निश्चित असर होगा ।आगे और भी बहुत कुछ हो सकता है बस कलेक्टर का इतना ही डर काफी है ।

भगत – सीएमएचओ शर्मा ने भी जिले के दौरे शुरू कर दिए हैं।


बाबा_- बेटा अब सारे जिले के अधिकारी जागृत हो रहे हैं वैसे सीएमएचओ शर्मा ने देवास जिला चिकित्सालय और संजीवनी क्लीनिक के लिए अच्छी मेहनत की है देवास जिला चिकित्सालय का कायाकल्प कर कई अत्याधुनिक सुविधा उपलब्ध कराई है आज देवास का जिला चिकित्सालय निजी नर्सिंग होम को भी मात दे रहा है बस यहां पर कुछ चिकित्सक और कुछ स्टाफ के कर्मचारियों में अगर सुधारा जाए तो देवास जिला चिकित्सालय मॉडल चिकित्सालय बन जाएगा सबसे पहली बार आज के समय में सरकारी अस्पताल से आम जनता का विश्वास उठ गया है बहुत मजबूरी में ही आमजन सरकारी हॉस्पिटल में भर्ती होते हैं और उस पर उनके साथ कुछ चिकित्सक और कर्मचारी आर्थिक कारण से वह बर्ताव करते हैं की वह फिर निजी चिकित्सालय की ओर दौड़ पड़ता है आम गरीब की तो मजबूरी है और मजबूरी का नाम महात्मा गांधी जिला चिकित्सालय बन गया था लेकिन अब हालात बदल रहे धीरे-धीरे आमजन में देवास जिला चिकित्सालय के प्रति विश्वास जगा है जिला प्रशासन और सीएमएचओ को एक विशेष अभियान अपने ही स्टाफ के ह्रदय परिवर्तन के लिए भी चलाना चाहिए कि हम भी इतनी सुविधा तो दे दी अब हमारा व्यवहार बदलना होगा ।

भगत _ बाबा एक चर्चित अधिकारी कमिश्नर के चक्कर में थे।


बाबा  — हां भगत साहब की खूब चली है अब उनकी नजर देवास नगर निगम कमिश्नरी पर थी परंतु वर्तमान विशाल सिंह का कद भी विशाल है देवास में अंगद का पैर है इनको हिलाना अभी तो संभव नहीं है परंतु हो सकता है अपनी थाली छोड़ दूसरे की थाली पर नजर डालने वाले अधिकारी ही कुछ समय बाद बदल सकते हैं।


—बाबा कमिश्नर ने प्रतिनिधि को एक मामले में अच्छा पाठ पढ़ा दिया । बाबा– हां बेटा यहां पार्षद प्रतिनिधि ने उल्टी गाजर खा ली हालांकि वह भी अपने लिए नहीं आम जनता के लिए ही सब ले गए थे परंतु पहले सब चलता था अब कमिश्नर ने संकेत दे दिया है कि अब यह सब नहीं चलेगा । भगत -बाबा कमिश्नर को अपने विभाग में भी सुधार करना चाहिए। बाबा- हां बेटा सही बात है देवास निगम कमिश्नर विशाल सिंह ने देवास विकास के लिए बहुत कुछ किया है लेकिन देवास नगर निगम में भ्रष्टाचार के मामले में कुछ अंतर नहीं आया है यहां इंजीनियर ठेकेदार भाई भाई है कभी किसी कार्य की गुणवत्ता नहीं देखी जो चल रहा है बस वही चल रहा है पीसी फिर बढ़ जाएगी और नगर निगम के किसी भी विभाग में यह नहीं कहा जा सकता है कि यहां बिना पैसे लिए काम हो जाएगा जन्म से लेकर मरण तक नगर निगम से काम आम जनता का पड़ता है और बिना शुभ लाभ के कर्मचारी से लेकर ऊपर तक काम नहीं करते कोटेशन पर कार्य इंजीनियर ठेकेदार की शुद्ध आय का आसान तरीका है।

भगत –बाबा मनोज चौधरी को मंत्री बनाने की चर्चा चल रही थी अब मामला ठंडा है । बाबा –बेटा अभी तो इनकी सीट भी कमजोर बताई जा रही है आने वाले समय में टिकट के लिए भी इनको मशक्कत करना ही पड़ेगी सारे विरोधी एक हो गए हैं फिर पूर्व मंत्री दीपक जोशी भी सक्रिय हो गए हैं तो कांग्रेस से राजवीर सिंह बघेल हारने के बाद ही मैदान में हैं उनके छोटे भाई रघुवीर सिंह बघेल ने पहली मात तो जिला पंचायत उपाध्यक्ष पद हासिल कर दे दी दूसरी जनपद भी कांग्रेस के कब्जे में है मनोज चौधरी पहला चुनाव तो दीपक जोशी के भारी विरोध के कारण आसानी से जीत गए दूसरे उपचुनाव में पूरी सरकार को लड़ना पड़ा अब फाइट आमने-सामने की है और सबसे पहले तो मनोज चौधरी को टिकट के लिए फाइट करना पड़ेगी।

भगत -बाबा भाजपा के पूर्व मंत्री ने निगम परिषद के भ्रष्टाचार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया।

बाबा -तुम ही ने दर्द दिया तुम ही अब दवा देना यही हाल बागली विधानसभा विधायक और  पूर्व मंत्री के बीच की लड़ाई का है पूरा मामला विधायक और पूर्व मंत्री के बीच का है नगर पंचायत में भारी घोटाला फिर बाहर आ गया है इस बार कार्यवाही हो सकती है क्योंकि पूर्व मंत्री दीपक जोशी ने इसे मुद्दा बना लिया है बाकी संगठन बीच में आ गया तो मामला ठंडा भी हो सकता है बहरहाल मामला गर्म है पूर्व मंत्री ने पूर्व कलेक्टर को भी चर्चा मै ला दिया है।

भगत —पुलिस अधीक्षक भी स्वयं मैदान में आकर रात्रि गश्त कर रहे हैं। बाबा -पुलिस अधीक्षक डॉ शिवदयाल सिंह एक्टिव है जिले में अच्छी टीम है अच्छे काम करने के एक बार फिर अवसर है वरना कार्यकाल बहुत जल्द पूर्ण होने जा रहा है कुछ यादगार कर जाए वरना बहुत यादें आम जनता के पास है ।


भगत -सोनकच्छ में नवागत एसडीएम अच्छा काम कर रहे हैं बस अतिक्रमण में उलझ गए

बाबा -सोनकच्छ एसडीएम शिवा ने सप्ताह में 4 बार जनसुनवाई और सीधे जनता से संपर्क कर आमजन के बीच अलग पहचान बना ली है अभी पूरे जिले में एसडीएम शिवा नंबर वन पायदान पर चल रहे हैं बस अतिक्रमण अभियान में जल्दबाजी कर दी खैर आगे लंबी पारी है ।

भगत –संविदा कर्मचारी की हड़ताल जारी है बाबा –कभी भैंस के आगे बीन बजा रहे तो कभी काले गुब्बारे और कभी भगवान के मंदिर में कभी खुले मैदान में आंदोलन कर रहे स्वास्थ्य संविदा कर्मचारी की कोई सुनवाई नहीं कर रहा है कोरोना आपदा में अपनी जान की परवाह न कर सेवा देने वाले स्वास्थ्य संविदा कर्मी अपने ही अधिकार के लिए लंबे समय से आंदोलन कर रहे हैं इनको भी मालूम है विधानसभा चुनाव है अभी ही कुछ हो सकता है वरना फिर वही आश्वासन का लालीपॉप विधानसभा चुनाव के करण 2023 में और भी कर्मचारी संगठन मैदान में आ रहे हैं अब जिला प्रशासन को एक ज्ञापन अधिकारी अलग से रखना ही पड़ेगा। अभी संविदा कर्मचारी सड़क पर है कोरोना वापसी मैं कम से कम इन कर्मचारियों की तो सुन लेना चाहिए।

भगत —विपक्ष कांग्रेसी भी कमर कस कर बैठे हैं। बाबा– हां बेटा विपक्ष में अभी तो इंदौरी सज्जन भैया ही जिले में टॉप चल रहे हैं दूसरे मनोज राजानी फिर इनका विपक्ष पिछले 5 वर्षों से टूट गया है जिलाध्यक्ष इनका शहर अध्यक्ष भी इनका थोड़े बहुत हाथ पैर रितेश त्रिपाठी और प्रदीप चौधरी चलाकर इनके विपक्ष में कुछ तो कर रहे है । युवाओं के कई ग्रुप विरोध में चल रहे हैं परंतु इनके विपक्ष में अभी तक कोई दमदार नेता उभर कर सामने नहीं आया है। मतलब कांग्रेस में अभी एक ही गुट भारी चल रहा है।

भगत —प्राधिकरण में अध्यक्ष और संचालक के दावेदारों के इंतजार की हद हो गई है। बाबा — देवास विकास प्राधिकरण अध्यक्ष का पद भाजपा सरकार में ज्यादा समय तक खाली रहा है इस पर प्रशासनिक अधिकारी ने ज्यादा लाभ लिया है अभी तो देवास कमिश्नर विशाल सिंह की चवन्नी चल रही है ।निगम कमिश्नरी के साथ प्राधिकरण की गिफ्ट में नेताजी की मेहरबानी से मिला है खैर कलेक्टर कमिश्नर के कार्यकाल में प्राधिकरण का कायाकल्प अभी हुआ है और इस कार्यकाल में तो महत्वपूर्ण योजनाएं मूर्त रूप ले रही है ।फिर भी संगठन के लिए अपने कार्यकर्ताओं को लाभ पहुंचाने का उपकृत करने का प्राधिकरण अच्छा माध्यम है संगठन के हिसाब से यह भाजपा संगठन की कमजोरी है कि उनके कई पद वर्षों तक खाली पड़े रहते हैं जबकि कांग्रेस कार्यकाल में तत्काल हर शासकीय पद पर  कार्यकर्ता उपकृत  होता है। वैसे इस पद पर कई हरर्ले नेता कि नजर है ।

भगत -++भाजपा में भी गुटबाजी चरम पर है। बाबा— देवास जिला भारतीय जनता पार्टी में विगत ढाई  दशक से पवार और जोशी गुट मैं प्रतिस्पर्धा रही कभी जोशी तो कभी पवार गुटका दबदबा रहा परंतु पिछले 5 वर्षों में देवास विधायक गायत्री राजे पवार के आने के बाद दूसरा पूर्व मंत्री दीपक जोशी के चुनाव हारने के बाद पवार खेमा भारी रहा जोशी गुट की जगह है भाजपा जिला अध्यक्ष राजू खंडेलवाल राजेश यादव कंपनी ने ले ली अब इसमें एक और भारी नेता सांसद महेंद्र सिंह सोलंकी ने धार्मिक आयोजन से खुला संकेत दिया है अब दूसरा खेमा कुछ मजबूत हुआ है भाजपा मै। विधायक राजे दो बार चुनाव जीतने के साथ नगर निगम मैं महापौर सभापति के साथ अपने पार्षदों को बड़ी संख्या में जीता कर लाई है अभी राजे और महाराज लगातार सक्रिय है। भाजपा में एक और कमान तो पवार खेमे में विधायक  और महाराज ने संभाल रखी है दूसरी और का स्पष्ट नेता लंबे समय तक नहीं रहा है। राजू खंडेलवाल और राजेश यादव ने समय-समय पर समझौता भी किया है और कभी खुले रूप से चुनाव में बगावत नहीं की है। गुटबाजी को समाप्त करने के लिए बड़े नेता प्रदेश प्रदेश स्तर के क्यों नहीं आते इसके पीछे भी एक सटीक कारण है कि वे मानते हैं कि यह ठीक भी है यदि कार्यकर्ता एक ग्रुप से नाराज हो जाता है तो दूसरे ग्रुप में चले जाता है और रहेगा तो संगठन में ही वरना पार्टी बदल लेगा।

भगत –एयरपोर्ट गया देवास जिले से।

बाबा –क्षेत्र के विधायक या तो चाहते नहीं थे या चाह कर भी कुछ कर नहीं पाए ।फिर दोनों ही बागली और खातेगांव क्षेत्र के सांसद भी कुछ नहीं कर सके ।वैसे बेटा इन दोनों विधानसभा में सांसद की उपस्थिति केवल चुनाव या फिर भूमि पूजन लोकार्पण में और खास आयोजन में ही रहती है बड़े सौभाग्य की बात है कि देवास जिले में तीन सांसद प्रतिनिधित्व करते हैं जिसमें दो विदिशा सीट खातेगांव विधानसभा से रमाकांत भार्गव और खंडवा सीट बागली विधानसभा   ज्ञानेश्वर पाटिल सांसद है ,और इन दोनों क्षेत्र के बीच ही एयरपोर्ट आना था ।परंतु क्षेत्र के जनप्रतिनिधि की रूचि नहीं लेने से एयरपोर्ट बाय एयर इंदौर के आसपास चले गया। कुछ भूमि पुत्रों का विरोध जरूर था ,लेकिन यदि इस क्षेत्र में एयरपोर्ट बनता तो विकास के दरवाजे बहुत जल्द खुल जाते हैं। क्षेत्र में रोजगार बढ़ने के साथ ग्रामीण क्षेत्र से पलायन भी रुकता है। परंतु अब यह सब जहां पहले से ही सब कुछ है वही जा रहा है अभी भी जनप्रतिनिधि चाहे तो कुछ हो सकता है।

भगत — आदिवासी की जमीन का मामला भी उठ रहा है।

बाबा..– हां बेटा जिले में कई आदिवासियों की जमीन पर रसूखदार होने कब्जा कर रखा है। देवास के एक व्यापारी जिन्होंने हर तरफ अपना जाल फैला रखा है ।और आए दिन विवादों में चर्चा में रहते हैं इनके द्वारा आदिवासी की जमीन का मामला भी सामने आया है। बहुत जल्द कार्रवाई हो सकती है तो एक जो देवास की जमीन के मामले में भी जिसमें एक धार्मिक व्यक्ति द्वारा बेची गई जमीन लोकायुक्त मैं जाने के बाद कई अधिकारी की इस में उलझ रहे हैं।

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