भाजपा सरकार के 17 वर्ष के कार्यकाल में 14 कलेक्टर बदल गए, बदली नहीं व्यवस्था विकास जरूर हुआ , व्यवस्था में कोई सुधार नहीं, नवागत कलेक्टर ऋषव गुप्ता से भी लगा लेते हैं उम्मीद
दो दशक से भारतीय जनता पार्टी की प्रदेश में सरकार है मात्र 2 वर्ष से भी कम का शासन कांग्रेस ने किया, जिसमें प्रदेश में तो कई सुधार आए जिले में कोई खास सुधार नहीं आ पाया । खैर अभी बात कर रहे हैं हम नवागत कलेक्टर ऋषव गुप्ता की तो जनता की उम्मीदों से रहेगी ही कि वे देवास में विकास तो करें ही व्यवस्था में भी थोड़ा सा सुधार करेंगे ।
शासन सार्थक रहेगा। कलेक्टर से जनता को बहुत उम्मीद रहती है। सरकार आमजन व्यवस्था से परेशान होकर ही बदलती है कांग्रेस् के एक दशक के शासन के बाद भाजपा सरकार आई ।जिनके दम पर भाजपा सरकार आई उमा भारती मुख्यमंत्री कार्यकाल में सबसे पहली कलेक्टर रश्मि अरुण शमी जो कांग्रेस कार्यकाल के मैं आई थी इसी कारण मात्र कुछ महीनों में भाजपा सरकार आते ही चली गई ।दूसरे आशीष श्रीवास्तव विधायक दीपक जोशी के खास होने के साथ उनके क्षेत्र में ही प्रशासन की लापरवाही धारा जी कांड में बह गए अभी तक प्रकरण चल रहा है। देवास में कलेक्टर को मां चामुंडा टेकरी और नेमावर नदी का विशेष ध्यान रखना चाहिए यहां थोड़ी सी भी चूक कलेक्टर की विदाई का कारण बन जाती है। इनके बाद एसके मिश्र जो बहुत ही फास्ट डिसीजन और कुछ देवास में करना चाहते थे। लेकिन प्रदेश के मुख्यमंत्री बदल गए शिवराज सिंह चौहान की खास पसंद होने से उनको अपने पास ही बुला लिया चौथे उमाकांत उमराव ने बलराम तालाब बनवाए और एक अच्छा उद्देश लाए थे लेकिन कृषि विभाग और पंचायत अधिकारी ने कागज पर ही कहीं बलराम तालाब बना दिए अच्छा मिशन जांच में बदल गया उमाकांत उमराव ने कई निष्क्रिय विभागों जागरूक कर व्यवस्था में सुधार के कई प्रयास किए लेकिन कुछ नेता भी इसमें लपेट भारत हो गए और जाना तो था ही उमाकांत उमराव को ।
इसके बाद डॉ नवनीत कोठारी ने भी कुछ अच्छा करने का प्रयास किया लेकिन चुनाव आयोग के तबादले की सूची में आ गए। इनके बाद केवल कुछ दिन के लिए संजय शुक्ला कलेक्टर भी चुनाव आयोग की तलवार से नहीं बच सके। सबसे कम कुछ दिनों का कार्यकाल इनका रहा ।
इसी बीच सचिन सिन्हा अपनी पारिवारिक परेशानियों के कारण आध्यात्मिक और अपना टाइम पास करते रहे। फिर मैडम पुष्पलता सिंह ने आर्थिक मिशन अपनाया। इसके बाद मुकेश गुप्ता ने जरूर कुछ सुधार के प्रयास किए लेकिन नेताओं को पसंद नहीं आए इसके बाद चर्चित कलेक्टर महेश अग्रवाल ने देवास विकास के साथ में व्यवस्था में सुधार के भी बहुत प्रयास किए इनको नेता भी कार्यशैली के कारण पसंद करने लगे थे । इसके बाद कलेक्टर आशुतोष अवस्थी ने मां चामुंडा टेकरी पर अकल्पनीय पथ् वे निर्माण करने के साथ बाबा शीलनाथ धूनी पर विकास । इन के बाद कलेक्टर आशीष सिंह ने देवास विकास के साथ व्यवस्था में सुधार और बहुत कुछ करने का बीड़ा उठाया फल स्वरूप उनको इंदौर कमिश्नर और अब उज्जैन मिला है ।
इसके बाद श्रीकांत पांडे के सामने विधानसभा चुनाव थे और सरकार बदल गई पांडे जी नहीं बदले इनका मन जरूर बदल गया। पूर्व मंत्री सज्जन वर्मा और मनोज राजानी की परिक्रमा से वापस भाजपा सरकार आने पर विधायक राजे परिक्रमा की परंतु जाना ही पड़ा यह जरूरी रिकॉर्ड रहा की दो सरकार बदलने के बाद पांडे जी डटे रहे। भाजपा सरकार वापसी में चंद्रमौली शुक्ला कमिश्नर विशाल सिंह के साथ ही आए चंद्रमौली शुक्ला ने देवास विकास के लिए बहुत कुछ किया बस व्यवस्था में सुधार की तरफ ध्यान नहीं दे सके शहरी क्षेत्र और विधायक राजे वंदन तक ही सीमित रहे जिले में ग्रामीण क्षेत्र में कोई बड़ी योजना सुधार नहीं हो सका विधायक राजे वंदन के कारण इनके कई महत्वपूर्ण कार्य का पूरा श्रेय राजे को मिला। अब नवागत कलेक्टर ऋषव् गुप्ता के सामने देवास में बहुत कुछ करने को है।
कलेक्टर से ही क्यों होती है उम्मीद
जब भी जिले में नया कलेक्टर आता है आमजन को बड़ी उम्मीद बन जाती है क्योंकि कलेक्टर चाहे तो बहुत कुछ बदल सकता है आमजन के दर्द को समझ कर उनकी समस्या का निराकरण शहर विकास के साथ ग्रामीण विकास रोजगार और शिक्षा चिकित्सा क्षेत्र में बहुत कुछ बदला जा सकता है कुछ करने का जुनून कुछ करने का जज्बा और ईमानदारी से नए इतिहास बनते हैं अभी तो केवल इतना ही आगे और बहुत कुछ कलयुग टाइम्स के माध्यम से मिलते रहेंगे कलेक्टर गुप्ता का कार्यकाल यादगार रहे यही हो तो अच्छा नहीं तो एक कलेक्टर का नाम और जिले में जुड़ जाएगा।
