क्यों नहीं बना पा रही कांग्रेस नगर निगम में प्रतिपक्ष नेता ,अब सत्ता पक्ष नेता ही उतरे मैदान में

नगर निगम में नई परिषद 3 माह के बाद भी कांग्रेस द्वारा अभी तक प्रतिपक्ष नेता तय नहीं हो पाया है। जबकि नगर निगम में अभी कांग्रेस के मात्र 8पार्षद है ।और चार निर्दलीय हे इस हिसाब से विपक्ष का स्थान ना के बराबर है फिर भी विपक्ष होना आवश्यक है चाहे नगर निगम के नियम अनुसार भी नहीं हो। लेकिन अगर व्यावहारिक दृष्टिकोण से देखें तो हर जगह विपक्ष आवश्यक है । देवास कांग्रेस द्वारा अभी तक विपक्ष नहीं होने के कारण सत्ता पक्ष के नेता ने अब नगर निगम में लापरवाही को भ्रष्टाचार के खिलाफ खुलकर सामने आने लगे हैं। श्री गणेश विनय सांगते ने किया है और नगर निगम के अधिकारी पद 2 वर्ष में खूब भ्रष्टाचार और लापरवाही के आरोप लगाए हैं ।अब नगर निगम में कुल जमा 8 कांग्रेसी पार्षद मैं मात्र 2 पुरुष और 6 महिला पार्षद है जिसमें सबसे नंबर वन पर दावेदार अहिल्या पवार है दूसरी फरजाना आबिद खान है ।जो लगातार दूसरी बार परिषद में चुनकर आई है। दोनों ही पूर्व मंत्री सज्जन वर्मा समर्थक के है ।जिसमें शहर कांग्रेस अध्यक्ष मनोज राजानी के खास राहुल पवार की माताजी अहिल्या पवार का नाम लगभग तय माना जा रहा था। की प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के खास दीपेश कानूनगो के नाम सामने आने के बाद अभी तक कांग्रेस मैं मामला अटक गया है । दीपेश कानूनगो ने तो बिना प्रतिपक्ष नेता चुने अपना दायित्व निभा दिया एक बड़ा आंदोलन मीना बाजार में कीचड़ में फूल खिला कर कर दिया तो इधर अहिल्या पवार के पुत्र ने भी मध्य प्रदेश विद्युत वितरण कंपनी के खिलाफ मोर्चा खोल श्रीगणेश किया है ।लेकिन नगर निगम में अभी तक कोई बड़ा मुद्दा आंदोलन कांग्रेसी नहीं कर पाए हैं विपक्ष के नाम से मजबूत नेता माने जाने वाले शहर कांग्रेस अध्यक्ष मनोज राजानी अपने खास राहुल पवार को उपकृत करने के कारण दीपेश कानूनगो के लिए रोड़ा बन गए तो उनके समर्थक को भी नियुक्त नहीं कर पाए वही स्वयं भी अभी नगर निगम के खिलाफ कोई बड़ा मुद्दा आंदोलन लेकर सामने नहीं आए हैं ।जबकि भारतीय जनता पार्टी के पार्षद और निर्दलीय पार्षदों ने मोर्चा खोल दिया है ।देवास नगर निगम मैं बहुत कुछ 2 वर्षों में इंजीनियर और अधिकारी कर्मचारी ने मिलकर अनियमितताएं की है ।कई घोटाले और अनियमितताएं आने वाले समय में सामने आ सकती है ।निगम एक्ट में प्रतिपक्ष नेता कम संख्या में हो सकता ना हो लेकिन कांग्रेस को अपना नगर निगम में वजूद दिखाने के लिए किसी को तो दायित्व दिया ना दिया जाना चाहिए ।वरना भारतीय जनता पार्टी के पार्षद दोनों भूमिका निभा लेंगे पक्ष की भी और प्रतिपक्ष की भी और परिणाम भी जनता उसी हिसाब से आने वाले चुनाव में देगी लगातार आंदोलन विरोध करना जरूरी भी नहीं है लेकिन समय-समय पर आम जनता के लिए मुद्दे उठाना नगर निगम मे भ्रष्टाचार अनियमितता की पोल खोलना भी आवश्यक है। अब लंबे समय से अपने प्रतिपक्ष नेता की घोषणा होने का इंतजार कर रहे दीपेश कानूनगो और अहिल्या पवार भी बस इंतजार के अलावा कर भी कुछ नहीं सकते। निगम की दूसरी परिषद बैठक में बिना प्रतिपक्ष नेता के सारे प्रस्ताव पास हो जाएंगे पहली परिषद की बैठक सभापति चुन लेने के कारण मान ली जाती है अब दूसरी परिषद बैठक का सभी पार्षदों को इंतजार है ।क्या उससे पहले शहर जिला कांग्रेस अध्यक्ष देवास नगर निगम में प्रतिपक्ष नेता की घोषणा कर पाएंगे।

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