गाय की हत्या कर गौमांस का व्यापार करने वाले आरोपी को हुई सजा

अभियोजन का प्रकरण इस प्रकार है कि थाना कोतवाली के उपनिरीक्षक एस.एस.मण्डलोई दिनंाक 20.03.2015 को 7.30 बजे के लगभग सईद कुर्रेशी के मकान सरस्वती नगर पानी की टंकी, देवास के आसपास सर्कल गश्त पर थे तब उन्हें मुखबिर सूचना मिली कि अभियुक्त सईद कुर्रेशी अपने मकान में अपने साथी पप्पू उर्फ प्यारे मियॉ के साथ मिलकर गौमांस बेचने हेतु गाय काट रहे हैं, जिस पर विश्वास कर पंचानों को तलब कर हमराह को साथ लेकर घटना स्थल पर पहुॅचे, तो मकान का दरवाजा अंदर से बंद था, सईद को आवाज दी तो उसके द्वारा दरवाजा खोला गया। वह पुलिस को देखकर भागने लगा, उसको पकड़ कर पूछताछ करने पर उसने गाय काटना स्वीकार किया। मकान के आसपास की तलाशी लेने पर मकान के पीछे फर्श पर खून पड़ा होकर गाय की कटी गर्दन व मांस पड़ा मिला तथा एक लोहे का सतुर व छुरी मौके पर मिली। मौके पर दो बेग में कटा हुआ गोमांस भरा मिला। अभियुक्तगण का कृत्य यह धारा 4, 5, 9 म.प्र.गौवंश वध प्रतिषेध अधिनियम एवं धारा 25 आयुध अधिनियम का प्रथम दृष्टि में पाये जाने पर मौके पर जप्त सामान का जप्ती पंचनामा बनाया गया, अभियुक्तगण को गिरफ्तार किया गया। जप्त मांस की जॉच करवायी गयी। थाना वापसी पर अपराध दर्ज कर प्रथम सूचना रिपोर्ट 402/15 लेखबद्ध की गई। अन्य आवश्यक अनुसंधान पूर्ण कर अभियोग पत्र माननीय न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया गया। माननीय मुख्य न्यायिक मजिस्टेªट, जिला देवास द्वारा निर्णय पारित करते हुये आरोपी पप्पू उर्फ प्यारे मियां, उम्र 38 वर्ष, निवासी मोहसीनपुरा देवास (म.प्र.) को मध्यप्रदेश गौवंश वध प्रतिषेध अधिनियम, 2004 की धारा 4/9 के तहत दोषी पाते हयुे 02 वर्ष के सश्रम कारावास एवं 6,000/- रूपये के  अर्थदण्ड से तथा इसी तरह मध्यप्रदेश गौवंश वध प्रतिषेध अधिनियम, 2004 की धारा 5/9 के तहत दोषी पाते हयुे 02 वर्ष के सश्रम कारावास एवं 6,000/- रूपये के  अर्थदण्ड से तथा धारा 25(1-बी)(बी) आयुध अधिनियम के अपराध में दोषी पाते हुये 01 वर्ष के सश्रम कारावास व 1000/- रूपये के अर्थदण्ड से दण्डित किया।       प्रभारी उप संचालक अभियोजन/जिला लोक अभियोजन अधिकारी, श्री राजेन्द्र सिंह भदौरिया द्वारा बताया गया कि उक्त प्रकरण में शासन की ओर से अभियोजन का सफल संचालन श्री प्रहलाद घाटिया, सहायक जिला अभियोजन अधिकारी, जिला देवास द्वारा किया गया तथा कोर्ट मोहर्रिर गणेश परमार का विशेष सहयोग रहा।       श्री प्रहलाद घाटिया     सहायक जिला अभियोजन अधिकारी                                                          

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