मालवी नाटक लाड़ी को बाप का मंचन, 3 सितंबर 8:00 बजे
श्री औदुम्बर ब्राह्मण समाज के अध्यक्ष ओम प्रकाश चौधरी ने बताया की देवास में श्री औदुम्बर महासभा भवन में श्री गणेश स्थापना की गई हैं। इस गणेश उत्स्व अंतर्गत विभिन्न कार्यक्रमो का आयोजन किया जा रहा हैं। इसी कडी मैं दिनांक 03 सितम्बर को शाम 8 बजे देवास के युवा लेखक भावेश कानूनगो द्वारा लिखा तथा इंदौर के रंगकर्मी रजनीश दवे द्वारा निर्देशित मालवी नाटक का मंचन किया जा रहा है। पारंपरिक शादी के तमाम पहलुओं को समेटे हुए है मालवी नाटक ‘लाड़ी को बाप’ ,जिसे इंदौर की प्रतिष्ठित नाट्य संस्था ‘अदा’ द्वारा मंचित किया जाएगा। रिश्ता पक्का होने से लेकर बिदाई तक उत्पन्न होने वाली परिस्थितियों को नाटक में सहज हास्य -व्यंग्य के साथ रोचक तरीके से परोसा गया।है। बाबूराव की बेटी की शादी के लिये लड़के की तलाश के साथ शुरू हुआ नाटक सार्थक संदेश के साथ खत्म होता है। नाटक हास्य के साथ ही लड़की के परिवार और पिता के समक्ष बेटी के ब्याह की चिंता ,उसकी व्यवस्थाओं की चुनौतियों , बेटी के भविष्य की चिंता और अपने सम्मान को बचाए रखने के संघर्ष को भी उजागर करता है।बिदाई के समय लड़की के माता-पिता और परिवार के भावुक हो जाने के भावनात्मक पक्ष को भी खूबसूरती के साथ नाटक में उकेरा गया है।आखरी दृश्य दर्शकों की आँखें नम होने पर मजबूर कर देता है। सीमित संसाधन और सादगी के साथ नाटक मालवी की मिठास को प्रस्तुत करता है। बाबूराव का संवाद- ‘ जिनपे परमेशर की किरपा होय,वेज लाड़ी का बाप होने को सुख भोगी सके। जो छोरी के पेट से बायर आने का पेलाज मार नाखे , वे कंई जाने लाड़ी का बाप होने को सुख ’ ,आधुनिक युग में भी लड़कियों के जन्म को लेकर तुच्छ सोच और कन्या भ्रूण हत्या के विकृत पक्ष को भी उजागर करता है।नाटक इंदौर की प्रतिष्ठित नाट्य संस्था ‘अदा’ द्वारा मंचित किया जा रहा है। मुख्य भूमिकाओं में रजनीश दवे ,,मृदुला दवे ,सागर शेन्डे , प्रियंका खंडेलवाल ,अजय जोशी ,अमित वसुनिया , मंजरी संवत्सर ,आशीष सन्वत्सर ,आर्यन शुक्ला सचिन भावसार , अनिल भाटिया हैं। अतिथि भूमिका तृप्ति जोशी और कोमल दुबे ने निभाई है।
