सरपंच पति बैठक में नहीं हो सकेंगे शामिल , नहीं तो विधिवत हटाने की होगी कार्रवाई , पूर्व में जारी राज्य शासन के आदेश का विरोधी प्रत्याशी उठा रहे मामला क्यों नहीं हो रहा पालन

महिला के अधिकार को सशक्त बनाने के लिए त्रिस्तरीय पंचायत राज को सफल बनाने के लिए राज्य शासन द्वारा अब महिला सरपंच की जगह उनके पति द्वारा बैठक लेने के साथ उनके पूरे अधिकार का दुरुपयोग करने पर नकेल कसी है ।अब सरपंच पति बैठक में भाग नहीं ले पाएंगे, शोभा निकुम राज्य शासन अपर सचिव पंचायत एवं ग्रामीण विकास निगम द्वारा आदेश जारी करने के साथ समस्त जिलों के कलेक्टर और जिला पंचायत जनपद सीईओ को इनकी शिकायत पर इनको विधिवत हटाने की कार्रवाई किए जाने के आदेश जारी किए गए थे अभी तक देखने में ही आया था कि अधिकांश गांव में सरपंच की पत्नी कभी बैठक में ही नहीं आई और उनके पति महोदय पूरा कार्यकाल निकाल गए ।वैसे महापौर से लेकर जिला पंचायत और अन्य पद पर भी यही होता आया है लेकिन उनके पास एक विधायक प्रतिनिधि सांसद प्रतिनिधि का आसरा होता है अब सरपंच क्या करेंगे क्या वह इसका तोड़ निकाल पाएंगे अभी तो पति बाहर बैठे रहेंगे और पत्नी अंदर सरपंच की भूमिका निभाएगी। अगर इस आदेश का पालन हो जाता है तो इस बार विपक्ष में सामने खड़े प्रत्याशी इस आदेश को फिर सामने लाकर सरपंच पति को बाहर बैठने की मांग कर रहे हैं।

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